नई दिल्ली: दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने की मांग को लेकर एक मार्च से सीएम अरविंद केजरीवाल अनिश्चितकालीन उपवास करने जा रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने इस मुद्दे पर बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं से भी अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है.
आम आदमी पार्टी के प्रदेश संयोजक गोपाल राय ने ईटीवी भारत से बातचीत में कहा कि दिल्ली को पूर्ण राज्य दर्जा देने की मांग बहुत पुरानी है. कांग्रेस और बीजेपी लंबे समय से यह मांग करती आ रही थी.
'बीजेपी-कांग्रेस साफ करे अपना पक्ष'
सत्ता में आने के बाद आम आदमी पार्टी सरकार को भी यह मांग उचित लगी तो मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में इस को लेकर कई बार धरना प्रदर्शन भी किया गया.
अब सरकार के पास समय कम है तो मांग पूरी करने के लिए सिर्फ यही एक रास्ता बचा है. जिसके लिए सीएम अनशन पर बैठेंगे. ऐसे समय में आम आदमी पार्टी ने बीजेपी और कांग्रेस से भी उसका पक्ष मांगा है.
गोपाल राय ने कहा, 'मुख्यमंत्री द्वारा अनिश्चितकालीन अनशन का ऐलान करने के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित ने कहा कि समझ में नहीं आ रहा है कि केजरीवाल क्यों उपवास कर रहे हैं? बीजेपी की तरह कांग्रेस भी पूर्ण राज्य पर स्टैंड बदल रही है. शीला दीक्षित समर्थन के बदले सवाल क्यों उठा रही यह समझ में नहीं आ रहा है.'
'शीला-मनोज को लिखा पत्र'
उन्होंने आगे कहा, 'उन्होंने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष शीला दीक्षित और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मनोज तिवारी दोनों को पत्र लिखकर पूर्ण राज्य को लेकर अब तक दिए गए बयानों के तथ्य के साथ पत्र भेजा है. कांग्रेस और बीजेपी का पूर्ण राज्य को लेकर पहले के स्टैंड पर अब पार्टी की क्या सोच है, यह आम आदमी पार्टी जानना चाहती हैं?'
आज बीजेपी और कांग्रेस पूर्ण राज्य को लेकर क्या सोचते हैं? पूर्ण राज्य का दर्जा मिलने से दिल्ली को फायदा होगा या नुकसान? इस बारे में भी आम आदमी पार्टी ने सवाल पूछा है. बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने पूर्ण राज्य को लेकर पुरजोर वकालत की थी तो इस पर भाजपा का अब क्या कहना है?
'किसी सरकार के खिलाफ नहीं है उपवास'
यह भी आम आदमी पार्टी ने पत्र में के जरिए पूछा है. उन्होंने उम्मीद जताई है कि प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष आम आदमी पार्टी द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब जब देंगे तब जवाब आने के बाद दोनों पार्टियों की हकीकत के बारे में दिल्ली की जनता को बताएंगे.
उन्होंने कहा कि उपवास किसी सरकार या व्यक्ति के खिलाफ नहीं है. सिर्फ दिल्ली वालों को संगठित करने के लिए है. जिन-जिन पार्टियों ने पूर्ण राज्य का प्रस्ताव पास किया है. उनको पत्र भेज रहे हैं. वैसे लोकतंत्र का समर्थन करने वाली सभी पार्टियों का उपवास में स्वागत है.