नई दिल्लीः दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता दोबारा अध्यक्ष पद पर इलेक्ट हुए हैं. वह अगले 5 वर्षों तक दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष बने रहेंगे. अपने इस कार्यकाल में डॉ. अरुण गुप्ता ने दिल्ली को झोलाछाप मुक्त देश का पहला राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है.
दिल्ली मेडिकल काउंसिल के रजिस्ट्रार डॉ. गिरीश त्यागी ने बताया कि दिल्ली मेडिकल काउंसिल की नई टीम तैयार हुई है. डॉ. अरुण गुप्ता को दोबारा डॉ. हरीश गुप्ता को आधे से भी अधिक वोटों के अंतर से हराकर अध्यक्ष पद के लिए चुने गए हैं. अगले 5 साल तक डॉ. गुप्ता दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष के तौर पर काम करेंगे.
डॉ. नरेश चावला बने उपाध्यक्ष
बता दें कि डॉक्टर अरुण गुप्ता पहले भी दिल्ली मेडिकल काउंसिल के अध्यक्ष 5 साल के लिए रह चुके हैं. डॉ. गुप्ता ने अपने पिछले कार्यकाल के दौरान डीएमसी को पूरी तरह से डिजिटल बनाया. डॉ. नरेश चावला डीएमसी के उपाध्यक्ष के लिए चुने गए. उन्होंने डॉ. प्रेम गुप्ता को हराकर उपाध्यक्ष बने. दिल्ली मेडिकल काउंसिल के तहत 72 हजार एलोपैथिक डॉक्टर रजिस्टर्ड हैं.
डॉ. गुप्ता को 25 सदस्यों वाली जनरल काउंसिल सदस्य के द्वारा चुने गए हैं. इनमें से 10 सदस्य का चयन 10 मेडिकल कॉलेज से होता है. 4 सदस्यों को दिल्ली सरकार नॉमिनेट करती है, जबकि 1 सदस्य दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन द्वारा चयनित होते हैं. डायरेक्टर जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज और डीयू के मेडिकल साइंस के फैकल्टी के डीन भी काउंसिल के एक्स ऑफिशियल सदस्य होते हैं.
25 सदस्यों में से 16 सदस्यों का मिला वोट
दिल्ली मेडिकल काउंसिल के 25 सदस्यों में से 16 सदस्यों ने अध्यक्ष पद के लिए डॉक्टर गुप्ता को अपना वोट दिया. काउंसिल के चुने गए अन्य सदस्यों में डॉक्टर बीसी राय अवार्ड से सम्मानित डॉ. एसके भल्ला, जाने-माने हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर प्रेम अग्रवाल और फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष डॉक्टर पंकज सोलंकी भी शामिल हैं.