नई दिल्लीः हिरणकी गांव में लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर एक पंचायत हुई. यहां गांव के किसानों ने इकट्ठा होकर सरकार से मिलने की बात कही. दरअसल दिल्ली के गांवों को शहरों की तरह विकसित करने का कार्य मास्टर प्लान 2021 के तहत शुरू किया गया था.
कई सालों से यह लैंड पूलिंग पॉलिसी अधर में ही लटकी हुई है. लैंड पूलिंग पॉलिसी के तहत किसानों को अपनी जमीन लैंड पूलिंग में डालने के लिए सरकार ने एक क्राइटेरिया निर्धारित किया था. जिस सैक्टर की 70% जमीन लैंड पुलिंग में किसान दे देंगे उस सैक्टर में काम शुरू कर दिया जाएगा.
नेताओं और अधिकारियों से मिलेंगे किसान
दावा किया जा रहा है कि कई सेक्टर में किसानों ने 70% से अधिक जमीन लैंड पूलिंग में डाल दी है, बावजूद इसके कार्य सही से नहीं किया जा रहा है. इसी मुद्दे पर हिरणकी गांव के किसानों की मीटिंग हुई और उन्होंने निर्णय लिया कि वे अधिकारियों से मिलकर नियमित रूप से मीटिंग करेंगे.
किसान मांग करेंगे कि इस कार्य में तेजी लाई की जाए. इस मुद्दे को लेकर किसान PMO, शहरी विकास मंत्री हरदीप पुरी और DDA के अधिकारियों से मीटिंग का समय मांगेंगे और इस पर तेजी से काम करने का अनुरोध करेंगे.
'धीमी गति से चल रहा है लैंड पुलिंग का काम'
बताया गया है कि अभी तक लैंड पूलिंग के तहत जो अर्बन रोड बनाये जाने थे उन पर भी काम शुरू नहीं हुआ. किसानों का कहना है कि जिस सेक्टर की जमीन का क्राइटेरिया पूरा हो गया है, वहां पर सरकार को काम शुरू कर देना चाहिए, लेकिन सरकार अपना सरकारी काम बहुत ही धीमी गति से कर कर रही है. जबकि इस काम मे तेजी की जरूरत है.
काम में तेजी न होने पर किसानों ने प्रदर्शन की दी धमकी
फिलहाल इसी मुद्दे को लेकर के किसान अब एकजुट होना शुरू हो गए हैं ओर जल्दी ही इस बाबत सरकार से मीटिंग करेंगे. यदि मीटिंग में कोई सकारात्मक परिणाम नहीं आया है, तो किसान धरना प्रदर्शन की तैयारी भी कर रहे हैं.