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द्वारकाः गीता जयंती पर रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर हवन-यज्ञ का आयोजन

गीता जयंती पर दक्षिणी दिल्ली के द्वारका स्थित रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर (Rukmini Dwarkadhish Temple in Dwarka) में गीता के श्लोकों के उच्चारण के साथ हवन यज्ञ का आयोजन किया गया. मन्दिर के सेवादार प्रीतम ने बताया कि गीता जयंती उत्सव में भाग लेकर श्रद्धालुगण अर्जुन की तरह भगवान कृष्ण के प्रिय भक्त, सखा और शिष्य बन सकते हैं.

द्वारकाधीश मंदिर हवन-यज्ञ का आयोजन
द्वारकाधीश मंदिर हवन-यज्ञ का आयोजन
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Published : Dec 3, 2022, 4:04 PM IST

नई दिल्लीः गीता जयंती पर दक्षिणी दिल्ली के द्वारका स्थित रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर (Rukmini Dwarkadhish Temple in Dwarka) में गीता के श्लोकों के उच्चारण के साथ हवन यज्ञ किया गया. इसमें काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. मंदिर में तुलादान और भगवद्गीता वितरण की भी विशेष व्यवस्था की गई. माना जाता है कि गीता जयंती के दिन जो कोई श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों को विनम्र भाव से पढ़ता है और सुनता है तो उसका ह्रदय पवित्र हो जाता है और उसे कोटि-कोटि जन्म का पुण्य लाभ मिलता है.

द्वारका इस्कॉन मंदिर के सेवक अदवेंद गौसाईं दास ने बताया कि इसी दिन कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. यही कारण है कि इस दिन को गीता जयंती के तौर पर मनाया जाता है. इसे हर साल आयोजित किया जाता है. आज द्वारका इस्कॉन टेंपल में हवन का आयोजन किया गया. इसमें सुबह के वक्त संपूर्ण साढ़े 700 श्लोकों का पाठ किया गया. इसके बाद प्रसादम की व्यवस्था की गई. शाम को भी कार्यक्रम आयोजित होंगे, इसमें भी संपूर्ण गीता का भावार्थ पढ़ा जाएगा. इसके बाद गीता क्विज का भी आयोजन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त कई श्लोकों का चयन किया गया है, जिसमें बच्चे, बुजुर्ग, युवा और महिलाओं सभी वर्ग के लोग शामिल हैं.

रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर

ये भी पढ़ेंः मोक्षदा एकादशी आज, व्रत करने से होगी मोक्ष की प्राप्ति, ऐसे करें पूजा

वहीं, मन्दिर के सेवादार प्रीतम ने बताया कि गीता जयंती उत्सव में भाग लेकर श्रद्धालुगण अर्जुन की तरह भगवान कृष्ण के प्रिय भक्त, सखा और शिष्य बन सकते हैं.

नई दिल्लीः गीता जयंती पर दक्षिणी दिल्ली के द्वारका स्थित रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर (Rukmini Dwarkadhish Temple in Dwarka) में गीता के श्लोकों के उच्चारण के साथ हवन यज्ञ किया गया. इसमें काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने हिस्सा लिया. मंदिर में तुलादान और भगवद्गीता वितरण की भी विशेष व्यवस्था की गई. माना जाता है कि गीता जयंती के दिन जो कोई श्रीमद्भगवद्गीता के श्लोकों को विनम्र भाव से पढ़ता है और सुनता है तो उसका ह्रदय पवित्र हो जाता है और उसे कोटि-कोटि जन्म का पुण्य लाभ मिलता है.

द्वारका इस्कॉन मंदिर के सेवक अदवेंद गौसाईं दास ने बताया कि इसी दिन कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान दिया था. यही कारण है कि इस दिन को गीता जयंती के तौर पर मनाया जाता है. इसे हर साल आयोजित किया जाता है. आज द्वारका इस्कॉन टेंपल में हवन का आयोजन किया गया. इसमें सुबह के वक्त संपूर्ण साढ़े 700 श्लोकों का पाठ किया गया. इसके बाद प्रसादम की व्यवस्था की गई. शाम को भी कार्यक्रम आयोजित होंगे, इसमें भी संपूर्ण गीता का भावार्थ पढ़ा जाएगा. इसके बाद गीता क्विज का भी आयोजन किया जाएगा. इसके अतिरिक्त कई श्लोकों का चयन किया गया है, जिसमें बच्चे, बुजुर्ग, युवा और महिलाओं सभी वर्ग के लोग शामिल हैं.

रुक्मिणी द्वारकाधीश मंदिर

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वहीं, मन्दिर के सेवादार प्रीतम ने बताया कि गीता जयंती उत्सव में भाग लेकर श्रद्धालुगण अर्जुन की तरह भगवान कृष्ण के प्रिय भक्त, सखा और शिष्य बन सकते हैं.

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