नई दिल्ली: दीपावली त्योहार को लेकर द्वारका के रुक्मिणी द्वारकाधीश इस्कॉन मंदिर में चार दिवसीय दीपदान उत्सव का विशेष आयोजन किया गया. यह चार दिवसीय दीपावली कार्निवाल मंगलवार 14 नवंबर तक चलेगा. इसको लेकर भक्तों के लिए मुफ्त दीपदान का कार्यक्रम आयोजित किया गया. नक्षत्र के अनुसार इस्कॉन में सोमवार को दीपावली पर लगभग 10 हजार की संख्या में श्रद्धालुओं ने इसमें भाग लिया.
मान्यता है कि दीपदान के माध्यम से वे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम को याद करते हैं. उसी प्रसन्नता और उत्साह के साथ जिस तरह अयोध्यावासियों ने श्रीराम को 14 वर्ष के वनवास के बाद अयोध्या आने पर प्रसन्नता के दीप जलाए थे. ये दीप प्रतीक है प्रसन्नता के लिए, समृद्धि के लिए और इस विश्वास के लिए कि भगवान राम एक रक्षक की भांति हर संकट में हमारी सहायता करेंगे. दीपों के उजाले की तरह हमारा जीवन भी प्रकाशमय होगा. इसलिए दीपावली के दिन लोग भले ही कितने व्यस्त क्यों न रहें, लेकिन दीपदान करना नहीं भूलते हैं. माना जाता है कि भगवान को मात्र एक दीपक दिखाने से जन्मों-जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं. उसको भगवान की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है.
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द्वारका इस्कॉन के उपाध्यक्ष गौड़ दास ने बताया कि जब दीपावली के दिन मां यशोदा की ऊखल-रस्सी के साथ कृष्ण ने प्रेमवश अपने आपको बांध लिया था. तभी से इस माह को दामोदर मास भी कहा जाता है. इसलिए भी इस महीने में दीपदान की महत्ता को लोग स्वीकार करते हैं और खुशी-खुशी दीपदान करते हैं. इस दिन रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर में लक्ष्मी स्वरूपा माता रुक्मिणी से उन्नत जीवन के लिए आशीर्वाद प्राप्त करने और दीपों के इस त्योहार का आनंद उठाने के लिए लोग पहुंचते हैं.
उन्होंने बताया कि दीपावली सेलिब्रेशन कार्यक्रम में यहां बच्चों के लिए दीया मेकिंग, रंगोली डेकोरेशन, धनुष कला आदि वर्कशॉप का आयोजन किया गया था, जो बच्चों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा. इसके अलावा सेल्फी प्वाइंट भी बनाया गया, जहां इस दीपावली को लोगों ने सेल्फी लेकर यादगार बनाया.
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