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पुलवामा अटैक: JNU भी उबल पड़ा, श्रद्धांजलि देने के बाद छात्र बोले- याचना नहीं अब रण होगा

नई दिल्ली: भारत क्रोध में है. हिंदुस्तान के लिए 40 वीरों ने तिरंगे को अपना कफन बना लिया. वो अपनों को रोता-बिलखता छोड़ गए. देश उनके लिए सिसक रहा है. हिंदुस्तान का हर गांव, हर गली, हर नुक्कड़ और हर चौराहा चीख-चीखकर कह रहा है- बदला लो सरकार. राजधानी में जेएनयू के छात्रों ने भी जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की.

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Published : Feb 17, 2019, 3:32 AM IST

पुलवामा अटैक: JNU भी उबल पड़ा, श्रद्धांजलि देने के बाद छात्र बोले- याचना नहीं अब रण होगा

जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता, प्राध्यापक और कर्मचारी इस कायराना हमले की भर्त्सना करते हुए नजर आए. देश की खातिर अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों को जेएनयू छात्रों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

गंगा ढाबा से निकाला गया मार्च
वीर शहीदों पर हुए हमले का विरोध करते हुए जेएनयू में गंगा ढाबा से साबरमती ढाबा तक श्रद्धांजलि मार्च निकाला गया. जिसमें पाकिस्तान मुर्दाबाद-पाकिस्तान हाय हाय के नारे लगाए गए.

JNU भी उबल पड़ा, श्रद्धांजलि देने के बाद छात्र बोले- याचना नहीं अब रण होगा
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जेएनयू समुदाय ने साबरमती ढाबा पर वीरगति को प्राप्त हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. हमले में घायल हुए जवानों के जल्दी ही स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना भी की. वहीं, भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीनने के फैसले का भी जेएनयू समुदाय ने स्वागत किया.

साथ ही छात्रों ने सरकार से अपील की कि इस हमले के बाद बातचीत की संभावनाओं को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

पाकिस्तान को दिया जाए जवाब
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जेएनयू इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा जेएनयू समुदाय देश के लिए शहीद हुए जवानों के परिवार के साथ पूरी सहानुभूति रखता है. उनके साथ हमेशा खड़ा है. इसके अलावा उन्होंने सरकार से शहीद हुए जवानों के परिवारों की हरसंभव मदद करने की भी मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार लेफ्ट के छात्र भी इस हमले का दुख मना रहे हैं.

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जेएनयू छात्र संघ के पूर्व संयुक्त सचिव सौरव शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान को प्रेम की भाषा समझ नहीं आती. इसलिए अब समय आ गया है कि उसे उसकी ही भाषा में समझाया जाए.

इसके अलावा उन्होंने हुर्रियत नेताओं को भारत सरकार से मिलने वाली सभी सुरक्षाओं को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की. आतंकवादियों के खिलाफ सहानुभूति रखने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की.

जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता, प्राध्यापक और कर्मचारी इस कायराना हमले की भर्त्सना करते हुए नजर आए. देश की खातिर अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों को जेएनयू छात्रों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी.

गंगा ढाबा से निकाला गया मार्च
वीर शहीदों पर हुए हमले का विरोध करते हुए जेएनयू में गंगा ढाबा से साबरमती ढाबा तक श्रद्धांजलि मार्च निकाला गया. जिसमें पाकिस्तान मुर्दाबाद-पाकिस्तान हाय हाय के नारे लगाए गए.

JNU भी उबल पड़ा, श्रद्धांजलि देने के बाद छात्र बोले- याचना नहीं अब रण होगा
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जेएनयू समुदाय ने साबरमती ढाबा पर वीरगति को प्राप्त हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की. हमले में घायल हुए जवानों के जल्दी ही स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना भी की. वहीं, भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीनने के फैसले का भी जेएनयू समुदाय ने स्वागत किया.

साथ ही छात्रों ने सरकार से अपील की कि इस हमले के बाद बातचीत की संभावनाओं को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए.

