नई दिल्ली: राजधानी में फर्जी डॉक्टर्स के मामले में लगातार नई जानकारी निकलकर सामने आ रही है. अब मामले में पुलिस ने गॉल ब्लैडर सर्जरी के लिए कमीशन पर मरीज उपलब्ध कराने वाले एजेंट को गिरफ्तार किया है. आरोपी की पहचान प्रहलादपुर निवासी मोहम्मद जुल्फिकार के रूप में हुई है. वह एक क्लिनिक और मेडिकल दुकान चलाता था और खुद को डॉक्टर बताता था. हालांकि, उसने केवल फार्मेसी का कोर्स किया था. मेडिकल दुकान पर, वह होम्योपैथी और एलोपैथिक दवाएं बेचता था और उसके पास दवाएं बेचने का वैध लाइसेंस भी नहीं था.
डीसीपी चंदन चौधरी ने बताया कि, 'जांच से पता चला कि मुख्य आरोपी डॉ. नीरज अग्रवाल से जुल्फिकार ने लगभग पांच साल पहले संपर्क किया था. उसने अग्रवाल से संपर्क किया और प्रस्ताव दिया कि वह कमीशन के लिए मरीजों को उनके पास रेफर करेगा. इसके बाद आरोपी नीरज मरीज के कुल बिल राशि का 35% भुगतान करने के लिए सहमत हो गया.'
अग्रवाल मेडिकल सेंटर द्वारा डिलीवरी, पथरी के ऑपरेशन के लिए 15000 से 20,000 रुपए और गर्भपात के लिए 5000 से 6000 रुपए लिया जाता था. वहीं जुल्फिकार को कमीशन के रुपये यूपीआई नंबर पर भेजे जाते थे. पूछताछ में आरोपी ने बताया है कि उसकी 5-6 साल पहले नीरज से मुलाकात हुई थी. तब से वह उसके साथ काम कर रहा है.
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गौरतलब है कि, 14 नवंबर को ग्रेटर कैलाश थाना पुलिस ने मेडिकल सेंटर के संचालक नीरज अग्रवाल सहित तीन फर्जी डॉक्टर और एक सहायक को गिरफ्तार किया था. उन पर बिना योग्यता मेडिकल सेंटर खोल मरीजों का सर्जरी करने के आरोप के साथ अस्पताल में नौ मरीजों की मौत का आरोप भी था. आरोपियों के खिलाफ दिल्ली मेडिकल काउंसिल में भी शिकायत दी गई थी, जो जांच में सही पाए गए थे.