नई दिल्ली/गाजियाबाद: हिंदू पंचांग के अनुसार, माघ मास की शुरुआत 7 जनवरी से हो गई. इस मास के कृष्ण पक्ष को पड़ने वाली अमावस्या को मौनी अमावस्या कहा जाता है. सनातन धर्म में मौनी अमावस्या का बहुत ही विशेष महत्व है. मुनि शब्द से ही मौनी शब्द की उत्पत्ति हुई है. शास्त्रों में मौन रहना एकाग्र होने के लिए सबसे जरूरी माना गया है. इस बार मौनी अमावस्या 21 जनवरी 2023 को पड़ रही है. इस दिन मौन रहकर पवित्र नदियों में स्नान करने का बहुत महत्व है. लोगों को इस दिन पवित्र नदी में स्नान करते समय ॐ नमो भगवते वासुदेवाय नम: और ॐ नम: शिवाय मंत्र का जाप का जाप करना चाहिए.
इस बार मौनी अमावस्या शनिवार पड़ रही है. शनिवार को आने वाली अमावस्या को शनिश्चरी अमावस्या (Shanischari Amavasya) कहा जाता है, जो बहुत ही शुभ होती है. जिन लोगों के ऊपर शनि की महादशा, अंतर्दशा अथवा ढाई साल की ढैया, साढ़ेसाती चल रही है और यह साढ़ेसाती नकारात्मक प्रभाव डाल रही है वे जीवन में तनाव, कार्य में रुकावट, घर में क्लेश का वातावरण आदि दुष्प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार को गरीबों, मजदूरों, एवं असहाय व्यक्तियों को भोजन कराएं. साथ ही उन्हें कंबल आदि वस्त्र का दान करें और शनिदेव की विधि विधान से पूजा करें.
मौनी अमावस्या का शुभ मुहूर्त: मौनी अमावस्या शनिवार 21 जनवरी को सुबह 6 बजकर 17 मिनट पर शुरू होगी. इस तिथि का समापन 22 जनवरी रविवार को सुबह 2 बजकर 22 मिनट पर होगा. वहीं स्नान और दान करने का मुहूर्त सुबह 8 बजकर 34 मिनट से लेकर 9 बजकर 53 मिनट तक रहेगा.
सुबह उठकर करें ये काम-
- मौनी अमावस्या के के दिन प्रातः काल उठने के बाद सबसे पहले भूमि वंदन और माता-पिता के चरणों का वंदन करें.
- अमावस्या की प्रातः काल सूर्योदय से पहले पवित्र नदी में अथवा घर पर स्नान करें.
- स्नान के समय स्नान के जल में गंगाजल अथवा काले तिल अवश्य मिलाएं.
- स्नान के बाद पितरों का स्मरण करते हुए सूर्य को लोटे से जल दें.
- जल में तिल, शक्कर और गंगाजल अवश्य मिलाएं.
- दक्षिण दिशा की तरफ मुंह करके पितरों को प्रणाम और उनका स्मरण करें. ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और अपने परिवार को आशीर्वाद प्रदान करते हैं.
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भूलकर भी न करें ये कार्य-
- सुबह से मौन धारण करें.
- कम से कम बोलें.
- पुरुष इस दिन बाल न कटवाएं और महिलाएं अपना सिर न धोएं.
- झूठ न बोलें.
- वाद-विवाद से बचें और अपशब्द न बोलें.
- किसी से दान न लें.
- ब्रह्मचर्य का पालन करें.
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