नई दिल्ली: यमन की एक 25 वर्षीय महिला, जो कि थॉरेसिक एन्यूरिज्म से पीड़ित थी, उसे तत्काल इलाज के लिए फोर्टिस मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट लाया गया. जहां डॉ. उद्गीथ धीर, डायरेक्टर एवं हैड, सीटीवीएस, फोर्टिस अस्पताल के नेतृत्व में डॉक्टरों की एक टीम ने उनका सफलतापूर्वक इलाज किया.
इस बीमारी के चलते मरीज के चार भाई-बहनों की यमन में पहले ही मृत्यु हो चुकी थी. फोर्टिस अस्पताल में एक गहन और जीवनरक्षक प्रक्रिया–थॉरेसिक एंडोवास्क्युलर रिपेयर (TEVAR) की मदद से मरीज का उपचार कर नया जीवनदान दिया गया है.
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मेडिकल जांच में ये पाया गया
मरीज को जब अस्पताल लाया गया, तो उन्हें कमजोरी की शिकायत थी, जिसकी वजह से अपने रोज़मर्रा के काम भी नहीं कर पाती थी. मेडिकल जांच में पाया गया कि वह एक बड़े थॉरेसिक ऑर्टिक एन्यूरिज्म (जिसमें मृत्यु दर 75% होती है) से ग्रस्त थी.
जब उन्हें फोर्टिस अस्पताल में लाया गया तो उनकी पीठ में भी दर्द हो रहा था, क्योंकि उनके बोन मैरो को ब्लड सप्लाई करने वाली ऑर्टा भी फट चुकी थी. मरीज की पूरी चिकित्सा जांच के बाद यह तय किया गया कि मरीज के लिए थॉरेसिक एंडोवास्क्युलर ऑर्टिक रिपेयर (TEVAR) प्रक्रिया किया जाए.
चुनौतियों से भरी थी सर्जरी
फोर्टिस अस्पताल के सीटीवीएस डिपार्टमेंट के हेड एंड डायरेक्टर डॉ. उद्गीथ धीर ने कहा कि ऑर्टा उस रक्तवाहिका को कहते हैं, जो हृदय से पूरे शरीर को रक्तापूर्ति करती है. इस मामले में ऑर्टा जगह-जगह से कट चुकी थी और फैलकर (डाइलेशन) 8.1 से.मी. (सामान्य तौर पर यह 3 से 3.5 सेमी तक होती है) की हो चुकी थी.
पेट को रक्त पहुंचाने वाली वाहिकाएं भी प्रभावित थीं. ऐसे में एक आशंका यह भी थी कि बोन मैरो वाहिकाओं को रक्तापूर्ति में कमी होने से मरीज लकवाग्रस्त भी हो सकती थी. इससे बचाव के लिए बोन वार नजव पर रखी गई और जरूरत पड़ने पर स्पाइनल फ्लूड को बाहर भी निकाला गया.
मरीज का सफल रहा ऑपरेशन
डॉ. उद्गीथ धीर ने बताया कि यह काफी जटिल समस्या थी और इसमें डिसेक्शन तथा एन्यूरिज़्म दोनों शामिल थे. हमने मिनिमल इन्वेसिव तकनीक से एंडोवास्क्युलर रिपेयर किया.
थॉरेसिक एंडोवास्क्युलर ऑर्टिक रिपेयर (TEVAR) प्रक्रिया की सफलता के लिए काफी तैयारी जरूरी थी, ताकि एंडोग्राफ्ट (इस डिवाइस को ऑर्टा के थॉरेसक पोर्शन के भीतर रखा जाता है ताकि कमजोर आर्टरी को सपोर्ट मिल सके) का सटीक आकार, उसकी लंबाई और महत्वपूर्ण रक्वाहिकाओं के संदर्भ में उसकी स्थिति को अंतिम रूप दिया जा सके. अब मरीज को अस्पताल से छुट्टी मिल गई है. उनकी हालत स्थिति है और मरीज़ स्वास्थ्यलाभ कर रही हैं.