नई दिल्ली: पूर्व कानून मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता शांति भूषण का मंगलवार को निधन हो गया. वो सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण के पिता थे. काफी दिनों से बीमार चल रहे थे. उनका अंतिम संस्कार बुधवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित लोधी रोड शमशान घाट पर किया गया है.
शांति भूषण ने ही इलाहाबाद हाईकोर्ट में काफी चर्चित मामले में राजनारायण का प्रतिनिधित्व किया था. वह कई सामाजिक और राजनीतिक आंदोलन से भी जुड़े रहे थे. साल 1977 से 1979 तक मोरारजी देसाई के प्रधानमंत्री कार्यकाल के दौरान उन्हें देश का कानून मंत्री बनाया गया था. आपातकाल के दौरान उन्होंने आंदोलन में हिस्सा लिया था. बाद के दौर में भी उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ कई आंदोलनों में शिरकत की. शांति भूषण को संविधान विशेषज्ञ के तौर पर भी जाना जाता था. वो पिछले कुछ समय से बीमार चल रहे थे.
वरिष्ठ पत्रकार और पूर्व आप नेता आशुतोष हुए शामिल: बुधवार सुबह से ही शांति भूषण के अंतिम संस्कार में हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए. इसी क्रम में कई बड़े वरिष्ठ पत्रकार, वकील और राजनेता भी उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे और उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए. इसी बीच उनके साथी रहे वरिष्ठ पत्रकार आशुतोष भी पहुंचे. उन्होंने कहा कि उनका यूं अचानक से चला जाना एक बड़ी दुखद घटना है. हालांकि, वह बीमार थे उनके पास कोई शब्द नहीं है. उनका अंतिम संस्कार मोदी घाट स्थित श्मशान घाट पर हो गया है और काफी संख्या में लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचे हैं.
राष्ट्रपति ने जाहिर किया शोक: शांति भूषण के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी शोक जाहिर किया है. राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, 'महान वकील और पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री शांति भूषण जी के निधन में एक युग बीत गया है. वह हमेशा अपनी मान्यताओं के लिए खड़े रहे. वह न्यायशास्त्र के साथ-साथ राजनीति पर भी अपनी छाप छोड़ते थे. उनके परिवार और मित्रों के लिए संवेदनाएं.' वहीं उनके निधन पर देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और देश के बड़े-बड़े दिग्गज नेताओं ने उन्हें ट्वीट कर श्रद्धांजलि दी है.
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