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घर बैठे जज-वकील करेंगे मामलों की सुनवाई, कोर्ट को डिजिटल करने की चल रही है तैयारी - e-committee

घर बैठकर जज वीडियो कॉनफ्रेन्सिंग के जरिये केस की सुनवाई कर सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट की बनाई ई-कमेटी तेजी से इसपर काम कर रही है.

कोर्ट को डिजिटल करने की चल रही है तैयारी etv bharat
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Published : Jul 29, 2019, 11:14 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में जल्द ही जज घर बैठकर भी वीडियो कॉनफ्रेन्सिंग के जरिये केस की सुनवाई कर सकेंगे. इस सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकील भी अपने घर या दफ्तर में बैठकर अपनी बात कह सकेंगे. यह कहना है हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल का. उनका कहना है कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ई-कमेटी पर तेजी से काम कर रही है.

कोर्ट को डिजिटल करने की चल रही है तैयारी

'घर से करेंगे मामले की सुनवाई'
ई-कमेटी लगातार वेब पोर्टल तैयार करने के साथ-साथ बेहतर सुविधाओं के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब जज और वकील अपने घर पर होते हुए तकनीक के जरिये मामले की सुनवाई एवं बहस करेंगे.


इसके लिए तकनीक की आवश्यकता होगी और वकीलों को तैयार होना होगा. इससे समय की बचत होगी और काम में भी तेजी आएगी.

'सब कुछ ई-फ़ाइल करना होगा'
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल के अनुसार इस काम को संभव करने के लिए सबसे पहले फ़ाइल को ई-फ़ाइल के रूप में तैयार करना होगा.


उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में उनका दफ्तर पूरी तरह से पेपरलेस हो चुका है. वह कंप्यूटर पर ही काम करते हैं, जहां कोई समस्या आती है तो उनकी टीम इसमें मदद करती है.
उनके अनुसार दिल्ली में बेहद मजबूत टीम है जो जल्द इस काम को पूरा कर एक नई शुरुआत करेगी.

कई कैदियों की होती है जेल से पेशी
जानकारी के अनुसार अभी कई बार जेल में बंद कैदियों की पेशी अदालत के सामने वहीं से ही कराई जाती है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह सुनवाई होती है. इसमें जज अपनी अदालत में बैठकर जेल में बंद कैदी को सामने कैमरे पर देखकर सुनवाई करते हैं.


वहीं कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गवाही भी होती है. पहाड़गंज में गैंगरेप का शिकार हुई महिला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही जज के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था.

नई दिल्ली: राजधानी में जल्द ही जज घर बैठकर भी वीडियो कॉनफ्रेन्सिंग के जरिये केस की सुनवाई कर सकेंगे. इस सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकील भी अपने घर या दफ्तर में बैठकर अपनी बात कह सकेंगे. यह कहना है हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल का. उनका कहना है कि इसके लिए सुप्रीम कोर्ट ई-कमेटी पर तेजी से काम कर रही है.

कोर्ट को डिजिटल करने की चल रही है तैयारी

'घर से करेंगे मामले की सुनवाई'
ई-कमेटी लगातार वेब पोर्टल तैयार करने के साथ-साथ बेहतर सुविधाओं के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब जज और वकील अपने घर पर होते हुए तकनीक के जरिये मामले की सुनवाई एवं बहस करेंगे.


इसके लिए तकनीक की आवश्यकता होगी और वकीलों को तैयार होना होगा. इससे समय की बचत होगी और काम में भी तेजी आएगी.

'सब कुछ ई-फ़ाइल करना होगा'
हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल के अनुसार इस काम को संभव करने के लिए सबसे पहले फ़ाइल को ई-फ़ाइल के रूप में तैयार करना होगा.


उन्होंने बताया कि हाईकोर्ट में उनका दफ्तर पूरी तरह से पेपरलेस हो चुका है. वह कंप्यूटर पर ही काम करते हैं, जहां कोई समस्या आती है तो उनकी टीम इसमें मदद करती है.
उनके अनुसार दिल्ली में बेहद मजबूत टीम है जो जल्द इस काम को पूरा कर एक नई शुरुआत करेगी.

कई कैदियों की होती है जेल से पेशी
जानकारी के अनुसार अभी कई बार जेल में बंद कैदियों की पेशी अदालत के सामने वहीं से ही कराई जाती है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह सुनवाई होती है. इसमें जज अपनी अदालत में बैठकर जेल में बंद कैदी को सामने कैमरे पर देखकर सुनवाई करते हैं.


वहीं कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गवाही भी होती है. पहाड़गंज में गैंगरेप का शिकार हुई महिला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही जज के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था.

Intro:नई दिल्ली
राजधानी में जल्द ही जज घर बैठकर भी वीडियो कॉनफ्रेन्सिंग के जरिये केस की सुनवाई कर सकेंगे. इस सुनवाई के दौरान दोनों पक्षों के वकील भी अपने घर या दफ्तर में बैठकर अपनी बात कह सकेंगे. यह कहना है हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल का. उनके अनुसार इसके लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई ई-कमिटी तेजी से काम कर रही है.


Body:हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल के अनुसार सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई ई-कमिटी लगातार वेब पोर्टल तैयार करने के साथ बेहतर सुविधाओं के लिए काम कर रही है. उन्होंने कहा कि वह दिन दूर नहीं है जब जज अपने घर पर रहेंगे और वकील अपने घर पर, लेकिन इसके बावजूद तकनीक के जरिये मामले की सुनवाई एवं बहस जो सकेगी. इसके लिए तकनीक की आवश्यकता होगी एवं वकीलों को तैयार होना होगा. इससे काफी समय की बचत होगी एवं काम मे भी तेजी आएगी.



सब कुछ ई-फ़ाइल करना होगा
हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस डीएन पटेल के अनुसार इस काम को संभव करने के लिए सबसे पहले फ़ाइल को ई-फ़ाइल के रूप में तैयार करना होगा. उन्होंने बताया कि हाई कोर्ट में उनका दफ्तर पूरी तरह से पेपरलेस हो चुका है. वह कंप्यूटर पर ही काम करते हैं, जहां कोई समस्या आती है तो उनकी टीम इसमें मदद करती है. उनके अनुसार दिल्ली में बेहद मजबूत टीम है जो जल्द इस काम को पूरा कर एक नई शुरुआत करेगी.





Conclusion:कई कैदियों की होती है जेल से पेशी
जानकारी के अनुसार अभी कई बार जेल में बंद कैदियों की पेशी अदालत के समक्ष वहां से ही कराई जाती है. वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये यह सुनवाई होती है. इसमें जज अपनी अदालत में बैठकर जेल में बंद कैदी को सामने कैमरे पर देखकर सुनवाई करते हैं. वहीं कई बार वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये गवाही भी होती है. पहाडगंज में गैंगरेप का शिकार हुई दानिश महिला ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये ही जज के समक्ष अपना बयान दर्ज कराया था.
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