नई दिल्ली: क्राइम ब्रांच की टीम ने एक एक्स नेवी कर्मचारी को सोमवार रात को गिरफ्तार किया है, जिसकी पुलिस को लगभग 20 सालों से तलाश थी. आरोपी दिल्ली के बवाना में हुए मर्डर और तिलक मार्ग में सेंधमारी की वारदात में वांछित था. स्पेशल पुलिस कमिश्नर रविंद्र सिंह यादव ने बताया कि आरोपी की पहचान 63 वर्षीय बालेश कुमार के रूप में हुई है. वह भारतीय नौसेना में 15 साल नौकरी कर चुका है.
पुलिस के अनुसार उसने 2004 में जोधपुर में अपने आपको मृत साबित कर दिया था, लेकिन वह जिंदा था और अपना नाम बदलकर रह रहा था. साथ ही उसने फर्जी आधार और पैन कार्ड भी बनवा रखा था. उसे डीसीपी अंकित कुमार की देखरेख में एक पुलिस टीम ने गिरफ्तार किया.
उसके बारे में पता लगाने के लिए पुलिस टीम टेक्निकल सर्विलांस की मदद ले रही थी. जब पुलिस को पुख्ता जानकारी मिली तो उसे नजफगढ़ इलाके में छापा मारकर गिरफ्तार कर लिया गया. वह अपना नाम बदलकर अमन सिंह के रूप में रह रहा था. पूछताछ में उसने बताया कि उसने अपने आपको मृत घोषित करके संबंधित डिपार्टमेंट से पेंशन और दूसरे लाभ भी लिए. पुलिस के अनुसार आरोपी एक ट्रक भी चलवाता था, जिसमें उसने एक मई 2004 को राजस्थान के जोधपुर में ट्रक में आग लगा दी थी. इस घटना में दो लोगों की मौत हुई थी, जिसमें उसने खुद को भी मृत दर्शा दिया था. वहीं दूसरे मृत व्यक्ति की पहचान नहीं हो पाई थी.
इससे आरोपी की पत्नी को एक तरफ ट्रक के इंश्योरेंस की रकम और दूसरी तरफ नेवी से उसके पति की पेंशन मिलने लगी. बाद में आरोपी बालेश ने अपने भाई सुंदरलाल के साथ मिलकर राजेश उर्फ खुशीराम नामक शख्स की हत्या कर दी और लाश को बवाना इलाके में ठिकाने लगा दिया था. उस मामले में पुलिस ने सुंदरलाल को गिरफ्तार कर लिया था, जबकि आरोपी तब से फरार चल रहा था.
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पूछताछ में सामने आया कि आरोपी बालेश मूल रूप से पानीपत के समालखा विधानसभा का रहने वाला है. आठवीं तक पढ़ाई करने के बाद 1981 में वह भारतीय नौसेना में काम करने लगा था और 15 साल की नौकरी के बाद 1996 में वह रिटायर हो गया था. इसके बाद वह उत्तम नगर के संतोष पार्क में रहने लगा था. क्राइम ब्रांच की टीम ने राजस्थान के डांडियावार थाने की पुलिस को मामले की सूचना दे दी है, ताकि 20 साल पुराने मामले को रिओपन कर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाए.
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