फरीदाबादः सुप्रीम कोर्ट के पंजाब लैंड प्रिजर्वेशन एक्ट (पीएलपीए) पर रोक लगाने के बावजूद अरावली पर निर्माण जारी है. जिसकी कुछ लाइव तस्वीरें भी सामने आई हैं. इन तस्वीरों के आधार पर सूरजकुंड थाने में आरोपी के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है.
ये एफआईआर वन विभाग के इंस्पेक्टर ने मेवला महाराजपुर के किसी बलजीत के ऊपर दर्ज करवाई है. एफआईआर नंबर 129 में कहा गया है कि बलजीत अरावली पर अवैध निर्माण करवा रहा था औरपीएलपीए का उल्लंघन कर रहा था.
खनन माफियाओं ने अरावली को किया बर्बाद
वन विभाग इंस्पेक्टर पाराशर ने कहा कि लगभग 120 साल पहले ये ऐक्ट इसलिए लाया गया था ताकि दिल्ली एनसीआर की जनता को प्रदूषण से बचाया जाए लेकिन दो दशकों से खनन माफियाओं ने अरावली को बर्बाद कर दिया है.
'रक्षा कवक्ष की तरह है अरावली'
पाराशर ने कहा अगर अरावली उजाड़ दी गई तो राजस्थान के रेगिस्तान की आंधियां एनसीआर में भारीतबाही मचा सकती हैं, क्योंकि इन धूल भरी आंधियों से बचाव करने को प्राचीनतम अरावली पर्वतमाला यहां है.
SC में पेश करेंगे सबूत- इंस्पेक्टर
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने कुछ नहीं सोंचा बस अरावली को उजाड़ने का विधेयक पास कर दिया. उन्होंने कहा कि उन्होंने रविवार को अरावली पर चल रहे जितने भी अवैध निर्माण देखे हैं, उन सभी सबूतों को सुप्रीम कोर्ट में पेश करेंगे.
आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज
वहीं पुलिस पीआरओ सूबे सिंह ने बताया कि अरावली पर अवैध निर्माण करने वाले एक व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि आरोपी सुप्रीम कोर्ट की अवहेलना कर रहा था जिसमें आगे की कार्रवाई की जा रही है.