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9.85 करोड़ का नकली डीडी लेकर बैंक पहुंचा जालसाज, मौके से हुआ गिरफ्तार - समाचार

बैंक मैनेजर ने जब जांच की तो पता चला कि यह डीडी फर्जी है. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी. पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है और डीडी तैयार करने वाले की तलाश की जा रही है.

थाना बाराखम्बा etv bharat
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Published : Sep 14, 2019, 7:50 AM IST

नई दिल्ली : राजधानी में फर्जी डीडी मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार बाराखम्बा स्थित पंजाब नेशनल बैंक में तीन युवक 9.85 करोड़ रुपये का डीडी लेकर पहुंचे. बैंक मैनेजर भी हैरान रह गए. इतनी बड़ी रकम का डीडी होने के चलते उन्हें शक हुआ. जांच करने पर पूरे मामले का खुलासा हो गया.

9.85 करोड़ का नकली डीडी लेकर बैंक पहुंचा जालसाज

डीडी तैयार करने वाले की तलाश जारी

बैंक मैनेजर ने जब जांच की तो पता चला कि यह डीडी फर्जी है. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी. पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है और डीडी तैयार करने वाले की तलाश की जा रही है.

डीसीपी ईश सिंघल के अनुसार12 सितंबर को बाराखम्बा थाने में जालसाजी का एक मामला दर्ज किया गया था. दरअसल, पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर मैनेजर अनिल कुमार जैन ने इसे लेकर शिकायत दर्ज करवाई.

उन्होंने बताया कि तीन लड़के कनॉट प्लेस स्थित उनकी ब्रांच में पहुंचे. उन्होंने एवरेस्ट बैंक लिमिटेड (नेपाल) द्वारा जारी 9.85 करोड़ रुपये का डीडी कैश करने के लिए दिया. मैनेजर ने उन्हें बताया कि यह डीडी पुराना है. इसलिए उन्हें बाराखम्बा रोड स्थित डीसीएम बिल्डिंग की आठवीं फ्लोर पर बने उनके दरफ्तर में चलना होगा. वहीं बैंक से उन्हें पैसे मिलेंगे.

जांच में फर्जी निकला यह डीडी

यह रकम काफी बड़ी थी, इसलिए इसकी जांच की गई. अंतरिक्ष भवन केजी मार्ग पर एवेरेस्ट बैंक की एक शाखा है, जहां इस बारे में पूछताछ की गई. शक होने पर अनिल जैन ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को भी दे दी.

इस सूचना पर एसएचओ प्रहलाद सिंह की देखरेख में एसआई मंतोष चौहान की टीम मौके पर पहुंची और वहां से तीनों युवकों को पकड़ लिया. छानबीन में पता चला कि यह ड्राफ्ट 43350 रुपये का बनाया गया था, जो चेन्नई में कैश हो चुका है. इनके पास मौजूद ड्राफ्ट फर्जी था. तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनकी पहचान यश सक्सेना, देवेंद्र सिंह और राजीव उपाध्याय के रूप में की गई.

डीडी कैश कराने पर मिलते 50 लाख रुपये

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वह लोन के लिए सेल्स असिस्टेंट का काम करते हैं. उन्होंने भोपाल निवासी राजीव उपाध्याय को 1.20 करोड़ का लोन दिलाया था. इस दौरान उनके बीच दोस्ती हो गई. यश राजेंद्र सिंह के भी संपर्क में आया जिसे वह 3.5 करोड़ रुपए का लोन दिलवा रहा था. राजेंद्र सिंह ने उन्हें झांसा दिया कि अगर वह डीडी कैश कराने में उसकी मदद करेंगे तो वह उन्हें 50 लाख रुपये कमीशन देगा.

उसके कहने पर वह दिल्ली आए और 12 सितंबर को यह ड्राफ्ट लेकर बैंक में पहुंचे, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस ने यश सक्सेना को अदालत से रिमांड पर लिया है, ताकि राजेंद्र परमार को गिरफ्तार किया जा सके.

नई दिल्ली : राजधानी में फर्जी डीडी मामले में पुलिस ने तीन लोगों को गिरफ्तार किया है. जानकारी के अनुसार बाराखम्बा स्थित पंजाब नेशनल बैंक में तीन युवक 9.85 करोड़ रुपये का डीडी लेकर पहुंचे. बैंक मैनेजर भी हैरान रह गए. इतनी बड़ी रकम का डीडी होने के चलते उन्हें शक हुआ. जांच करने पर पूरे मामले का खुलासा हो गया.

9.85 करोड़ का नकली डीडी लेकर बैंक पहुंचा जालसाज

डीडी तैयार करने वाले की तलाश जारी

बैंक मैनेजर ने जब जांच की तो पता चला कि यह डीडी फर्जी है. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी. पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है और डीडी तैयार करने वाले की तलाश की जा रही है.

डीसीपी ईश सिंघल के अनुसार12 सितंबर को बाराखम्बा थाने में जालसाजी का एक मामला दर्ज किया गया था. दरअसल, पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर मैनेजर अनिल कुमार जैन ने इसे लेकर शिकायत दर्ज करवाई.

उन्होंने बताया कि तीन लड़के कनॉट प्लेस स्थित उनकी ब्रांच में पहुंचे. उन्होंने एवरेस्ट बैंक लिमिटेड (नेपाल) द्वारा जारी 9.85 करोड़ रुपये का डीडी कैश करने के लिए दिया. मैनेजर ने उन्हें बताया कि यह डीडी पुराना है. इसलिए उन्हें बाराखम्बा रोड स्थित डीसीएम बिल्डिंग की आठवीं फ्लोर पर बने उनके दरफ्तर में चलना होगा. वहीं बैंक से उन्हें पैसे मिलेंगे.

