नई दिल्ली: लॉकडाउन के बाद से अपने गांव और घर के जाने के लिए मजबूर हुए मजदूरों के लिए वेस्ट दिल्ली में दिल्ली सुधार आश्रय बोर्ड (DUSIB) के अलावा 9 शेल्टर होम बनाए गए हैं. इस बारे में ईटीवी भारत की टीम को एक्सक्लूसिव जानकारी देते हुए पश्चिमी जिले के एडीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि इन 9 शेल्टर होम में 1003 लोगों को रखा गया है. जिनके लिए प्रशासन के जरिये सभी आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध कराई गई है.
आर्थिक तंगी के कारण शुरू किया पलायन
एडीएम धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि लॉकडाउन होने के बाद मजदूरों का कामधाम पूरी तरह से बंद हो गया था. आर्थिक तंगी और भूखमरी के कारण उन्होंने दिल्ली से पलायन शुरू कर दिया था. जिसको रोकने के लिए विभिन्न जिला प्रशसान और पुलिस उन्हें दिल्ली से बाहर जाने से रोक रही थी.
1003 लोगों के 9 शेल्टर होम
ऐसे में उनके रहने और खाने की व्यवस्था के लिए DUSIB के रैन बसेरे काफी नहीं थे. इसलिए गरीब मजदूरों के लिए विभिन्न स्कूलों में 9 शेल्टर होम बनाए गए है. जिनमें 1003 लोग रुके हुए हैं.
वहीं प्रशासन के जरिये इन लोगों के खाने-पीने और जरूरतों के सभी समानों को भी उपलब्ध कराया जा रहा है. ताकि इनको किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत ना हो.