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41 मिनट का वो खौफनाक मंजर जब देश की संसद पर हुआ था हमला, 200 सांसदों की फंस गई थी जान

Security breach inside Lok Sabha: संसद में बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही के दौरान हुई सुरक्षा में चूक ने 22 साल पहले हुए संसद में आतंकी हमले की याद को एक बार फिर ताजा कर दिया है.

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Dec 13, 2023, 4:29 PM IST

41 मिनट का वो खौफनाक मंजर
41 मिनट का वो खौफनाक मंजर

नई दिल्ली: लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को संसद की सुरक्षा में चूक ने देशभर में सनसनी फैला दी. अचानक संसद की सुरक्षा घेरा तोड़कर लोकसभा में दर्शक दीर्घा से दो शख्स कूद गए. सांसदों ने रोकने की कोशिश की और बाद में सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को पकड़ लिया. वहीं, इस चूक ने 22 साल पहले हुए संसद में आतंकी हमले की याद को एक बार फिर ताजा कर दिया.

दरअसल, आज से 22 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को एक सफेद रंग की एंबेसडर कार में कई आतंकवादी हथियारों से लैस होकर संसद में घुस आए थे. उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग करके न केवल सनसनी फैला दी थी, बल्कि उस दौरान संसद के अंदर मौजूद 200 से ज्यादा सांसदों, कई केंद्रीय मंत्रियों की जान को आफत में डाल दिया था. लेकिन, सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते आतंकवादियों को मार गिराया था.

यह है पूरी घटनाक्रम: गौरतलब है कि 13 दिसंबर 2001 को सुबह 11:29 पर अचानक एक सफेद रंग की एंबेसडर कार तेजी से संसद भवन परिसर में घुस रही थी. सुरक्षा कर्मियों ने रोकने की कोशिश की, गाड़ी रुकी नहीं आगे जाकर दिवाईडर से जाकर टकरा गई. टकराते ही गाड़ी का चारों तरफ का गेट खुला और उसमें से हथियार से लैश पांच लोग बाहर निकले और फायरिंग शुरू कर दी.

पार्क में काम कर एक महिला ने चिल्लाया, इस दौरान फायरिंग से कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे. गाड़ी लगातार बढ़ती हुई आखिर में उपराष्ट्रपति के ऑफिस के पास तक पहुंच गई. इस बीच एक आतंकवादी ग्रेनेड लेकर आगे निकला, लेकिन कटीले तार के पास उलझकर गिर गया. उसके हाथ में ग्रेनाइट था, जो फट गया. इससे उसकी मौत हो गई.

बाकी चार आतंकवादी इधर-उधर भागे, एक आतंकवादी गेट नंबर 1 पर फायरिंग करने लगा. बाकी गेट नंबर 12 की तरफ पहुंच गए और संसद भवन के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे. संसद के अंदर जाने वाले 9 सीढ़ियों को पार कर पाते, उससे पहले ही सुरक्षा कर्मियों ने एक-एक करके सभी को ढेर कर दिया. इसी बीच एनएसजी के टीम भी पहुंच गई.

हमले की जानकारी पल भर में दुनिया भर में फैली: चूंकि संसद सत्र चल रहा था, इसलिए सांसदों के अलावा काफी संख्या में मीडिया से जुड़े पत्रकार भी थे. आतंकी हमले ने देश ही नहीं दुनिया के लोगों को चौंका दिया था. क्योंकि वहीं से लाइव रिपोर्टिंग होने लगी थी. भारत के संसद पर हमले की जानकारी पल भर में दुनिया भर में फैल गई थी.

सुबह 11:29 पर आतंकी अंदर घुसे थे और दोपहर 12:10 बजे उनका खात्मा कर दिया गया. पूरे संसद भवन के सघन तलाशी ली गई. इसके ठीक 2 दिन बाद 15 दिसंबर को आतंकवादी हमले के साजिश में अफजल गुरु, एस आर गिलानी, शौकत अली सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. फिर इस मामले में फांसी भी हुई.