जांच में फर्जी निकला यह डीडी

यह रकम काफी बड़ी थी, इसलिए इसकी जांच की गई. अंतरिक्ष भवन केजी मार्ग पर एवेरेस्ट बैंक की एक शाखा है, जहां इस बारे में पूछताछ की गई. शक होने पर अनिल जैन ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को भी दे दी.

इस सूचना पर एसएचओ प्रहलाद सिंह की देखरेख में एसआई मंतोष चौहान की टीम मौके पर पहुंची और वहां से तीनों युवकों को पकड़ लिया. छानबीन में पता चला कि यह ड्राफ्ट 43350 रुपये का बनाया गया था, जो चेन्नई में कैश हो चुका है. इनके पास मौजूद ड्राफ्ट फर्जी था. तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया. इनकी पहचान यश सक्सेना, देवेंद्र सिंह और राजीव उपाध्याय के रूप में की गई.

डीडी कैश कराने पर मिलते 50 लाख रुपये

पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वह लोन के लिए सेल्स असिस्टेंट का काम करते हैं. उन्होंने भोपाल निवासी राजीव उपाध्याय को 1.20 करोड़ का लोन दिलाया था. इस दौरान उनके बीच दोस्ती हो गई. यश राजेंद्र सिंह के भी संपर्क में आया जिसे वह 3.5 करोड़ रुपए का लोन दिलवा रहा था. राजेंद्र सिंह ने उन्हें झांसा दिया कि अगर वह डीडी कैश कराने में उसकी मदद करेंगे तो वह उन्हें 50 लाख रुपये कमीशन देगा.

उसके कहने पर वह दिल्ली आए और 12 सितंबर को यह ड्राफ्ट लेकर बैंक में पहुंचे, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस ने यश सक्सेना को अदालत से रिमांड पर लिया है, ताकि राजेंद्र परमार को गिरफ्तार किया जा सके.

Intro:नई दिल्ली
बराखम्बा स्थित पंजाब नेशनल बैंक में तीन युवक 9.85 करोड़ रुपये का डीडी लेकर पहुंचे तो बैंक मैनेजर भी हैरान रह गए. इतनी बड़ी रकम का डीडी होने के चलते उन्हें शक हुआ. उन्होंने जब जांच की तो पता चला कि यह डीडी फर्जी है. उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दे दी. पुलिस ने तीनों युवकों को गिरफ्तार कर लिया है और डीडी तैयार करने वाले कि तलाश की जा रही है.


Body:डीसीपी ईश सिंघल के अनुसार 12 सितंबर को बाराखंबा थाने में जालसाजी का एक मामला दर्ज किया गया था. दरअसल पंजाब नेशनल बैंक के सीनियर मैनेजर अनिल कुमार जैन ने इसे लेकर शिकायत दर्ज करवाई. उन्होंने बताया कि तीन लड़के कनॉट प्लेस स्थित उनकी ब्रांच में पहुंचे. उन्होंने एवरेस्ट बैंक लिमिटेड (नेपाल) द्वारा जारी 9.85 करोड़ रुपये का डीडी कैश करने के लिए दिया. मैनेजर ने उन्हें बताया कि यह डीडी पुराना है. इसलिए उन्हें बाराखंबा रोड स्थित डीसीएम बिल्डिंग की आठवीं फ्लोर पर बने उनके दरफ्तार में चलना होगा. वहीं बैंक से उन्हें पैसे मिलेंगे.


जांच में फर्जी निकला यह डीडी
यह रकम काफी बड़ी थी, इसलिए इसकी जांच की गई. अंतरिक्ष भवन केजी मार्ग पर एवेरेस्ट बैंक की एक शाखा है, जहां इस बारे में पूछताछ की गई. शक होने पर अनिल जैन ने तुरंत इसकी जानकारी पुलिस को भी दे दी. इस सूचना पर एसएचओ प्रहलाद सिंह की देखरेख में एसआई मंतोष चौहान की टीम मौके पर पहुंची और वहां से तीनों युवकों को पकड़ लिया. छानबीन में पता चला कि यह ड्राफ्ट 43350 रुपये का बनाया गया था जो चेन्नई में कैश हो चुका है. इनके पास मौजूद ड्राफ्ट फर्जी था. तीनों को।गिरफ्तार कर लिया गया. इनकी पहचान यश सक्सेना, देवेंद्र सिंह और राजीव उपाध्याय के रूप में की गई.





Conclusion:डीडी कैश कराने पर मिलते 50 लाख रुपये
पूछताछ के दौरान आरोपियों ने बताया कि वह लोन के लिए सेल्स असिस्टेंट का काम करते हैं. उन्होंने भोपाल निवासी राजीव उपाध्याय को 1.20 करोड़ का लोन दिलाया था. इस दौरान उनके बीच दोस्ती हो गई. यश राजेंद्र सिंह के भी संपर्क में आया जिसे वह 3.5 करोड़ रुपए का लोन दिलवा रहा था. राजेंद्र सिंह ने उन्हें झांसा दिया कि अगर वह डीडी कैश कराने में उसकी मदद करेंगे तो वह उन्हें 50 लाख रुपये कमीशन देगा. उसके कहने पर वह दिल्ली आए और 12 सितंबर को यह ड्राफ्ट लेकर बैंक में पहुंचे, जहां उन्हें पुलिस ने पकड़ लिया. पुलिस ने यश सक्सेना को अदालत से रिमांड पर लिया है ताकि राजेंद्र परमार को गिरफ्तार किया जा सके.
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