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बायोगैस के प्रकृति खाद के ऑर्गेनिक उत्पादों से किसानों की बढ़ेगी आय: गौरव केडिया - noida latest news

इंडियन बायोगैस संगठन के चेयरमैन गौरव केडिया ने कहा कि बायोगैस के बाद किसानों को प्राकृतिक खाद भी कम कीमत पर मिलेगा. इसके साथ ही ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने में भी काफी सहयोग होगा. इससे किसानों की आय बढ़ेगी.

ऑर्गेनिक उत्पादों से किसानों की बढ़ेगी आय
ऑर्गेनिक उत्पादों से किसानों की बढ़ेगी आय
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 5, 2023, 7:11 PM IST

गौरव केडिया

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया की ओर से तीन दिवसीय एक्सपो का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निर्मित व्यापारियों, खरीदारों, प्रमोटरों और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के योजनाकारों के लिए नई प्रौद्योगिकी उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है. यह एक्सपो उद्योग के साथ बातचीत करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच बन गया है.

इंडियन बायोगैस संगठन के चेयरमैन गौरव केडिया ने कहा कि इस वर्ष बायोगैस क्षेत्र पर नई सिरे से ध्यान केंद्रित करने से उद्योगों के पास देश में सौर ऊर्जा की सफलता को दोहराने का अवसर है. ऊर्जा मिश्रण से बायोगैस का वर्तमान योगदान एक प्रतिशत से भी कम है, लेकिन वर्ष 2030 तक इसे उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने की उम्मीद है. कई नई पहलू की घोषणा के साथ इस क्षेत्र में भारत के प्रमुख समूहों की भी काफी रुचि है.

गौरव केडिया ने बताया कि बायोगैस का पहला संयंत्र भारत के मुंबई में लगाया गया था. देश में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में प्राकृतिक कचरे का निवारण करके बायोगैस बनाकर उसमें कई तरह के फायदे किए जा सकते हैं. इससे कई प्रकार के खाद भी बनाए जा सकते हैं. बायोगैस को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कई प्रकार की योजनाएं चलाई हुई है. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार बायोगैस पर सब्सिडी भी दे रही है.

ऑर्गेनिक उत्पादों की बढ़ी मांग: भारत में सबसे पहले खेती के रूप में गांव में गोबर के खाद को प्रयोग किया जाता था, लेकिन कोरोना के समय देश में ऑर्गेनिक जैविक खेती का चलन बढ़ा. लगातार लोग जैविक खेती से उगे हुए उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में बायोगैस से निकलने वाले खाद को ऑर्गेनिक खेती के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जो काफी लाभकारी होगा.

काफी समय से फसलों को बढ़ावा देने के लिए रासायनिक खाद का प्रयोग किया जा रहा था. लेकिन अब लोगों की समझ में यह बात आ रही है कि रासायनिक खाद के प्रयोग से कई प्रकार की बीमारियां हो रही है. ऐसे में ऑर्गेनिक खेती को बड़े स्तर पर करने के लिए भारी मात्रा में ऑर्गेनिक खाद की आवश्यकता होगी. इसमें बायोगैस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

बायोगैस से किसानों को मिलेगा लाभ: गौरव केडिया ने कहा कि बायोगैस के बाद किसानों को प्राकृतिक खाद भी कम कीमत पर मिलेगा. इसके साथ ही ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने में काफी सहयोग होगा. इससे किसानों की आय बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि आजकल आमतौर ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसानों को रासायनिक खाद से छुटकारा मिलेगा और प्राकृतिक खाद कम कीमत में मिलेगा.

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गौरव केडिया

नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में रिन्यूएबल एनर्जी इंडिया की ओर से तीन दिवसीय एक्सपो का आयोजन किया गया. इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय निर्मित व्यापारियों, खरीदारों, प्रमोटरों और अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के योजनाकारों के लिए नई प्रौद्योगिकी उत्पादों को प्रदर्शित किया गया है. यह एक्सपो उद्योग के साथ बातचीत करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय मंच बन गया है.

इंडियन बायोगैस संगठन के चेयरमैन गौरव केडिया ने कहा कि इस वर्ष बायोगैस क्षेत्र पर नई सिरे से ध्यान केंद्रित करने से उद्योगों के पास देश में सौर ऊर्जा की सफलता को दोहराने का अवसर है. ऊर्जा मिश्रण से बायोगैस का वर्तमान योगदान एक प्रतिशत से भी कम है, लेकिन वर्ष 2030 तक इसे उल्लेखनीय रूप से बढ़ाने की उम्मीद है. कई नई पहलू की घोषणा के साथ इस क्षेत्र में भारत के प्रमुख समूहों की भी काफी रुचि है.

गौरव केडिया ने बताया कि बायोगैस का पहला संयंत्र भारत के मुंबई में लगाया गया था. देश में ऑर्गेनिक प्रोडक्ट की मांग लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में प्राकृतिक कचरे का निवारण करके बायोगैस बनाकर उसमें कई तरह के फायदे किए जा सकते हैं. इससे कई प्रकार के खाद भी बनाए जा सकते हैं. बायोगैस को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने कई प्रकार की योजनाएं चलाई हुई है. वहीं, उत्तर प्रदेश सरकार बायोगैस पर सब्सिडी भी दे रही है.

ऑर्गेनिक उत्पादों की बढ़ी मांग: भारत में सबसे पहले खेती के रूप में गांव में गोबर के खाद को प्रयोग किया जाता था, लेकिन कोरोना के समय देश में ऑर्गेनिक जैविक खेती का चलन बढ़ा. लगातार लोग जैविक खेती से उगे हुए उत्पादों का उपयोग कर रहे हैं. ऐसे में बायोगैस से निकलने वाले खाद को ऑर्गेनिक खेती के रूप में प्रयोग किया जा सकता है, जो काफी लाभकारी होगा.

काफी समय से फसलों को बढ़ावा देने के लिए रासायनिक खाद का प्रयोग किया जा रहा था. लेकिन अब लोगों की समझ में यह बात आ रही है कि रासायनिक खाद के प्रयोग से कई प्रकार की बीमारियां हो रही है. ऐसे में ऑर्गेनिक खेती को बड़े स्तर पर करने के लिए भारी मात्रा में ऑर्गेनिक खाद की आवश्यकता होगी. इसमें बायोगैस एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है.

बायोगैस से किसानों को मिलेगा लाभ: गौरव केडिया ने कहा कि बायोगैस के बाद किसानों को प्राकृतिक खाद भी कम कीमत पर मिलेगा. इसके साथ ही ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने में काफी सहयोग होगा. इससे किसानों की आय बढ़ेगी. उन्होंने बताया कि आजकल आमतौर ऑर्गेनिक खाद्य पदार्थों की कीमत लगातार बढ़ती जा रही है. ऐसे में किसानों को रासायनिक खाद से छुटकारा मिलेगा और प्राकृतिक खाद कम कीमत में मिलेगा.

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