नई दिल्ली: लोकसभा की कार्यवाही के दौरान बुधवार को संसद की सुरक्षा में चूक ने देशभर में सनसनी फैला दी. अचानक संसद की सुरक्षा घेरा तोड़कर लोकसभा में दर्शक दीर्घा से दो शख्स कूद गए. सांसदों ने रोकने की कोशिश की और बाद में सुरक्षाकर्मियों ने दोनों को पकड़ लिया. वहीं, इस चूक ने 22 साल पहले हुए संसद में आतंकी हमले की याद को एक बार फिर ताजा कर दिया.

दरअसल, आज से 22 साल पहले 13 दिसंबर 2001 को एक सफेद रंग की एंबेसडर कार में कई आतंकवादी हथियारों से लैस होकर संसद में घुस आए थे. उन्होंने ताबड़तोड़ फायरिंग करके न केवल सनसनी फैला दी थी, बल्कि उस दौरान संसद के अंदर मौजूद 200 से ज्यादा सांसदों, कई केंद्रीय मंत्रियों की जान को आफत में डाल दिया था. लेकिन, सुरक्षा कर्मियों ने समय रहते आतंकवादियों को मार गिराया था.

यह है पूरी घटनाक्रम: गौरतलब है कि 13 दिसंबर 2001 को सुबह 11:29 पर अचानक एक सफेद रंग की एंबेसडर कार तेजी से संसद भवन परिसर में घुस रही थी. सुरक्षा कर्मियों ने रोकने की कोशिश की, गाड़ी रुकी नहीं आगे जाकर दिवाईडर से जाकर टकरा गई. टकराते ही गाड़ी का चारों तरफ का गेट खुला और उसमें से हथियार से लैश पांच लोग बाहर निकले और फायरिंग शुरू कर दी.

पार्क में काम कर एक महिला ने चिल्लाया, इस दौरान फायरिंग से कई सुरक्षाकर्मी घायल हो गए थे. गाड़ी लगातार बढ़ती हुई आखिर में उपराष्ट्रपति के ऑफिस के पास तक पहुंच गई. इस बीच एक आतंकवादी ग्रेनेड लेकर आगे निकला, लेकिन कटीले तार के पास उलझकर गिर गया. उसके हाथ में ग्रेनाइट था, जो फट गया. इससे उसकी मौत हो गई.

बाकी चार आतंकवादी इधर-उधर भागे, एक आतंकवादी गेट नंबर 1 पर फायरिंग करने लगा. बाकी गेट नंबर 12 की तरफ पहुंच गए और संसद भवन के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे. संसद के अंदर जाने वाले 9 सीढ़ियों को पार कर पाते, उससे पहले ही सुरक्षा कर्मियों ने एक-एक करके सभी को ढेर कर दिया. इसी बीच एनएसजी के टीम भी पहुंच गई.

हमले की जानकारी पल भर में दुनिया भर में फैली: चूंकि संसद सत्र चल रहा था, इसलिए सांसदों के अलावा काफी संख्या में मीडिया से जुड़े पत्रकार भी थे. आतंकी हमले ने देश ही नहीं दुनिया के लोगों को चौंका दिया था. क्योंकि वहीं से लाइव रिपोर्टिंग होने लगी थी. भारत के संसद पर हमले की जानकारी पल भर में दुनिया भर में फैल गई थी.

सुबह 11:29 पर आतंकी अंदर घुसे थे और दोपहर 12:10 बजे उनका खात्मा कर दिया गया. पूरे संसद भवन के सघन तलाशी ली गई. इसके ठीक 2 दिन बाद 15 दिसंबर को आतंकवादी हमले के साजिश में अफजल गुरु, एस आर गिलानी, शौकत अली सहित कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. फिर इस मामले में फांसी भी हुई.

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