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बिजली कर्मचारियों ने केजरीवाल सरकार को दिया 6 नवंबर से बिजली आपूर्ति बाधित करने का अल्टीमेटम - दिवाली पर हड़ताल पर जाकर काली दिवाली मनायेंगे

Electricity employees ultimatum to Kejriwal government: दिल्ली में बिजली कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया. ठेकेदारी हटाओ राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ने केजरीवाल सरकार को खुली चुनौती देते हुए उनकी लंबित मांगों को 5 नवम्बर 2023 तक नहीं मानने पर 6 नवम्बर से नेहरू प्लैस मुख्यालय पर अनिश्चितकालीन धरने की शुरुआत करने का ऐलान किया.

बिजली कर्मचारियों ने दिया आपूर्ति बाधित करने का अल्टीमेटम
बिजली कर्मचारियों ने दिया आपूर्ति बाधित करने का अल्टीमेटम
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Oct 31, 2023, 7:14 PM IST

नई दिल्ली : अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास का घेराव किया. साथ ही ऐलान किया कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो बिजली कर्मचारी 6 नवम्बर 2023 से बिजली कंपनी मुख्यालय नेहरू प्लेस पर अनिश्चतकालीन धरना की शुरुआत करेंगे और दिवाली पर हड़ताल पर जाकर काली दिवाली मनाएंगे.

ठेकेदारी हटाओ राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया. मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीसी कपिल ने कहा कि यदि सरकार ने हमारी लंबित मांग 5 नवम्बर 2023 तक नहीं मानी तो 6 नवम्बर से बीएसईएस राजधानी पाॅवर लिमिटेड के नेहरू प्लेस मुख्यालय पर अनिश्चतकालीन धरने की शुरुआत की जाएगी और डायरेक्ट एक्शन की घोषणा की जाएगी. इससे इस बार दिल्ली की दिवाली काली हो सकती है.

बिजली गुल करने की चेतावनीः मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीसी कपिल ने कहा कि ठेकेदारी प्रथम रूप में एक शोषणकारी प्रथा है. यह अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी वर्ग के आरक्षण के खिलाफ षड्यंत्र है. इस प्रथा के तहत राजनेताओं, अधिकारियों और ठेकेदारों की तिकड़ी मिलकर, ठेकाकर्मियों को मिलने वाले वेतन को सरेआम लूट रही है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने 2013, 2015 और 2020 के चुनावी घोषणा पत्रों में वादा किया था, लेकिन सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है.

नौ सालों के शासनकाल में मात्र 432 युवाओं को सरकारी नौकरीः केजरीवाल सरकार के नौ वर्षों के शासनकाल में मात्र 432 युवाओं को सरकारी नौकरी मिल पायी है. पांच लाख 32 हजार सरकारी पद खाली पड़े हैं. इन पदों पर स्थायी भर्ती करने की बजाय आउटसोर्स को बढ़ावा देकर ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है. ठेका प्रथा के विरोध में मोर्चा दर्जनों बार धरने, प्रदर्शन, रैलियां और घेराव कर चुका है, मगर सरकार मनमानी और हठधर्मिता पर अड़ी हुई है.

प्रदर्शन में हर सरकारी विभाग के कर्मचारियों ने लिया भागः मुख्यमंत्री आवास के घेराव और प्रदर्शन के दौरान मोर्चे के राष्ट्रीय मुख्य विधिक सलाहकार और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट भानु प्रताप सिह, जनाब महमूद पारचा, राष्ट्रीय चेयरमैन राजकुमार धिंगान, राष्ट्रीय महासचिव हाफिज गुलाम सरवर, राष्टीय कोर्डिनेटर एवं पूर्व चेयरमैन दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग हरनाम सिह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद संगत राष्ट्रीय सचिव श्याम सुंदर और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश घाघट ने भी सम्बोधित किया. प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों, स्वास्थय विभाग के अस्पतालो एवं डिस्पेंसरियों, दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों, डीटीसी, दिल्ली जल बोर्ड, रेलवे और अन्य विभागों के संगठित एवं संगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों ने भाग लिया.

