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फण्ड नहीं पर जारी है शिलान्यास, चुनावी मौसम में साउथ एमसीडी के ये कैसी प्लानिंग! - election manifesto

चुनावी मौसम में उद्घाटनों और शिलान्यासों की संख्या बढ़ जाती है. साउथ एमसीडी के लगातार हो रहे शिलान्यासों पर अब ये सवाल उठने लगे हैं कि ये वाकई पूरी होने वाली योजनाएं हैं या चुनावी मौसम में शिलान्यास कर महज इनके नाम पर श्रेय लिया जा रहा है.

'वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं बचेंगे'
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Published : Mar 7, 2019, 3:31 AM IST

नई दिल्ली: बीते 4 दिनों में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने 4 योजनाओं के शिलान्यास किए हैं. इनमें 3 पार्किंग स्थल हैं तो वहीं 3 प्राइमरी स्कूल शामिल हैं. गौर करने वाली बात है कि ऐसे समय में जबकि निगमायुक्त खुद अधिकारियों से फाइनेंसियल कमिटमेंट्स के लिए मना कर चुके हैं और निगम के पास फण्ड नहीं हैं, ये योजनाओं कैसे पूरी होंगी इस पर सवाल उठ रहे हैं.

'वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं बचेंगे'
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी की मानें तो पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशें अगर लागू होती है तो निगम के पास आने वाले दिनों में अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं बचेंगे. साथ ही निगम के पास अभी के समय में किसी भी नई योजना के लिए पैसा नहीं है. निगम नेता फण्ड को लेकर दिल्ली विधानसभा पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं लेकिन 6 महीने में पार्किंग और स्कूल बनाना निगम के लोए कैसे मुमकिन हो पाएगा ये कोई नहीं जानता.

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'निगम के पास बिलकुल भी पैसा नहीं है'
निगम अधिकारियों का कहना है कि पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद दक्षिण दिल्ली नगर निगम के हिस्से में महेश 437 करोड रुपए आने वाले हैं जबकि 2018-19 में यह राशि 1081 करोड़ रुपए की थी. अनुमान है कि अगर वित्त वर्ष में ये लागू होता है तो निगम कर्मचारियों को तनख्वाह देने में भी परेशानी होगी. दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार की ओर से मौजूदा वित्त वर्ष की आखिरी इंस्टॉलमेंट भी नहीं दी गई है जिसके चलते अभी के समय में निगम के पास बिलकुल भी पैसा नहीं है. ऐसे में अगले लगातार हो रहे शिलान्यास कैसे उद्घाटनों में बदलेंगे ये तो निगम नेता ही बता सकते हैं.

नई दिल्ली: बीते 4 दिनों में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने 4 योजनाओं के शिलान्यास किए हैं. इनमें 3 पार्किंग स्थल हैं तो वहीं 3 प्राइमरी स्कूल शामिल हैं. गौर करने वाली बात है कि ऐसे समय में जबकि निगमायुक्त खुद अधिकारियों से फाइनेंसियल कमिटमेंट्स के लिए मना कर चुके हैं और निगम के पास फण्ड नहीं हैं, ये योजनाओं कैसे पूरी होंगी इस पर सवाल उठ रहे हैं.

'वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं बचेंगे'
दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी की मानें तो पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशें अगर लागू होती है तो निगम के पास आने वाले दिनों में अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं बचेंगे. साथ ही निगम के पास अभी के समय में किसी भी नई योजना के लिए पैसा नहीं है. निगम नेता फण्ड को लेकर दिल्ली विधानसभा पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं लेकिन 6 महीने में पार्किंग और स्कूल बनाना निगम के लोए कैसे मुमकिन हो पाएगा ये कोई नहीं जानता.

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'निगम के पास बिलकुल भी पैसा नहीं है'
निगम अधिकारियों का कहना है कि पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद दक्षिण दिल्ली नगर निगम के हिस्से में महेश 437 करोड रुपए आने वाले हैं जबकि 2018-19 में यह राशि 1081 करोड़ रुपए की थी. अनुमान है कि अगर वित्त वर्ष में ये लागू होता है तो निगम कर्मचारियों को तनख्वाह देने में भी परेशानी होगी. दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार की ओर से मौजूदा वित्त वर्ष की आखिरी इंस्टॉलमेंट भी नहीं दी गई है जिसके चलते अभी के समय में निगम के पास बिलकुल भी पैसा नहीं है. ऐसे में अगले लगातार हो रहे शिलान्यास कैसे उद्घाटनों में बदलेंगे ये तो निगम नेता ही बता सकते हैं.

Intro:नई दिल्ली:
चुनावी मौसम में उद्घाटनों और शिलान्यासों की संख्या बढ़ जाती है. लोकसभा चुनाव से पहले राजधानी में भी ऐसे कार्यक्रमों की धूम मची है. हालांकि साल भर फण्ड का रोना रोने वाली साउथ एमसीडी के लगातार हो रहे शिलान्यासों पर अब ये सवाल उठने लगे हैं कि ये वाकई पूरी होने वाली योजनाएं हैं या चुनावी मौसम में शिलान्यास कर महज इनके नाम पर श्रेय लिया जा रहा है.


Body:बीते 4 दिनों में दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने 4 योजनाओं के शिलान्यास किए हैं. इनमें 3 पार्किंग स्थल हैं तो वहीं 3 प्राइमरी स्कूल शामिल हैं. गौर करने वाली बात है कि ऐसे समय में जबकि निगमायुक्त खुद अधिकारियों से फाइनेंसियल कमिटमेंट्स के लिए मना कर चुके हैं और निगम के पास फण्ड नहीं हैं, ये योजनाओं कैसे पूरी होंगी इस पर सवाल उठ रहे हैं.

दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के एक अधिकारी की मानें तो पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशें अगर लागू होती है तो निगम के पास आने वाले दिनों में अपने कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी पैसे नहीं बचेंगे. साथ ही निगम के पास अभी के समय में किसी भी नई योजना के लिए पैसा नहीं है. निगम नेता फण्ड को लेकर दिल्ली विधानसभा पर प्रदर्शन भी कर चुके हैं लेकिन 6 महीने में पार्किंग और स्कूल बनाना निगम के लोए कैसे मुमकिन हो पाएगा ये कोई नहीं जानता.

निगम अधिकारियों का कहना है कि पांचवें वित्त आयोग की सिफारिशों के बाद दक्षिण दिल्ली नगर निगम के हिस्से में महेश 437 करोड रुपए आने वाले हैं जबकि 2018-19 में यह राशि 1081 करोड़ रुपए की थी. अनुमान है कि अगर वित्त वर्ष में ये लागू होता है तो निगम कर्मचारियों को तनख्वाह देने में भी परेशानी होगी. दावा किया जा रहा है कि दिल्ली सरकार की ओर से मौजूदा वित्त वर्ष की आखिरी इंस्टॉलमेंट भी नहीं दी गई है जिसके चलते अभी के समय में निगम के पास बिलकुल भी पैसा नहीं है. ऐसे में अगले लगातार हो रहे शिलान्यास कैसे उद्घाटनों में बदलेंगे ये तो निगम नेता ही बता सकते हैं.


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