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गर्भवती महिलाओं के लिये कार्यस्थल पर उचित माहौल मुहैया कराने के लिये एंप्लॉयर को विशेषज्ञों की सलाह

कामकाजी जगहों पर प्रेग्नेंट महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए नियोक्ताओं को सक्रिय रूप से कुछ अहम क़दम उठाने चाहिए. स्वास्थ्य सेवाओं की उत्तम व्यवस्था करना इसका एक अहम हिस्सा है. नियोक्ताओं को गर्भवती महिलाओं का किस प्रकार ध्यान रखना चाहिए, जानिए विशेषज्ञ से..

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Published : May 27, 2023, 7:56 PM IST

नई दिल्ली: कामकाजी जगहों में उच्च स्तरीय तनाव गर्भवती महिलाओं के भीतर मौजूद ज़रूरी ऊर्जा को कम कर उन्हें कमज़ोर बनाता है. यह ऊर्जा गर्भवती महिलाओं को अपनी और अपने अजन्मे बच्चे की देखभाल के लिए आवश्यक होता है. ऐसे में यह बेहद ज़रूरी होता है कि कामकाजी जगहों पर तनाव को कम करने के लिए कुछ अहम क़दम उठाये जाएं. एम्स दिल्ली की गायनी विभाग की हेड डॉ. नीरजा बाटला बताती हैं कि गर्भधारण का काल प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए उनकी जिंदगी का सबसे अहम और नाज़ुक वक्त होता है, लेकिन यह वक्त नियोक्ताओं और महिला कर्मचारी दोनों के लिए समान रूप से काफी चुनौती भरा भी होता है. ऐसे में यह बेहद ज़रूरी हो जाता है कि नियोक्ता गर्भवती महिला कर्मियों के कामकाज के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करें. ताकि प्रेग्नेंसी के दौरान महिला कर्मचारियों का स्वास्थ्य पूरी तरह से सुरक्षित रहे और काम के दौरान वे सहज महसूस कर सकें.

कामकाजी जगहों पर प्रेग्नेंट महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के उपाय: डॉ. बाटला बताती हैं कि कामकाजी जगहों पर प्रेग्नेंट महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए नियोक्ताओं को सक्रिय रूप से कुछ अहम क़दम उठाने चाहिए. स्वास्थ्य सेवाओं की उत्तम व्यवस्था करना इसका एक अहम हिस्सा है. ऐसे समय में मेडिकल रूम में ज़रूरी दवाइयों का स्टॉक होना और आपातकालीन स्थिति में उन्नत किस्म की एम्बुलेंस सेवाएं मुहैया कराना ज़रूरी होता है. नियोक्ताओं के लिए आवश्यक हो जाता है कि वे कामकाजी जगहों पर प्रेग्नेंट महिलाओं को होनेवाली ज़ोख़िम की आशंकाओं को पूरी तरह से निरस्त करने की उत्तम व्यवस्था करें. इसमें जोख़िम भरे सामानों को उचित तरीके से हैंडल करने संबंधी प्रशिक्षण मुहैया कराना, रौशनी व हवा की आवाजाही की उचित व्यवस्था करना, एर्गोनॉमिक वर्कस्टेशनों व अन्य आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था करना भी शामिल है. मेडिकल रूम में सभी ज़रूरी दवाइयां और आपातकालीन स्थिति में गर्भवती महिला कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने वाले मेडिकल प्रोफेशनलों की मौजूदगी भी आवश्यक है.

आपातकालीन स्थिति के लिहाज़ से एम्बुलेंस का उपलब्ध कराना भी ज़रूरी: मेडुलेंस के सह-संस्थापक प्रणव बजाज बताते हैं कि कॉर्पोरेट कंपनियों की ओर से प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए मेडिकल रूम के अलावा आपातकालीन स्थिति के लिहाज़ से एम्बुलेंस का उपलब्ध कराना भी ज़रूरी है. आपातकालीन परिस्थिति में इस तरह की सेवाओं की उपलब्धता प्रेग्नेंट महिलाओं को त्वरित रूप से अस्पताल पहुंचाने में सहायक सिद्ध होती है. इससे कामकाजी गर्भवती महिलाओं को त्वरित व प्रभावी रूप से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में मदद मिलेगी.

कामकाजी जगहों पर‌ ऐसे मेडिकल प्रोफ़ेशनल की मौजूदगी भी ज़रूरी है जो इन जगहों पर ख़तरे की आशंकाओं का संपूर्ण आंकलन कर सकें और उन्हें निरस्त कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. ये मेडिकल प्रोफ़ेशनल गर्भवती महिलाओं को और भी सहज बनाने के तौर-तरीकों को लेकर अपना मार्गदर्शन भी‌ दे सकते हैं और प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की परेशानी को दूर करने में साहयक साबित हो सकते हैं.

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इन प्रभावी कदमों के ज़रिए वे प्रेग्नेंट महिलाओं को स्वस्थ, सुरक्षित और सहज महसूस कराने में भरपूर सहायता कर सकते हैं. ताकि वे बिना‌ किसी तनाव के अपने काम को अंजाम दे सकें. प्रेग्नेंट महिलाओं की सुरक्षा और उसकी सुविधाओं का ख़्याल रखने से ना सिर्फ़ उन महिलाओं और उनके बच्चों को लाभ होगा, बल्कि कंपनी की उत्पादकता और टर्नओवर पर भी इसका सकारात्मक असर होगा.

