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कालकाजी मंदिर पर आए अदालत के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करेगा मंदिर प्रशासन - अदालत के फैसले पर पुनर्विचार याचिका

दिल्ली के कालकाजी मंदिर (Kalka Ji temple) को लेकर हाईकोर्ट (High Court) के का फैसला आया है. इसमें अदालत ने प्रशासक की नियुक्ति की है. फैसले के दो बिंदुओं पर अब मंदिर प्रशासन पुनर्विचार याचिका दायर करेगा.

Kalkaji temple
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Published : Oct 2, 2021, 11:13 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली के कालकाजी मंदिर (Kalka Ji temple) को लेकर हाईकोर्ट (High Court) का फैसला आया है. जिसमें अदालत के द्वारा प्रशासक की नियुक्ति की गई है. वहीं अब आदेश के बाद मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत (Peethadheeshwar Surendranath Avadhoot) ने बताया है कि हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं. लेकिन दो बिंदुओं पर हमारी आपत्ति है जिसको लेकर हम पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे.

कालकाजी पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत (Peethadheeshwar Surendranath Avadhoot) ने ईटीवी भारत को बताया कि अदालत के द्वारा कालकाजी मंदिर के विकास और प्रबंधन के लिए प्रशासक की नियुक्ति की गई है. हम इसका स्वागत करते हैं और हम चाहते हैं कि मंदिर का विकास होना चाहिए, लेकिन हमारी दो बिंदुओं पर आपत्ति है.

फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करेगा मंदिर प्रशासन.

ये भी पढ़ें: कालकाजी मंदिर: हाईकोर्ट ने प्रबंधन के लिए की प्रशासक की नियुक्ति

सुरेंद्रनाथ अवधूत का कहना है कि आदेश में कहा गया है कि मंदिर के जो दान पात्र हैं उसकी चाबी प्रशासक के पास होगी. इस पर हमारी असहमति है इसके अलावा जो तजबजारी होती है उस पर पुजारी का अधिकार होता है. इन्हीं दो बिंदुओं को लेकर हम अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे और हमें उम्मीद है कि हमें इसमें छूट मिलेगी. बाकी हम मंदिर के विकास और व्यवस्थापक के लिए प्रशासक के कार्यों का स्वागत करते हैं.

ये भी पढ़ें: नवरात्रि में भक्तों के लिए खुला रहेगा कालकाजी मंदिर, जानें क्या रहेगी शर्त

बता दें कि कोर्ट के द्वारा कालकाजी मंदिर के रोजाना प्रबंधन, व्यवस्था और विकास के लिए प्रशासक की नियुक्ति की गई है, जिसके बाद मंदिर प्रशासन के द्वारा इसमें कुछ बिंदुओं को लेकर असहमति जाहिर कर पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कही जा रही है.

नई दिल्ली: दिल्ली के कालकाजी मंदिर (Kalka Ji temple) को लेकर हाईकोर्ट (High Court) का फैसला आया है. जिसमें अदालत के द्वारा प्रशासक की नियुक्ति की गई है. वहीं अब आदेश के बाद मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत (Peethadheeshwar Surendranath Avadhoot) ने बताया है कि हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं. लेकिन दो बिंदुओं पर हमारी आपत्ति है जिसको लेकर हम पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे.

कालकाजी पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत (Peethadheeshwar Surendranath Avadhoot) ने ईटीवी भारत को बताया कि अदालत के द्वारा कालकाजी मंदिर के विकास और प्रबंधन के लिए प्रशासक की नियुक्ति की गई है. हम इसका स्वागत करते हैं और हम चाहते हैं कि मंदिर का विकास होना चाहिए, लेकिन हमारी दो बिंदुओं पर आपत्ति है.

फैसले पर पुनर्विचार याचिका दायर करेगा मंदिर प्रशासन.

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सुरेंद्रनाथ अवधूत का कहना है कि आदेश में कहा गया है कि मंदिर के जो दान पात्र हैं उसकी चाबी प्रशासक के पास होगी. इस पर हमारी असहमति है इसके अलावा जो तजबजारी होती है उस पर पुजारी का अधिकार होता है. इन्हीं दो बिंदुओं को लेकर हम अदालत में पुनर्विचार याचिका दायर करेंगे और हमें उम्मीद है कि हमें इसमें छूट मिलेगी. बाकी हम मंदिर के विकास और व्यवस्थापक के लिए प्रशासक के कार्यों का स्वागत करते हैं.

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बता दें कि कोर्ट के द्वारा कालकाजी मंदिर के रोजाना प्रबंधन, व्यवस्था और विकास के लिए प्रशासक की नियुक्ति की गई है, जिसके बाद मंदिर प्रशासन के द्वारा इसमें कुछ बिंदुओं को लेकर असहमति जाहिर कर पुनर्विचार याचिका दायर करने की बात कही जा रही है.

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