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सरिता विहार: ब्लैक फंगस दवा ब्लैकमेल करने वाला इंजीनियरिंग का छात्र दो भाइयों समेत गिरफ्तार - ब्लैक फंगस दवा ब्लैकमेल करने वाला गिरफ्तार

सरिता विहार थाना पुलिस ने एक स्टिंग ऑपरेशन में ब्लैक फंगस की कालाबाजारी करते दिख रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान रफी, मोहम्मद दिलशाद और मोहम्मद अदनान के रूप में हुई है. रफी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है और बाकी दोनों आरोपी उसके भाई लगते हैं.

ब्लैक फंगस दवा ब्लैकमेल करने वाला इंजीनियरिंग का छात्र दो भाइयों समेत गिरफ्तार
ब्लैक फंगस दवा ब्लैकमेल करने वाला इंजीनियरिंग का छात्र दो भाइब्लैक फंगस दवा ब्लैकमेल करने वाला इंजीनियरिंग का छात्र दो भाइयों समेत गिरफ्तारयों समेत गिरफ्तार
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Published : May 26, 2021, 12:32 AM IST

नई दिल्ली: दक्षिण पूर्वी जिला की सरिता विहार थाना पुलिस ने एक स्टिंग ऑपरेशन में ब्लैक फंगस की कालाबाजारी करते दिख रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान रफी, मोहम्मद दिलशाद और मोहम्मद अदनान के रूप में हुई है. रफी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है और बाकी दोनों आरोपी उसके भाई लगते हैं.

ये भी पढ़ें- किसान आंदोलन: ब्लैक डे को लेकर तैयार दिल्ली पुलिस, कोविड नियम तोड़ने पर होगा एक्शन


ब्लैक फंगस के इंजेक्शन के लिए मांगे थे 64 हजार रुपये
पुलिस उपायुक्त आरपी मीणा ने बताया कि 22 मई को जसोला विहार के स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स इलाके में एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था. इसमें ये तीनों आरोपी ब्लैक फंगस से जुड़े इंजेक्शन एंफोटेरेसिन बी की कालाबाजारी करते हुए दिखाई दे रहे थे. इस इंजेक्शन के बदले इन्होंने 64 हजार रुपए की मांग की थी. इसके साथ ही दूसरी मेडिसन लिपोसोमल की एक सीसी के लिए 14 रुपए मांगे थे.

ये भी पढ़ें- गाजियाबाद: येलो फंगस के मरीज को नहीं मिल पा रहा एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन

इन आरोपियों ने स्टिंग ऑपरेशन करने वाले व्यक्ति को ठगने की कोशिश की थी. इन्होंने बताया था कि बाजार में फिलहाल इन दवाओं की भारी किल्लत है. यह स्टिंग ऑपरेशन एक निजी चैनल ने प्रसारित किया था. इसके साथ ही ये आरोपी दिल्ली में बिना ई-पास के घूम रहे थे. पुलिस ने स्टिंग ऑपरेशन पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस पर एफआईआर दर्ज की थी.

एक मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने सबसे पहले 35 वर्षीय शाहीन बाग निवासी रफी को गिरफ्तार किया. इसकी निशानदेही पर शाहीन बाग से ही 48 वर्षीय मोहम्मद दिलशाद को दबोचा गया. दोनों से पूछताछ के बाद डिलाईट सिनेमा के पास से 32 वर्षीय मोहम्मद अदनान को पकड़ा गया. इनके पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद हुआ. पूछताछ में रफी ने बताया कि वह देहरादून से इंजीनियरिंग कर रहा है और फिलहाल नोएडा की प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है.

आरोपी ने बताया कि शाहीन बाग स्थित एक एनजीओ से भी वह वालंटियर के तौर पर जुड़ा है. यह एनजीओ कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करने का काम कर रही थी. इस दौरान उसका मोबाइल नंबर पब्लिक में चला गया था और उसके पास काफी फोन कॉल्स आते थे. दूसरी लहर जैसे ही धीमी पड़ी ऑक्सीजन की किल्लत खत्म हो गई. इसके बाद अदनान और अपने चचेरे भाई दिलशाद को साथ लेकर ब्लैक फंगस के नाम पर लोगों से ठगी करने की योजना बनाई थी.

नई दिल्ली: दक्षिण पूर्वी जिला की सरिता विहार थाना पुलिस ने एक स्टिंग ऑपरेशन में ब्लैक फंगस की कालाबाजारी करते दिख रहे तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. आरोपियों की पहचान रफी, मोहम्मद दिलशाद और मोहम्मद अदनान के रूप में हुई है. रफी इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा है और बाकी दोनों आरोपी उसके भाई लगते हैं.

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ब्लैक फंगस के इंजेक्शन के लिए मांगे थे 64 हजार रुपये
पुलिस उपायुक्त आरपी मीणा ने बताया कि 22 मई को जसोला विहार के स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स इलाके में एक स्टिंग ऑपरेशन किया गया था. इसमें ये तीनों आरोपी ब्लैक फंगस से जुड़े इंजेक्शन एंफोटेरेसिन बी की कालाबाजारी करते हुए दिखाई दे रहे थे. इस इंजेक्शन के बदले इन्होंने 64 हजार रुपए की मांग की थी. इसके साथ ही दूसरी मेडिसन लिपोसोमल की एक सीसी के लिए 14 रुपए मांगे थे.

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इन आरोपियों ने स्टिंग ऑपरेशन करने वाले व्यक्ति को ठगने की कोशिश की थी. इन्होंने बताया था कि बाजार में फिलहाल इन दवाओं की भारी किल्लत है. यह स्टिंग ऑपरेशन एक निजी चैनल ने प्रसारित किया था. इसके साथ ही ये आरोपी दिल्ली में बिना ई-पास के घूम रहे थे. पुलिस ने स्टिंग ऑपरेशन पर स्वत: संज्ञान लेते हुए इस पर एफआईआर दर्ज की थी.

एक मोबाइल नंबर के आधार पर पुलिस ने सबसे पहले 35 वर्षीय शाहीन बाग निवासी रफी को गिरफ्तार किया. इसकी निशानदेही पर शाहीन बाग से ही 48 वर्षीय मोहम्मद दिलशाद को दबोचा गया. दोनों से पूछताछ के बाद डिलाईट सिनेमा के पास से 32 वर्षीय मोहम्मद अदनान को पकड़ा गया. इनके पास से एक मोबाइल फोन भी बरामद हुआ. पूछताछ में रफी ने बताया कि वह देहरादून से इंजीनियरिंग कर रहा है और फिलहाल नोएडा की प्राइवेट कंपनी में नौकरी करता है.

आरोपी ने बताया कि शाहीन बाग स्थित एक एनजीओ से भी वह वालंटियर के तौर पर जुड़ा है. यह एनजीओ कोरोना महामारी की दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन सिलेंडर रिफिल करने का काम कर रही थी. इस दौरान उसका मोबाइल नंबर पब्लिक में चला गया था और उसके पास काफी फोन कॉल्स आते थे. दूसरी लहर जैसे ही धीमी पड़ी ऑक्सीजन की किल्लत खत्म हो गई. इसके बाद अदनान और अपने चचेरे भाई दिलशाद को साथ लेकर ब्लैक फंगस के नाम पर लोगों से ठगी करने की योजना बनाई थी.

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