नई दिल्ली: उपराज्यपाल की अध्यक्षता में डीडीए (Delhi Development Authority) की बैठक हुई. वीडियो कॉफ्रेंसिंग (Video Conferencing) के माध्यम से बैठक का आयोजन किया गया. बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गये. इस बैठक में अनुराग जैन, आईएएस, उपाध्यक्ष डीडीए और विधायक विजेंदर गुप्ता, विधायक सोमनाथ भारती, विधायक ओ पी शर्मा और निगम पार्षद, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम कैलाश सांकला समेत प्राधिकरण के अन्य सदस्य उपस्थित थे.
बैठक में CNG स्टेशन साइट्स के आवंटन नीति, CNG स्टेशन साइट प्लट्स के आवंटन की प्रक्रिया में पारदर्शिता लाने और दक्षता बढ़ाने के लिए प्राधिकरण ने CNG स्टेशन स्थलों की ई-नीलामी के लिए नीति को अनुमोदित किया गया है. जिसके अंतर्गत DDA लाइसेंस के आधार पर नीलामी पद्धति द्वारा व्यक्तियों अथवा गैस वितरण कंपनियों अथवा अपने आशय-पत्र धारकों को साइट्स का आवंटन करेगा.
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बता दें कि इससे पहले भूमि 5 साल के लिए आवंटित की गई थी और दरों में वृद्धइ भी निश्चित नहीं थी क्योंकि यह औसत नीलामी दरों से संबंधित थी. नई नीति के तहत लाइसेंस की अवधि 10 साल होगी और इसे 30 सालों तक नवीकृत किया जा सकेगा और लाइसेंस फीस में वृद्धि निर्धारित दर पर होगी. राजधानी दिल्ली में ग्रीन ईंधन को बढ़ावा देने के लिए प्राधिकरण ने आरक्षित मूल्य को निर्धारित करने में भूमि के मूल्य पर 50 प्रतिशत की छूट देने का निर्णय लिया. यह लाइसेंस फीस पड़ोसी राज्यों में देय शुल्क की तुलना में काफी कम है.
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नई नीति निश्चितता के माहौल को सुधारकर निजी निवेश को बढ़ावा देगी. नई नीति भविष्यवादी है और व्यापार करने में आसानी में सुधार करती है. यह CNG और अन्य नॉन फॉसिल फ्यूल (Non Fossil Fuel) की अनुमति देती है. इसके अतिरिक्त केवल वे प्रतिबंध है जो पैट्रोलियम और विस्फोटक सुरक्षा संगठन और एकीकृत भवन उप विधि के अनुसार अनिवार्य है.
गैस वितरण कंपनियां उनके एलओआई (Letter Of Intent) होल्डर अथवा वह व्यक्ति जिन्हें एक साल की अवधि के अंदर एलओआई प्राप्त होने की संभावना है. वह नीलामी में भाग लेने के पात्र हैं. अत: कोई व्यक्ति जिनके पास नीलामी के समय LOI नहीं है, परन्तु जो मैसर्स आईजीएल (Indraprastha gas Limited) का LOI प्राप्त करने का पात्र है वह ई-नीलामी प्रक्रिया में भी भाग ले सकता है. यह भी निर्णय लिया गया कि कंपनी के स्वामित्व वाले कंपनी ऑपरेट (Contractor-Owned, Contractor-Operated) मॉडल पर स्टेशन चलाने के लिए IGL को सीधे ही 25 प्रतिशत साइट आबंटित की जाएं.
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प्राइवेट मोड्स के लिए मल्टी लेवल पार्किंग के विकास नियंत्रण मानदंड (Development Control Norms) दिल्ली मुख्य योजना-2021 में संशोधन को एक भाग के रूप में आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के विचारार्थ और अंतिम अनुमोदन के लिए प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किए गए थे. यह प्रस्ताव प्रारंभ में प्राधिकरण द्वारा 13 अप्रैल 2021 तारीख को हुई अपनी बैठक में अनुमोदित किया गया था. इसके बाद आपत्तियां, सुझाव आमंत्रित करने के लिए एक सार्वजनिक सूचना जारी की गई थी.
