नई दिल्ली: दिल्ली एम्स के सर्वर पर हुए साइबर अटैक के बाद से ठप पड़ा डिजिटल कामकाज अब धीरे-धीरे पटरी पर लौट रहा है. पुराने सर्वर की जगह एम्स ने नए सर्वर से सिस्टम को जोड़ा है. सोमवार से एम्स में काउंटर पर पहुंचने वाले सभी नए और पुराने मरीजों का रजिस्ट्रेशन डिजिटल तरीके से शुरू कर दिया गया, लेकिन घर बैठे ऑनलाइन ओपीडी रजिस्ट्रेशन के लिए अभी और इंतजार करना पड़ सकता है. फोन के जरिए होने वाले रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी अभी बंद है. डिजिटल तरीके से यूएचआईडी नंबर जेनरेट हो रहा है और अब तक सेंट्रल एडमिशन को वॉर्ड से कनेक्ट नहीं किया जा सका है.
23 नवंबर को हुआ था साइबर अटैकः दिल्ली एम्स के सर्वर पर 23 नवंबर को साइबर अटैक हुआ था. मेन सर्वर और इसके बाद दूसरे सर्वर को हैक कर लिया गया. मेन सर्वर का पहला बैकअप और दूसरे सर्वर का पहला बैकअप भी हैक कर लिया गया था, लेकिन मेन सर्वर का दूसरा बैकअप जो डेंटल सेंटर में था, उसे हैक होने से बचा लिया गया था.
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इससे एम्स का डेटा बच गया. जब हैकर से कंट्रोल वापस हासिल करने में कामयाबी नहीं मिली तो एम्स ने नया सर्वर लगाने का फैसला किया. नए सर्वर से एम्स के 5000 सिस्टम को जोड़ने का काम शुरू किया गया और अब तक लगभग 4500 सिस्टम को जोड़ दिया गया है.
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सर्वर हैक होने के बाद एम्स ने अपना कामकाज मैनुअली शुरू कर दिया और स्टाफ की संख्या बढ़ा दी. सूत्र बताते हैं कि रजिस्ट्रेशन में ज्यादा दिक्कत नहीं हुई, क्योंकि स्टाफ पहले से मैनुअल कामकाज के आदी थे. कई स्टाफ कंप्यूटर से ज्यादा हाथ से रजिस्ट्रेशन करने में एक्सपर्ट हैं, लेकिन जो लोग दिल्ली के बाहर से इलाज के लिए आते हैं, जो घर बैठे पहले अपॉइंटमेंट ले लेते थे, या फोन के जरिए रजिस्ट्रेशन करा लेले लेते थे, उन्हें दिक्कत जरूर हो रही है. अभी तक घर बैठे ऑनलाइन ओपीडी रजिस्ट्रेशन नहीं हो रहा है. इसमें और समय लगने की संभावना है.