नई दिल्ली : देश भर में गर्मी का सितम जारी है. दिल्ली में जैसे-जैसे गर्मी बढ़ती जा रही है, वैसे-वैसे ही पानी की किल्लत देखने को मिल रही है. दक्षिणी दिल्ली के देवली विधानसभा क्षेत्र स्थित संगम विहार जिसको एशिया की सबसे बड़ी कॉलोनी कहा जाता है. कई दशक बीत जाने के बाद भी यहां पानी की किल्लत कम होने का नाम नहीं ले रही है. कई सरकार बदल जाने के बाद भी लोगों को पानी के लिए दो चार होना पड़ता है. संगम विहार के सेकंड ब्लॉक की महिलाएं बताती है कि हमारे ब्लॉक में दो-दो महीने तक पानी नहीं आता है. हमें प्राइवेट टैंकरों से ही गुजारा करना पड़ता है. हमने दिल्ली सरकार को इसलिए चुना था, क्योंकि दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा था हर घर नल से पानी मिलेगा, लेकिन नल तो दूर यहां पर दो-दो महीने तक पानी नहीं आता है.
कुछ ऐसी ही समस्या संगम विहार के जी ब्लॉक में भी देखने को मिली, जहां पर महिलाओं ने बताया कि हमारे यहां पानी की काफी ज्यादा किल्लत है. 15 से 20 दिन में एक बार पानी आता है, वह भी सीमित समय के लिए. बिल्कुल भी गुजारा नहीं हो पाता है. इसलिए हम प्राइवेट टैंकरों का सहारा लेते हैं. क्योंकि गुजर-बसर बिना पानी के नहीं हो सकता है. लोगों के घरों के आगे पानी का टैंक लगा हुआ है लेकिन उसमे पानी नहीं है.
दिल्ली में केजरीवाल सरकार तीसरी बार सत्ता में है. पहली बार से लेकर अब तक बिजली और पानी के मुद्दे पर ही चुनाव लड़ी और लगातार जीतती आई है. केजरीवाल सरकार ने दिल्ली में बिजली हाफ और पानी साफ यानी बीस हजार लीटर पानी हर घर को फ्री देने का वादा करती आई है. साथ ही हर घर 24 घंटे पानी देने की बात करती है, लेकिन सच्चाई कुछ और ही है. आज भी दिल्ली के कई इलाकों मे लोग बून्द बून्द पानी के लिए तरस रहे हैं. टैंकर माफिया चांदी काट रहे हैं.
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