ये भी पढ़ें :केजरीवाल को ED के समन के बाद सियासत गर्म, BJP का दिल्ली सरकार पर सीधा वार, क्या कहा जानिए

ये भी पढ़ें :MCD House Meeting: MCD सदन की बैठक शुरू होते ही हंगामा, बीजेपी के साथ कांग्रेस का AAP पर हल्लाबोल

नई दिल्ली : अपनी मांगों को लेकर मंगलवार को बिजली विभाग के कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास का घेराव किया. साथ ही ऐलान किया कि अगर हमारी मांग नहीं मानी गई तो बिजली कर्मचारी 6 नवम्बर 2023 से बिजली कंपनी मुख्यालय नेहरू प्लेस पर अनिश्चतकालीन धरना की शुरुआत करेंगे और दिवाली पर हड़ताल पर जाकर काली दिवाली मनाएंगे.

ठेकेदारी हटाओ राष्ट्रीय संयुक्त मोर्चा ने मुख्यमंत्री आवास का घेराव कर जोरदार प्रदर्शन किया. मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीसी कपिल ने कहा कि यदि सरकार ने हमारी लंबित मांग 5 नवम्बर 2023 तक नहीं मानी तो 6 नवम्बर से बीएसईएस राजधानी पाॅवर लिमिटेड के नेहरू प्लेस मुख्यालय पर अनिश्चतकालीन धरने की शुरुआत की जाएगी और डायरेक्ट एक्शन की घोषणा की जाएगी. इससे इस बार दिल्ली की दिवाली काली हो सकती है.

बिजली गुल करने की चेतावनीः मोर्चे के राष्ट्रीय अध्यक्ष डीसी कपिल ने कहा कि ठेकेदारी प्रथम रूप में एक शोषणकारी प्रथा है. यह अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी वर्ग के आरक्षण के खिलाफ षड्यंत्र है. इस प्रथा के तहत राजनेताओं, अधिकारियों और ठेकेदारों की तिकड़ी मिलकर, ठेकाकर्मियों को मिलने वाले वेतन को सरेआम लूट रही है. उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी ने अपने 2013, 2015 और 2020 के चुनावी घोषणा पत्रों में वादा किया था, लेकिन सरकार पूरी तरह फेल हो चुकी है.

नौ सालों के शासनकाल में मात्र 432 युवाओं को सरकारी नौकरीः केजरीवाल सरकार के नौ वर्षों के शासनकाल में मात्र 432 युवाओं को सरकारी नौकरी मिल पायी है. पांच लाख 32 हजार सरकारी पद खाली पड़े हैं. इन पदों पर स्थायी भर्ती करने की बजाय आउटसोर्स को बढ़ावा देकर ठेका प्रथा को बढ़ावा दिया जा रहा है. ठेका प्रथा के विरोध में मोर्चा दर्जनों बार धरने, प्रदर्शन, रैलियां और घेराव कर चुका है, मगर सरकार मनमानी और हठधर्मिता पर अड़ी हुई है.

प्रदर्शन में हर सरकारी विभाग के कर्मचारियों ने लिया भागः मुख्यमंत्री आवास के घेराव और प्रदर्शन के दौरान मोर्चे के राष्ट्रीय मुख्य विधिक सलाहकार और सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट भानु प्रताप सिह, जनाब महमूद पारचा, राष्ट्रीय चेयरमैन राजकुमार धिंगान, राष्ट्रीय महासचिव हाफिज गुलाम सरवर, राष्टीय कोर्डिनेटर एवं पूर्व चेयरमैन दिल्ली सफाई कर्मचारी आयोग हरनाम सिह, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनोद संगत राष्ट्रीय सचिव श्याम सुंदर और राष्ट्रीय कोषाध्यक्ष राजेश घाघट ने भी सम्बोधित किया. प्रदर्शन के दौरान बड़ी संख्या में दिल्ली की बिजली वितरण कंपनियों, स्वास्थय विभाग के अस्पतालो एवं डिस्पेंसरियों, दिल्ली नगर निगम के सफाई कर्मचारियों, डीटीसी, दिल्ली जल बोर्ड, रेलवे और अन्य विभागों के संगठित एवं संगठित क्षेत्रों के कर्मचारियों ने भाग लिया.

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