ETV Bharat / state

CAA से ज्यादा खतरनाक तो NPR है: संदीप दीक्षित

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित जामिया मिल्लिया इस्लामिया में CAA और NRC के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए. इस मौके पर उन्होंने कहा कि यह लड़ाई संविधान विरोधी कानून को वापस लेने तक जारी रहेगी.

NPR is more dangerous than CAA said Sandeep Dixit
संदीप दीक्षित
author img

By

Published : Jan 21, 2020, 6:56 PM IST

Updated : Jan 21, 2020, 8:01 PM IST

नई दिल्ली: CAA और NRC के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया में करीब 40 दिन से छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारी छात्रों को मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित का भी समर्थन मिला.

संदीप दीक्षित पहुंचे जामिया

इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा यह सरकार अपने हिन्दुत्ववादी एजेंडे पर काम कर रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार देश को धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है. लेकिन हम लोग सरकार को उसके मंसूबे में कामयाब नहीं होने देंगे.

'धर्म के नाम पर बांट रही है सरकार'
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि यह आंदोलन विद्यार्थियों और युवा वर्ग का है. मैं अक्सर इन लोगों को अपना समर्थन देने के लिए आता रहता हूं. उन्होंने कहा कि CAA को वापस कराने की लड़ाई कोर्ट में लड़ी जा रही है. यह सरकार नागरिकता को धर्म के नाम पर बांट रही जोकि पूरी तरह से संविधान विरोधी है.

दीक्षित ने कहा कि धर्म की जगह अगर इसमें सरकार ने धार्मिक रूप से प्रताड़ित व्यक्ति को नागरिकता देने की बात की होती तो किसी को कोई परेशानी नहीं होती. लेकिन गृह मंत्री अमित शाह का मंसूबा है कि देश को धर्म के नाम पर बांटे और यह कानून उसी की राह पर लाया गया है.

'CAA से ज्यादा खतरनाक तो NPR है'
उन्होंने कहा कि CAA से भी ज्यादा खतरनाक तो NPR है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NRC को वापस लेने की बात कही है लेकिन एनपीआर के जरिए सरकार ने कुछ ऐसे सवाल पूछने जा रही जोकि काफी खतरनाक है. उन्होंने कहा कि जो सवाल एनपीआर में पूछे जाने हैं वह आज तक लोगों से कभी नहीं पूछे गए हैं.

यह एक तरह से लोगों पर अंकुश लगाने को लेकर किया जा रहा है और इसके बाद वह अपनी मर्ज़ी से उन्हें जिस सूची में डालना चाहेंगे वहां डाल देंगे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति एनपीआर के लिए सर्वे करने के लिए आएगा उसको कोई जवाब नहीं दिया जाएगा.

नई दिल्ली: CAA और NRC के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया में करीब 40 दिन से छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इन प्रदर्शनकारी छात्रों को मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित का भी समर्थन मिला.

संदीप दीक्षित पहुंचे जामिया

इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा यह सरकार अपने हिन्दुत्ववादी एजेंडे पर काम कर रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार देश को धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है. लेकिन हम लोग सरकार को उसके मंसूबे में कामयाब नहीं होने देंगे.

'धर्म के नाम पर बांट रही है सरकार'
वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि यह आंदोलन विद्यार्थियों और युवा वर्ग का है. मैं अक्सर इन लोगों को अपना समर्थन देने के लिए आता रहता हूं. उन्होंने कहा कि CAA को वापस कराने की लड़ाई कोर्ट में लड़ी जा रही है. यह सरकार नागरिकता को धर्म के नाम पर बांट रही जोकि पूरी तरह से संविधान विरोधी है.

दीक्षित ने कहा कि धर्म की जगह अगर इसमें सरकार ने धार्मिक रूप से प्रताड़ित व्यक्ति को नागरिकता देने की बात की होती तो किसी को कोई परेशानी नहीं होती. लेकिन गृह मंत्री अमित शाह का मंसूबा है कि देश को धर्म के नाम पर बांटे और यह कानून उसी की राह पर लाया गया है.

'CAA से ज्यादा खतरनाक तो NPR है'
उन्होंने कहा कि CAA से भी ज्यादा खतरनाक तो NPR है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने NRC को वापस लेने की बात कही है लेकिन एनपीआर के जरिए सरकार ने कुछ ऐसे सवाल पूछने जा रही जोकि काफी खतरनाक है. उन्होंने कहा कि जो सवाल एनपीआर में पूछे जाने हैं वह आज तक लोगों से कभी नहीं पूछे गए हैं.

यह एक तरह से लोगों पर अंकुश लगाने को लेकर किया जा रहा है और इसके बाद वह अपनी मर्ज़ी से उन्हें जिस सूची में डालना चाहेंगे वहां डाल देंगे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति एनपीआर के लिए सर्वे करने के लिए आएगा उसको कोई जवाब नहीं दिया जाएगा.

Intro:नई दिल्ली ।

सिटिजन अमेंडमेंट एक्ट और एनआरसी के खिलाफ जामिया मिल्लिया इस्लामिया में करीब 40 दिन से छात्र विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. वही इन प्रदर्शनकारियों को मंगलवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित का भी समर्थन मिला. इस दौरान उन्होंने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और कहा यह सरकार अपने हिंदुत्ववादी एजेंडे पर काम कर रही है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार देश को धर्म के नाम पर बांटने का प्रयास कर रही है. लेकिन हम लोग सरकार को उसके मंसूबे में कामयाब नहीं होने देंगे.


Body:धर्म के नाम पर सरकार बांट रही है

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता संदीप दीक्षित ने कहा कि यह आंदोलन विद्यार्थियों और युवा वर्ग का है मैं अक्सर इन लोग अपना समर्थन देने के लिए आता रहता हूं. उन्होंने कहा कि सीएए को वापस कराने की लड़ाई कोर्ट में लड़ी जा रही है. साथ ही कहा कि यह सरकार नागरिकता को धर्म के नाम पर बांट रही जोकि पूरी तरह से संविधान विरोधी है. दीक्षित ने कहा कि धर्म की जगह अगर इसमें सरकार ने धार्मिक रूप से प्रताड़ित व्यक्ति को नागरिकता देने की बात की होती तो किसी को कोई परेशानी नहीं होती. लेकिन गृह मंत्री अमित शाह का मंसूबा है कि देश को धर्म के नाम पर बांटे और यह कानून उसी की राह पर लाया गया है.

सीएए से ज़्यादा खतरनाक तो एनपीआर है

उन्होंने कहा कि सीएए से भी ज़्यादा खतरनाक तो एनपीआर है क्योंकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एनआरसी को वापस लेने की बात कही है लेकिन एनपीआर के जरिए सरकार ने कुछ ऐसे सवाल पूछने जा रही जोकि काफी खतरनाक है. उन्होंने कहा कि जो सवाल एनपीआर में पूछे जाने हैं वह आज तक लोगों से कभी नहीं पूछे गए हैं. यह एक तरह से लोगों पर अंकुश लगाने को लेकर किया जा रहा है और इसके बाद वह अपनी मर्ज़ी से उन्हें जिस सूची में डालना चाहेंगे वहां डाल देंगे. इस मौके पर उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति एनपीआर के लिए सर्वे करने के लिए आएगा उसको कोई जवाब नहीं दिया जाएगा.



कि दूसरा एनआरसी


Conclusion:वहीं उन्होंने कहा कि यह लड़ाई संविधान विरोधी कानून को वापस लेने तक जारी रहेगी.
Last Updated : Jan 21, 2020, 8:01 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.