नई दिल्ली: 15 अक्टूबर (रविवार) से आश्विन मास शारदीय नवरात्र का शुभारंभ होने जा रहा है. नवरात्रि को लेकर देश भर में तैयारियां जोर-जोर से की जा रही है. मां के भक्तों में नवरात्र को लेकर भारी उत्साह है. इस पावन मौके पर कैसे आप मां भगवती की पूजा कर संपूर्ण फल प्राप्त कर सकते हैं. इसके लिए ईटीवी भारत की टीम ने बात की कालकाजी पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत से. आइए जानते हैं उन्हीं की जुबानी.
दिल्ली के प्रसिद्ध कालकाजी मंदिर के पीठाधीश्वर सुरेंद्रनाथ अवधूत ने बताया कि शारदीय नवरात्र का शुभारंभ 15 अक्टूबर यानी रविवार से हो रहा है और इस दिन घटस्थापना का शुभ मुहूर्त दिन के 11:46 बजे से लेकर 12:30 तक है. यानी कुल 46 मिनट का समय शुभ है. प्रथम नवरात्रि यानी प्रतिभा के दिन अभिजीत मुहूर्त में घटस्थापना को शुभ माना जाता है. इस दौरान जहां भक्त अपने घरों पर माता की प्रतिमा और कलश स्थापित कर माता की पूजा-अर्चना करते हैं, वहीं बड़ी संख्या में भक्त माता के मंदिरों में भी पहुंचते हैं और माता के दर्शन कर आशीर्वाद प्राप्त करते हैं.
नवरात्रि में पांच प्रकार से शुद्ध होकर यानि देह शुद्धि, स्थान शुद्धि, द्रव्य शुद्धि, क्रिया शुद्धि और भाव शुद्धि कर पूजा पाठ करना चाहिए. साथ ही भूमि पर शयन करना, ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करना और संयमित आहार व्यवहार करना, यह अति अनिवार्य है. उन्होंने बताया कि नवरात्र मां भगवती के आराधना का समय होता है. इस दौरान माता धरती पर मौजूद रहती हैं. इस समय की गई पूजा अर्चना विशेष फलदायी होती है. जो भक्त सक्षम हैं, वह अपने घर पर यज्ञ अनुष्ठान कर इस पूजा को करते हैं. वहीं जो आम भक्त हैं, वह अपने घर पर भी माता की प्रतिमा स्थापित कर पूजा कर सकते हैं.
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