नई दिल्ली : दिल्ली में कुत्तों के काटने से दो भाइयों की हुई मौत के बाद इसकी खूब चर्चाएं हो रही हैं. इसको लेकर आम लोग नगर निगम को घेर रहे हैं. दिल्ली में आवारा कुत्ते लोगों को अपना शिकार बना रहे हैं. आवारा कुत्तों के काटने को लेकर एडवोकेट ननिता शर्मा ने बताया कि कुत्तों की संख्या को कम करने के लिए नसबंदी बहुत जरूरी है. इसको लेकर उन्होंने दिल्ली हाईकोर्ट में पीआईएल दायर कर रखी है. जिसकी सुनवाई के दौरान चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं.
दरअसल, स्टेटस रिपोर्ट में जहां दिल्ली सरकार ने कहा है कि हम नसबंदी नहीं करते हैं. यह नगर निगम का काम है. वही सेंट्रल गवर्नमेंट ने कहा है कि वह नसबंदी को लेकर नगर निगम को पैसे देती है. हालांकि वह पैसा काफी कम है और वर्ष 2021-22 में तो एक भी पैसा नगर निगम को नसबंदी के लिए सरकार द्वारा नहीं दिया गया है.
एडवोकेट ननीता शर्मा ने बताया कि जैसे इंसानों का स्वभाव होता है, वैसे ही जानवरों का होता है. जब वह भूखे होते हैं, तो ज्यादा गुस्सा करते हैं, जिसके बाद डॉग बाइट्स होती हैं. अगर सही तरीके से कुत्तों को खाना खिलाया जाए और उनकी समय पर नसबंदी की जाए तो उनकी तादाद कम होगी. दरअसल. कुत्ते साल में दो बार बच्चा पैदा करते हैं और एक बार में कई बच्चे पैदा होते हैं. बचे कुत्तों की नेचुरल डेथ होगी, तो इनकी संख्या कम हो जाएगी. इस तरह से आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ने से जो समस्या उत्पन्न हो रही है उसका समाधान होगा. कुत्तों की नसबंदी ही इस समस्या का हल है.
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उन्होंने बताया कि भारत के कई राज्यों में कुत्तों की नसबंदी की गई है, जिसके अच्छे परिणाम आए हैं. दिल्ली में भी इसे करने की जरूरत है, लेकिन इस पर काम नहीं किया जा रहा है. सिर्फ बातें हो रही है. ननिता शर्मा ने बताया कि दिल्ली हाईकोर्ट में दायर पीआईएल में उन्होंने चार पार्टी बनाई हैं. जिसमें दिल्ली सरकार, दिल्ली नगर निगम, एनिमल वेलफेयर बोर्ड और केंन्द्र सरकार को पार्टी बनाया है. जिसको लेकर दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई चल रही है.
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