नई दिल्ली: कोरोना संक्रमितों के लिए अब निजी अस्पतालों का रास्ता भी साफ हो गया है. दिल्ली सरकार ने गुरुवार को सर गांगाराम हॉस्पिटल को कोविड हॉस्पिटल घोषित कर दिया है. अगर आप सोच रहे हैं कि यहां भी आपके कोरोना का फ्री में ही इलाज होगा तो आप गलत सोच रहे हैं.
162 बेड वाला यह हॉस्पिटल बिल्कुल फ्री में इलाज नहीं करेगा. यहां की सेवा लेने के लिए आपको बाकायदा पैसे का भुगतान करना होगा. पूस रोड स्थित इस हॉस्पिटल में कोविड पॉजिटिव और कोविड सस्पेक्टेड मरीजों को आगामी 3 मई से भर्ती किया जा सकेगा.
सरकार से मांग के बाद बना कोविड हॉस्पिटल
कोविड के इलाज में अब प्राइवेट हॉस्पिटल भी उतर आए हैं. अभी तक यह सुविधा सिर्फ सरकारी अस्पतालों तक ही सीमित थी. कुछ अमीर लोग जो कोविड के इलाज के खर्च का वहन खुद कर सकते हैं, उन्हें सरकारी अस्पतालों की खस्ताहाल परेशान कर रही थी.
उन्होंने सरकार से मांग की थी कि उनके लिये निजी अस्पतालों में इलाज की व्यवस्था की जाए, वो इलाज के खर्च का वहन खुद कर सकते हैं. इसी को ध्यान में रखते हुए पूसा रोड स्थित सर गांगाराम हॉस्पिटल को दिल्ली सरकार ने कोविड फैसिलिटी सेंटर घोषित कर दिया है.
जो व्यक्ति निजी अस्पतालों के खर्चे उठा सकता है, वो यहां आकर अपना इलाज करा सकते है. यह अस्पताल पूरी तरह से कोविड पॉजिटिव और कोविड सस्पेक्टेड मरीजों के इलाज ले लिए ही आरक्षित है. यहां किसी सामान्य मरीज का इलाज नहीं किया जा सकता है.
हॉस्पिटल में 162 बेड की क्षमता
सर गंगा राम हॉस्पिटल के मेडिकल डायरेक्टर एस कटोच ने बताया कि पूसा रोड स्थित 42 बेड वाले गंगा राम कोलमत हॉस्पिटल को पिछले हफ्ते ही दिल्ली सरकार के जरिये कोविड फैसिलिटी सेंटर घोषित किया गया था.
अब कुल मिलाकर गंगा राम हॉस्पिटल में 162 बेड की क्षमता है, जो सिर्फ कोविड से संबंधित मरीजों के इलाज के लिए ही आरक्षित है. राजेंदर नगर स्थित गंगा राम मैन हॉस्पिटल में नॉन कोविड मरीजों का पहले की तरह ही इलाज जारी रहेगा.