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सफदरजंग के डॉक्टर का दावा, कोरोना की सेकंड वेव आने की संभावना कम - सफदरजंग अस्पताल

दिल्ली में कोरोना मामले लगतार बढ़ते जा रहे थे जिसमें अब कमी देखने को मिली है. जिसको लेकर विशेषज्ञों में मतभेद हैं. कुछ का मानना है कि ये दिल्ली में कोरोना की सेकंड वेव है. जबकि कुछ इससे अलग राय रखते है और उनका मानना है कि दिल्ली में सेकंड वेव आएगा ही नहीं. देखे रिपोर्ट...

Corona's second wave less likely to come - Dr. Jugal Kishore
कोरोना की सेकंड वेव आने की संभावना कम- डॉ. जुगल किशोर
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Published : Sep 21, 2020, 7:34 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली में दोबारा कोरोना के बढ़ते मामलों को क्या सेकंड वेव कहा जा सकता है इसे लेकर विशेषज्ञों में दो राय हैं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में कोरोना की सेकंड वेव में आ गई है, तो वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभी फर्स्ट वेव है और दिल्ली ही नहीं बल्कि देश में भी कोरोना का सेकंड वेव आएगी ही नहीं.

कोरोना की सेकंड वेव आने की संभावना कम- डॉ. जुगल किशोर

दिल्ली में चल रहा है फर्स्ट वेव

दिल्ली में दोबारा तेजी से बढ़ने के बाद कोरोना के मामले अब एक बार फिर से कम होने लगे हैं. रोजाना सामने आने वाले नए मामलों की संख्या भी अब 4000 से कम हो रही है. सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि दिल्ली में जो आंकड़े बढ़े हैं उनकी वजह सिर्फ और सिर्फ टेस्ट का बढ़ना है. फिलहाल जो नए मामले सामने आ रहे हैं वे लोग पहले घरों में थे, जो अब बाहर निकले हैं.

कम है सेकेंड वेब आने की संभावना

डॉक्टर जुगल किशोर का कहना है कि सेकंड वेव भी आने के चार मुख्य कारण होते हैं. पहला वायरस का म्यूटेट होना, दूसरा नए बच्चों का जन्म, जो जन्म के बाद संक्रमित हो जाएं, तीसरा बड़ी संख्या में लोगों का पलायन, जो स्वस्थ थे लेकिन पलायन के बाद संक्रमित हो गए और चौथा हार्ड इम्यूनिटी का खत्म होना.

डॉक्टर जुगल किशोर की माने तो कोरोना वायरस का देश में जितना म्यूटेशन होना था वह पहले ही हो चुका है. वहीं नए पैदा हुए बच्चों में भी संक्रमण न के बराबर है. जो लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन करके गए थे और अब वापस आ रहे हैं, वे संक्रमण को लेकर गए थे और लेकर ही आए हैं. जबकि हार्ड इम्यूनिटी के मामले भी उंगलियों पर गिने जाने के बराबर ही हैं. ऐसे में उनका मानना है कि दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोरोना के सेकेंड वेब आने की संभावना बहुत कम है.

नई दिल्ली: दिल्ली में दोबारा कोरोना के बढ़ते मामलों को क्या सेकंड वेव कहा जा सकता है इसे लेकर विशेषज्ञों में दो राय हैं. कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि दिल्ली में कोरोना की सेकंड वेव में आ गई है, तो वहीं कुछ विशेषज्ञों का मानना है कि यह अभी फर्स्ट वेव है और दिल्ली ही नहीं बल्कि देश में भी कोरोना का सेकंड वेव आएगी ही नहीं.

कोरोना की सेकंड वेव आने की संभावना कम- डॉ. जुगल किशोर

दिल्ली में चल रहा है फर्स्ट वेव

दिल्ली में दोबारा तेजी से बढ़ने के बाद कोरोना के मामले अब एक बार फिर से कम होने लगे हैं. रोजाना सामने आने वाले नए मामलों की संख्या भी अब 4000 से कम हो रही है. सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि दिल्ली में जो आंकड़े बढ़े हैं उनकी वजह सिर्फ और सिर्फ टेस्ट का बढ़ना है. फिलहाल जो नए मामले सामने आ रहे हैं वे लोग पहले घरों में थे, जो अब बाहर निकले हैं.

कम है सेकेंड वेब आने की संभावना

डॉक्टर जुगल किशोर का कहना है कि सेकंड वेव भी आने के चार मुख्य कारण होते हैं. पहला वायरस का म्यूटेट होना, दूसरा नए बच्चों का जन्म, जो जन्म के बाद संक्रमित हो जाएं, तीसरा बड़ी संख्या में लोगों का पलायन, जो स्वस्थ थे लेकिन पलायन के बाद संक्रमित हो गए और चौथा हार्ड इम्यूनिटी का खत्म होना.

डॉक्टर जुगल किशोर की माने तो कोरोना वायरस का देश में जितना म्यूटेशन होना था वह पहले ही हो चुका है. वहीं नए पैदा हुए बच्चों में भी संक्रमण न के बराबर है. जो लोग एक राज्य से दूसरे राज्य में पलायन करके गए थे और अब वापस आ रहे हैं, वे संक्रमण को लेकर गए थे और लेकर ही आए हैं. जबकि हार्ड इम्यूनिटी के मामले भी उंगलियों पर गिने जाने के बराबर ही हैं. ऐसे में उनका मानना है कि दिल्ली ही नहीं बल्कि पूरे देश में कोरोना के सेकेंड वेब आने की संभावना बहुत कम है.

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