नई दिल्ली: भारत सरकार ने 2 अक्टूबर 2014 को देश में स्वच्छ भारत अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान का उद्देश्य केवल आसपास की सफाई करना ही नहीं, बल्कि अधिक-से अधिक पेड़ लगाना, कचरा मुक्त वातावरण बनाना, शौचालय की सुविधा उपलब्ध कराना भी था.
साउथ दिल्ली के तुगलकाबाद विधानसभा क्षेत्र में स्थित लाल कुआं गांव आज भी अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है. तुगलकाबाद विधानसभा की बात करें तो बीजेपी के सांसद रमेश बिधूड़ी यहां से दो बार विधायक रह चुके हैं और 2014 में साउथ दिल्ली के लोकसभा सांसद बने थे. बावजूद इसके इस गांव की सुध लेने वाला कोई नहीं.
शौच के लिए जंगल में जाते हैं लोग
इस गांव की स्थिति का जायजा ईटीवी भारत ने लिया. टूटी-फूटी सड़कों से बना यह गांव आज भी मूलभूत सुविधाओं से दूर है. लोगों ने बताया कि गांव में सीवर नहीं है जिसके कारण लोगों के घरों में शौचालय नहीं हैं.
यदि किसी के घर में शौचालय है तो उन्होंने घर में ही गड्ढा खोदकर शौचालय बनवाया है, जिसे हर 2 महीने में खाली करवाना पड़ता है.
यहां की महिलायें शौच के लिए जंगलों में जाने के लिए मजबूर हैं. लोगों से बात करने पर पता चला कि जंगल का इलाका होने के कारण यहां आए दिन आपराधिक घटनायें होती रहती हैं. जिस वजह से जंगल में जाना खतरनाक हो सकता है.
सरकार से नाराज़ हैं लोग
लोगों ने सरकार के प्रति अपनी नाराजगी व्यक्त की और स्वच्छ भारत अभियान पर सवाल भी उठाए. लोगों ने प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान पर सवाल उठाते हुए कहा कि पीएम ने कहा था कि देश के हर घर में शौचालय बनाया जाएगा लेकिन दिल्ली में ही सुविधाएं देने में सरकार फेल हो गई है.
लोगों ने बताया कि गांव के बाहर सरकार की ओर से एक-दो शौचालय बनाए भी गए लेकिन वह शौचालय बंद हैं, उनमें ताला लगा हुआ है.
'नेता सिर्फ चुनावी वादे करके चले जाते हैं'
लोगों ने बताया कि इस इलाके में यह समस्या कई सालों से है. लोगों ने इस बाबत कई बार मौजूदा सांसद और विधायक से भी इसकी शिकायत की लेकिन किसी ने इसका हल नहीं निकाला.
लोगों का कहना है कि हर बार चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं और कई वादे करके चले जाते हैं लेकिन उन वादों को पूरा नहीं किया जाता.
लोगों ने कहा 'इस साल भी लोकसभा चुनाव के दौरान कई नेता वोट की अपील करने के लिए आए और गांव की समस्या को दूर करने का वादा करके गए हैं.'