नई दिल्ली : दिल्ली नगर निगम की तरफ से जारी बयानों में कहा गया हैं की दिल्ली नगर निगम वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने की दिशा में अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ रहा है.एमसीडी विंटर एक्शन प्लान (डब्ल्यूएपी)-2023-24 को सख्ती से लागू कर रहा है और प्रदूषण फैलाने वालो के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रहा है. एमसीडी ने 1119 अधिकारियों की 517 टीमें गठित की हैं जो कड़ी निगरानी कर रही हैं.
अधिकारियों को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत खुले में कूड़ा जलाने, अवैध मलबा फेंकने, सीएंडडी साइटों और सड़कों पर धूल प्रदूषण फैलाने संबंधी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के निर्देश दिए गए हैं. इन टीमों द्वारा उल्लंघनकर्ताओं के चालान काटे जा रहे हैं.
पिछले एक महीने के दौरान एमसीडी टीमों ने विभिन्न उल्लंघनों के आधार पर चालान जारी किए हैं. एमसीडी टीमों ने पिछले दो दिनों में खुले में कूड़े जलाने के लिए 77 चालान काटे और 65000/- रुपये का जुर्माना लगाया गया. सी एंड डी अपशिष्ट मानदंडों से संबंधित उल्लंघन के लिए, 91 चालान काटे गए और 11.8 लाख. रुपए का जुर्माना लगाया गया. अक्टूबर माह के दौरान सी एंड डी साइटों पर मानदंडों के उल्लंघन के लिए 163 चालान जारी किए गए हैं और 34 लाख जुर्माना लगाया गया.
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एमसीडी टीमों ने निर्माण स्थलों पर धूल प्रदूषण के लिए 08 चालान भी जारी किए और 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया. एमसीडी ने अवैध कूड़ा डंपिंग के लिए 13 चालान जारी किए और 36000/- रुपये का जुर्माना लगाया. एमसीडी टीमों ने 38 अनधिकृत कोयला तंदूर को नष्ट/जब्त किया. खाना बनाने में कोयले का उपयोग करने वाले 4 काउंटर भी जब्त किये गये.
उल्लंघनकर्ताओं पर कार्रवाई करने के साथ-साथ, एमसीडी ने वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए कई उपाय किए हैं. इस दिशा में काम करते हुए एमसीडी ने विभिन्न स्थानों पर एंटी स्मॉग गन (एएसजी) 60 लगाए हैं. वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए आनंद विहार में 12, मुंडका में 06 एवं वजीरपुर में, पंजाबी बाग में 06 और अन्य स्मॉग गनों को बाकी बचे हॉटस्पॉट क्षेत्रों में तैनात किया गया है .
एमसीडी वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए और भी उपाय कर रही है। एमसीडी ने पीडब्ल्यूडी सड़कों पर सफाई करने के लिए 52 मैकेनिकल रोड स्वीपर लगाए हैं. उनके चक्कर और अवधि को भी GRAP के विभिन्न चरणों के अनुसार बढ़ाया गया है.
एमसीडी ने 225 वाटर स्प्रिंकलर्स भी लगाए हैं और 30 मोबाइल एंटी स्मॉग गन भी कार्यशील हैं और धूल प्रदूषण को कम करने के लिए मुख्य सड़कों पर काम कर रहे हैं. हॉटस्पॉट क्षेत्रों में पानी के छिड़काव को बढ़ा दिया गया है. निगम द्वारा प्रत्येक जोन को डस्ट सप्रेसेंट खरीदने के लिए 20 लाख रुपये का बजट उपलब्ध कराया गया है.
एमसीडी ने अपने विभिन्न प्रतिष्ठानों जैसे सी एंड डी प्लांट, एसएलएफ, डब्ल्यूटीई आदि में 20 एंटी-स्मॉग गन की व्यवस्था की है. सभी को विस्तारित समय तक संचालित करने का निर्देश दिया गया है. 15 एमसीडी की चिन्हित ऊंची इमारतों पर एजीएस स्थापित किए गए हैं और वर्तमान में कार्यशील हैं. निर्माण स्थलों पर भी 71 एंटी स्माॉग गन लगाए गए हैं और टीमों द्वारा नियमित रूप से निरीक्षण किया जा रहा है.
डीपीसीसी ने हॉटस्पॉट क्षेत्र में विभिन्न एजेंसियों से संबंधित वायु प्रदूषण के विभिन्न सूक्ष्म स्रोतों की पहचान की है. इसके अनुसार, हॉटस्पॉट के आसपास वायु प्रदूषण से निपटने के लिए विभिन्न हितधारक विभागों के साथ-साथ नोडल अधिकारियों (जोन के उपायुक्त) द्वारा सभी जरूरी कार्रवाई की जा रही है. 504 साइटों को डीपीसीसी सी एंड डी वेब पोर्टल पर पंजीकृत किया गया है और निर्माण और विध्वंस गतिविधियों की जांच के लिए गठित जोनल टीमों द्वारा इन साइटों की नियमित निगरानी की जा रही है.
एमसीडी ने मलबा डालने के लिए 146 स्थल नामित किए हैं. विभिन्न वार्डों में सी एंड डी अपशिष्ट/मलबे के डंपिंग के लिए स्थलों की सूची। मलबे की अवैध डंपिंग को रोकने के लिए 34 मलबा निपटान स्थल और बनाए जा रहे हैं.दीर्घ अवधि प्रयासों के तहत एमसीडी ने अप्रैल 2023 से अक्टूबर 2023 की अवधि में 75505 पौधे व 221338 छाड़िया लगाई गई हैं जिससे वायु प्रदूषण को कम करने में मदद मिलेगी.
अप्रैल, 2022 से अक्टूबर, 2023 की अवधि के दौरान 214 किमी लंबाई की सड़कों का नवीनीकरण/मरम्मत की गई है. एमसीडी ने क्षेत्र को कवर करने वाले लगभग 68,000 गड्ढे भरें हैं.इसके अलावा, गडडों को भरने का कार्य भी किया जा रहा है.जोनल अधिकारियों को वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम) द्वारा जारी संशोधित जीआरएपी दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करने का निर्देश दिया गया है.