इसे भी पढ़ें: Sisodia's Letter To PM: पहलवानों के समर्थन में सिसोदिया ने लिखी PM मोदी को चिट्ठी, कहा- बेटियों को न्याय दीजिए, वरना...

नई दिल्ली: कामकाजी जगहों में उच्च स्तरीय तनाव गर्भवती महिलाओं के भीतर मौजूद ज़रूरी ऊर्जा को कम कर उन्हें कमज़ोर बनाता है. यह ऊर्जा गर्भवती महिलाओं को अपनी और अपने अजन्मे बच्चे की देखभाल के लिए आवश्यक होता है. ऐसे में यह बेहद ज़रूरी होता है कि कामकाजी जगहों पर तनाव को कम करने के लिए कुछ अहम क़दम उठाये जाएं. एम्स दिल्ली की गायनी विभाग की हेड डॉ. नीरजा बाटला बताती हैं कि गर्भधारण का काल प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए उनकी जिंदगी का सबसे अहम और नाज़ुक वक्त होता है, लेकिन यह वक्त नियोक्ताओं और महिला कर्मचारी दोनों के लिए समान रूप से काफी चुनौती भरा भी होता है. ऐसे में यह बेहद ज़रूरी हो जाता है कि नियोक्ता गर्भवती महिला कर्मियों के कामकाज के लिए अनुकूल वातावरण का निर्माण करें. ताकि प्रेग्नेंसी के दौरान महिला कर्मचारियों का स्वास्थ्य पूरी तरह से सुरक्षित रहे और काम के दौरान वे सहज महसूस कर सकें.

कामकाजी जगहों पर प्रेग्नेंट महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के उपाय: डॉ. बाटला बताती हैं कि कामकाजी जगहों पर प्रेग्नेंट महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए नियोक्ताओं को सक्रिय रूप से कुछ अहम क़दम उठाने चाहिए. स्वास्थ्य सेवाओं की उत्तम व्यवस्था करना इसका एक अहम हिस्सा है. ऐसे समय में मेडिकल रूम में ज़रूरी दवाइयों का स्टॉक होना और आपातकालीन स्थिति में उन्नत किस्म की एम्बुलेंस सेवाएं मुहैया कराना ज़रूरी होता है. नियोक्ताओं के लिए आवश्यक हो जाता है कि वे कामकाजी जगहों पर प्रेग्नेंट महिलाओं को होनेवाली ज़ोख़िम की आशंकाओं को पूरी तरह से निरस्त करने की उत्तम व्यवस्था करें. इसमें जोख़िम भरे सामानों को उचित तरीके से हैंडल करने संबंधी प्रशिक्षण मुहैया कराना, रौशनी व हवा की आवाजाही की उचित व्यवस्था करना, एर्गोनॉमिक वर्कस्टेशनों व अन्य आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था करना भी शामिल है. मेडिकल रूम में सभी ज़रूरी दवाइयां और आपातकालीन स्थिति में गर्भवती महिला कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने वाले मेडिकल प्रोफेशनलों की मौजूदगी भी आवश्यक है.

आपातकालीन स्थिति के लिहाज़ से एम्बुलेंस का उपलब्ध कराना भी ज़रूरी: मेडुलेंस के सह-संस्थापक प्रणव बजाज बताते हैं कि कॉर्पोरेट कंपनियों की ओर से प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए मेडिकल रूम के अलावा आपातकालीन स्थिति के लिहाज़ से एम्बुलेंस का उपलब्ध कराना भी ज़रूरी है. आपातकालीन परिस्थिति में इस तरह की सेवाओं की उपलब्धता प्रेग्नेंट महिलाओं को त्वरित रूप से अस्पताल पहुंचाने में सहायक सिद्ध होती है. इससे कामकाजी गर्भवती महिलाओं को त्वरित व प्रभावी रूप से स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने में मदद मिलेगी.

कामकाजी जगहों पर‌ ऐसे मेडिकल प्रोफ़ेशनल की मौजूदगी भी ज़रूरी है जो इन जगहों पर ख़तरे की आशंकाओं का संपूर्ण आंकलन कर सकें और उन्हें निरस्त कराने के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. ये मेडिकल प्रोफ़ेशनल गर्भवती महिलाओं को और भी सहज बनाने के तौर-तरीकों को लेकर अपना मार्गदर्शन भी‌ दे सकते हैं और प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह की परेशानी को दूर करने में साहयक साबित हो सकते हैं.

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इन प्रभावी कदमों के ज़रिए वे प्रेग्नेंट महिलाओं को स्वस्थ, सुरक्षित और सहज महसूस कराने में भरपूर सहायता कर सकते हैं. ताकि वे बिना‌ किसी तनाव के अपने काम को अंजाम दे सकें. प्रेग्नेंट महिलाओं की सुरक्षा और उसकी सुविधाओं का ख़्याल रखने से ना सिर्फ़ उन महिलाओं और उनके बच्चों को लाभ होगा, बल्कि कंपनी की उत्पादकता और टर्नओवर पर भी इसका सकारात्मक असर होगा.

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