पाकिस्तान को दिया जाए जवाब
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जेएनयू इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा जेएनयू समुदाय देश के लिए शहीद हुए जवानों के परिवार के साथ पूरी सहानुभूति रखता है. उनके साथ हमेशा खड़ा है. इसके अलावा उन्होंने सरकार से शहीद हुए जवानों के परिवारों की हरसंभव मदद करने की भी मांग की है. साथ ही उन्होंने कहा कि इस बार लेफ्ट के छात्र भी इस हमले का दुख मना रहे हैं.

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जेएनयू छात्र संघ के पूर्व संयुक्त सचिव सौरव शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान को प्रेम की भाषा समझ नहीं आती. इसलिए अब समय आ गया है कि उसे उसकी ही भाषा में समझाया जाए.

इसके अलावा उन्होंने हुर्रियत नेताओं को भारत सरकार से मिलने वाली सभी सुरक्षाओं को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की. आतंकवादियों के खिलाफ सहानुभूति रखने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की.

पुलवामा में हुई शहादत पर जेएनयू छात्रों में आक्रोश... कहा अब याचना नहीं रण होगा


नई दिल्ली।

देश की सुरक्षा के लिए अपनी जान तक निछावर करने वाले सैनिकों पर हुए आत्मघाती हमले की पूरी देश में आलोचना हो रही है. वहीं जेएनयू में भी अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ता सहित प्राध्यापक और कर्मचारी भी इस कायराना हमले की भर्त्सना करते हुए नजर आए.  देश की खातिर अपनी जान न्योछावर करने वाले शहीदों को जेएनयू छात्रों ने भावभीनी श्रद्धांजलि दी .

वीर शहीदों पर हुए हमले का विरोध करते हुए जेएनयू में  गंगा ढाबा से साबरमती ढाबा तक श्रद्धांजलि मार्च निकाला गया जिसमें पाकिस्तान मुर्दाबाद पाकिस्तान हाय हाय के नारे लगाए गए. जेएनयू समुदाय ने साबरमती ढाबा पर वीरगति को प्राप्त हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की और हमले में घायल हुए जवानों के जल्दी ही स्वस्थ होने के लिए प्रार्थना भी की. वहीं भारत सरकार द्वारा पाकिस्तान से मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा छीनने के फैसले का भी जेएनयू समुदाय ने स्वागत किया और साथ ही यह अपील की कि इस हमले के बाद बातचीत की संभावनाओं को दरकिनार करते हुए पाकिस्तान के खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाई की जाए.

वहीं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जेन्यू इकाई के अध्यक्ष दुर्गेश कुमार ने कहा कि एक समय ऐसा था जब किसी सैनिक की शहादत होती थी तो जेएनयू केंपस में वामपंथी खुशी मनाते थे लेकिन इस बार पुलवामा में हुए आत्मघाती हमले पर उनकी भी आंखें नम हो गई और अब सैनिकों की शहादत पर भारत माता की जय और अमर बलिदानियों की जय जयकार के नारे लगाए जा रहे हैं. दुर्गेश कुमार ने कहा कि जेन्यू समुदाय देश के लिए शहीद हुए जवानों के परिवार के साथ पूरी सहानुभूति रखता है और उनके साथ हमेशा खड़ा है. इसके अलावा उन्होंने सरकार से शहीद हुए जवानों के परिवारों की हरसंभव मदद करने की भी मांग की है.

जेएनयू छात्र संघ के पूर्व संयुक्त सचिव सौरव शर्मा ने कहा कि पाकिस्तान को प्रेम की भाषा समझ नहीं आती इसलिए अब समय आ गया है कि उसे उसकी ही भाषा में समझाया जाए. इसके अलावा उन्होंने हुर्रियत नेताओं को भारत सरकार से मिलने वाली सभी सुरक्षाओं को तत्काल प्रभाव से वापस लेने की मांग की और आतंकवादियों के खिलाफ सहानुभूति रखने वालों पर सख्त से सख्त कार्यवाही करने की मांग की.

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