इन नए मानदंडों से कमर्शियल प्रयोग के लिए उपयोग किए जाने के लिए FAR के संदर्भ में और अधिक स्पष्टता आएगी. जो इस परियोजना की व्यवहार्यता को ध्यान में रखते हुए एक पूर्वापेक्षा है. वर्तमान संशोधनों में उन भू-खंडों पर कमर्शियल FAR के विभाजन के लिए एक ग्रेडिड दृष्टिकोण अपनाया गया है. जो भू-खंड के आकार के अनुसार अलग-अलग होता है. इन मानदंडों में सार्वजनिक उपयोग के लिए निर्मित किए जाने वाले भू-खंडों के विशिष्ट आकार के लिए कमर्शियल FAR का प्रावधान करने को लचीला बनाया गया बशर्तें कि ट्रैफिक इम्पैक्ट एसेसमेंट और ट्रैफिक मैनेंजमेंट प्लान की निर्धारित शर्तें पूरी होती हों.
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यह अनिवार्य बनाया गया कि MLCP के निर्माण को टीआईए और टीएमपी अध्ययनों से लिंक किया जाए और प्रबंधन का कार्य एक ही एजेंसी को सौंपा जाए, ताकि MLCP का समुचित उपयोग सुनिश्चित किया जा सके और आस-पास के क्षेत्रों में भीड़-भाड़ को कम किया जा सके. इसके अलावा साल 2019-2020 के लिए प्राधिकरण के वार्षिक लेखों को प्राधिकरण द्वारा अनुमोदित किया गया था.
इसके अलावा आवास विभाग से संबंधित प्रक्रियाओं का कम्प्यूटरीकरण, डीडीए के प्रमुख लोक सम्पर्क विभाग पीएम उदय, भूमि निपटान और आवास है. पीएम उदय और एलडी में प्रक्रियाओं को पहले ही कम्प्यूटरीकृत किया जा चुका है. प्राधिकरण की जानकारी में लाया गया कि आवास की प्रक्रियाओं को भी कम्प्यूटरीकृत कर दिया गया है और 1 जून 2021 से केवल ऑनलाइन आवेदन प्राप्त किए जा रहे हैं. ऑफलाइन प्रक्रिया को खत्म कर दिया गया है. सभी ऑफ़लाइन मामलों को समयबद्ध तरीके से निपटान करने के लिए एक अभियान शुरू किया गया ताकि ऑनलाइन प्रक्रियाओं के शुरू होने के बाद कोई भी मामला सिटीजन चार्टर में निर्धारित समय से अधिक लंबित न रहे.
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जनवरी 2021 में प्राधिकरण की बैठक में भी इस मामले पर चर्चा की गई थी, जहां यह इच्छा जाहिर की गई थी कि प्रक्रिया जल्द से जल्द पूरी की जाए. उपाध्यक्ष अनुराग जैन ने बताया कि 1 जून 2021 से पहले आवास विभाग का कोई मामला डीडीए की ओर से लम्बित नहीं है. हालांकि 882 ऐसे मामले लंबित हैं जहां आवेदकों की ओर से कार्रवाई प्रतीक्षित है. जिसके अन्तर्गत या तो भुगतान देय है या कुछ दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता है. इन आवेदकों के नाम और अन्य विवरण डीडीए की वेबसाइट पर अपलोड कर दिए गए हैं. आवेदक NSK आईडी का उपयोग करके ऑनलाइन कमी पत्र का उपयोग कर सकते हैं.
बता दें कि लंबित मामलों को कम करने के लिए DDA का भूमि निपटान विभाग भी इसी तरह के प्रयास कर रहा है और आशा है कि लंबित मामलों को नागरिक चार्टर में निर्धारित समय-सीमा के अंदर सितंबर 2021 तक निपटा दिया जाएगा.