नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पर 50 गांवों के किसान पिछले 53 दिनों से अपनी मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को समाजवादी पार्टी के 12 सदस्य प्रतिनिधिमंडल ने जेल में बंद 33 किसानों से मुलाकात की. उसके बाद ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के धरने पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे और समाजवादी पार्टी के प्रतिनिधिमंडल ने किसानों के धरने को अपना समर्थन दिया. इससे पहले 6 जून को पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करते हुए 33 किसानों को जेल भेज दिया था.
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा 12 सदस्य गठित प्रतिनिधिमंडल शुक्रवार को किसानों के बीच पहुंचा. इस दौरान उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को लेकर चल रहे धरने को उनका पूरा समर्थन है. प्रतिनिधिमंडल में शामिल मेरठ के सरधना विधायक अतुल प्रधान ने कहा कि यह किसानों का आंदोलन है. इस आंदोलन में सपा पार्टी किसानों के साथ रहेगी. कहीं भी किसानों की मांगों को लेकर बैठना पड़ेगा. धरना देना पड़ेगा. यहां तक कि अगर दोबारा जेल भी जाना पड़ेगा तो समाजवादी पार्टी किसानों के साथ रहेगी.
प्राधिकरण कार्यालय बंद करने की चेतावनी: सपा विधायक ने कहा कि किसानों पर पुलिस और प्रशासन के द्वारा की गई कार्रवाई पूरी तरह से असंवैधानिक है. सरकार किसानों को उनका हक नहीं देना चाहती है. इसलिए आंदोलन कर रहे किसानों पर इस तरह की कार्रवाई की जा रही है. उन्होंने कहा कि जल्द ही यहां पर एक महापंचायत की जाएगी. महापंचायत के दिन प्राधिकरण कार्यालय को पूरी तरह से बंद कर दिया जाएगा. उसके बाद यह कार्यालय तब तक नहीं खुलेगा तब तक किसानों की मांगे पूरी नहीं हो जाएंगी.
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गौरतलब है कि ग्रेटर नोएडा में अखिल भारतीय किसान महासभा के बैनर तले किसान अपनी मांगों को लेकर पिछले 53 दिनों से ग्रेनो प्राधिकरण कार्यालय के बाहर महापड़ाव में डटे हुए हैं. किसान नए भूमि अधिग्रहण कानून के तहत मुआवजा, आबादी की लीजबैक, भूमिहीन किसानों को प्लॉट, 64% अतिरिक्त बढ़ा हुआ मुआवजा और रोजगार सहित अन्य कई मांगों को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी के बीच 6 जून को प्राधिकरण कार्यालय पर पुलिस के द्वारा किसानों पर लाठीचार्ज की गई और उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करते हुए 33 किसानों को जेल भेज दिया गया. प्राधिकरण के द्वारा 60 किसानों के खिलाफ सूरजपुर थाने में बुधवार को फिर मामला दर्ज किया गया है.
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