नई दिल्ली: साउथ एमसीडी की साल 2016-17 की ऑडिट रिपोर्ट पर आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार के आरोप लगाए तो बीजेपी नेता सफाई देने पर उतर आए. गुरूवार को निगम में स्थाई समिति अध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता और नेता सदन कमलजीत सेहरावत ने सभी योजनाओं पर चर्चा की. चर्चा में बताया गया कि लेटलतीफी और नुकसान के लिए निगम जिम्मेदारी नहीं है.
प्रॉपर्टी-टैक्स से लेकर पार्किंग, नाले और सेल फोन टावर के मुद्दे पर निगम नेताओं ने कहा कि किसी भी चीज पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाने से पहले दूसरा पक्ष भी जानना चाहिए.
प्रॉपर्टी टैक्स पर अब भी फंसा हुआ है पेंच
हाउस टैक्स डिपार्टमेंट के डायरेक्टर राधाकृष्ण ने बताया कि 2004 से पहले जिन मामलों का जिक्र ऑडिट रिपोर्ट में किया गया है उसमें लगभग 550 करोड़ रुपये डीडीए के हैं. इस मामले में भी एक केस न्यायलय में लंबित था जिसका फैसला ही 2015 में आया है. उन्होंने बताया कि इसके बाद से यहां टैक्स वसूलने की प्रक्रिया जारी है. हालांकि इसमें वो अनाधिकृत कॉलोनियों का जिक्र है जिनका हिस्सा भी इसी 1170 करोड़ रुपए में हैं. मामले में सेल्फ असेसमेंट स्कीम लागू करने के लिए भी निगम काम कर रही है.
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नाले पर NGT ने लगाई थी रोक
पुष्पविहार के नाले का जिक्र करते हुए नेता सदन कमलजीत सहरावत कहती हैं कि इस मामले में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेश पर नाले का अधिकतर काम होने के बाद भी रोक लगाई गई थी. इस मामले में आर्थिक नुकसान होने की बात बिल्कुल ठीक है. हालांकि यहां ट्रिब्यूनल के आदेश का पालन हुआ है.
पूर्णिमा सेठी हॉस्पिटल और सेल फोन टॉवरों पर भी जवाब
निगम नेताओं के मुताबिक, पूर्णिमा सेठी अस्पताल के मामले में भी प्रोजेक्ट दिल्ली सरकार के फण्ड नहीं देने के चलते लेट हुआ. अस्पताल के काम के मामले में पहले दिल्ली सरकार ने फंड देने की बात कही थी लेकिन बाद में मुकर गई. ऐसे में निगम को बाद में अपनी तरफ से ही इस अस्पताल का काम पूरा करना पड़ा. इसी के साथ सेल फोन टावरों के मामले में भी नेताओं ने निगम को क्लीन चिट दी.
कमलजीत सहरावत ने CAG की रिपोर्ट सामने रखी
नेता सदन कमलजीत सहरावत ने दिल्ली सरकार की सीएजी रिपोर्ट पेश की और कहा कि दूसरों पर आरोप लगाने से पहले आम आदमी पार्टी सरकार को अपनी तरफ भी देख लेना चाहिए. दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार के हर विभाग में करोड़ों की हेराफेरी और अनियमितताएं हैं, जिन पर अरविंद केजरीवाल या उनके कोई भी मंत्री या विधायक ध्यान नहीं दे रहे हैं.