नई दिल्ली: जामिया मिलिया इस्लामिया पर प्रदर्शन के बीच दूर-दूर से छात्र और छात्राएं आकर अपने-अपने तरीके से बात रख कर संदेश दे रहे हैं कि ये कानून देश और संविधान के लिये घातक है. इस दौरान उन्होंने सरकार को लगातार निशाना बनाते हुए कानून वापस लेने की मांग करने की मांग रखी. छात्राओं ने नुक्कड़ नाटक कर अपना विरोध जताया.
नुक्कड़ नाटक से दिया संदेश
जामिया युनीवर्सिटी की छात्राओं ने इस विरोध में शामिल होते हुये 'इंकलाब की रसोई' नामक एक नुक्कड़ नाटक पेश किया. नाटक के जरिए उन्होंने तमाम लोगों को ये संदेश दिया की ये कानून देश के लिये खतरनाक साबित होगा.
'हमें नए भारत में नहीं रहना हैं'
नुक्कड़ नाटक के माध्यम से मंच से छात्राओं ने सरकार की नातियों पर प्रकाश डालते हुये सीएए और एनआरसी के दौरान क्या कुछ कागज मांगे जा रहे हैं उसे बताया. किस तरह लोंगो को उन कागज़ों के जरिए नागरिकता साबित करनी होगी, तब जाकर वो अपरूव्ड होंगे नहीं तो रिजेक्ट होकर नागरिकता की लिस्ट से बाहर हो जाएंगे.