नई दिल्ली: कस्तूरबा नगर से आम आदमी पार्टी के विधायक मदनलाल व उनके बेटे भरत बैसोया के खिलाफ कोटला मुबारकपुर थाने में मामला दर्ज किया गया है. पीड़ित का आरोप है कि वह विवादित संपत्ति खरीदकर विधायक होने का फायदा उठाकर संपत्ति पर जबरदस्ती कब्जा करना चाहते हैं. पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार डीडीए से रिटायर्ड इंजीनियर सुरिंदर जीत सिंह(75), पत्नी सुरजीत कौर सहदेव के साथ साउथ एक्स पार्ट-1 में रहते हैं. जिस कोठी में वह रहते हैं वह उनके पिता ने बनवाई थी. सुरिंदर ने बताया कि पिता की वसीयत के अुनसार, यह संपत्ति दोनों भाइयों को मिली थी. वह और उनके छोटे भाई इसमें रहते थे. छोटे भाई की पत्नी हरजिंदर कौर सहदेव उनके साथ संपत्ति को लेकर विवाद करने लगीं. इस संपत्ति के बंटवारे को लेकर दोनों पक्षों में मुकदमा भी चल रहा है.
पीड़ित सुरिंदर ने बताया कि भाई की पत्नी ने विवादित संपत्ति आप विधायक मदनलाल के बेटे भरत बैसोया को बेच दी. इसके बाद घर पर कब्जा करने के लिए भरत बैसोया, विधायक मदनलाल व उनके इशारे पर विनीता अग्रवाल आदि उन्हें धमकी देने लगे. 16 नवंबर को सुरिंदर ने पुलिस को शिकायत देकर बताया कि 24 अक्टूबर की सुबह करीब चार बजे कुछ लोग उनके घर में आए और उनके घर का दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया. आरोपितों ने उनके फ्लोर पर लगे सीसीटीवी कैमरे भी तोड़ दिए. उन्होंने रिकार्डिंग देखी तो पता चला कि आरोपितों ने पूरे घर का चक्कर लगाया और उनका दरवाजा तोड़ने का प्रयास किया. सुरिंदर ने बताया कि ऐसा करके आरोपित उन्हें डराना चाहते हैं ताकि वह घर खाली कर दें. इससे पहले भी आरोपितों ने किसी न किसी तरह से उन्हें परेशान किया है.
इस पूरे मामले पर विधायक मदनलाल का कहना है कि यह एफआइआर गलत तथ्यों पर लिखी गई है. सुरिंदर ने एफआइआर में यह कहीं नहीं कहा है कि मैं या मेरा बेटा उस घर में गए. हमने सुरिंदर की भाभी से घर खरीदा है, जिसमें हमारी किराएदार एडवोकेट विनीता अग्रवाल अपनी मां के साथ रहती हैं. सुरिंदर मेरी किरायेदार विनीता को घर में नहीं जाने देते हैं. विनीता ने पुलिस से इसकी शिकायत की, जिसका पुलिस ने मामला दर्ज कराया है. पुलिस के हस्तक्षेप के बाद विनीता अपने कमरे में गईं तो देखा घर का पूरा सामान गायब था. विनीता की शिकायत पर पुलिस ने सुरिंदर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. विनीता ने इसका सीसीटीवी फुटेज भी पुलिस को दिया है. इस घर में कई सीसीटीवी कैमरे लगे हैं. किसी भी कैमरे में मैं या मेरा बेटा नजर नहीं आ रहे. अपने खिलाफ हुए मुकदमे को काउंटर करने और चुनाव के वक्त राजनीतिक दबाव बनाने व मेरी छवि खराब करने के लिए सुरिंदर ने जानबूझकर यह एफआइआर दर्ज कराई है.