नई दिल्ली: हर साल 1 जुलाई को देशभर में डॉक्टर्स डे के रूप में मनाया जाता है. इस दिन डॉक्टर्स के योगदान को सम्मान दिया जाता है. कोरोना काल में डॉक्टर्स की भूमिका और अहम हो गई है. डॉक्टर्स डे की अहमियत को समझते हुए दिल्ली मेडिकल एसोसिएशन (डीएमए) ने दिल्ली के सभी अस्पतालों में काम करने वाले रेजिडेंट डॉक्टर्स को सम्मानित करने का फैसला किया है. डीएमए के अध्यक्ष डॉ. बीबी वाधवा ने डॉक्टर्स डे के उपलक्ष्य में डॉक्टर्स, नर्सिंग स्टाफ, पैरामेडिकल स्टाफ, सफाईकर्मी और एम्बुलेंसकर्मियों को बधाई दी.
डॉ. वाधवा ने बताया कि इस साल डॉक्टर्स डे खास रहेगा. क्योंकि इस बार ये डॉक्टर्स कोरोना वॉरियर्स के रूप में काम कर लोगों की जान बचा रहे हैं. डॉक्टर अपनी जान को जोखिम में डालकर लोगों की जान बचा रहे हैं. कोरोना मरजीजों का इलाज के दौरान कई डॉक्टर्स की जान भी चली गई. दिल्ली में 2 हजार से ज्यादा हेल्थ वर्कर्स कोरोना वायरस का सामना करते हुए शहीद हो गए, जिनमें 7 डॉक्टर्स भी शामिल हैं. ऐसे में इनके योगदान को कम नहीं आंका जा सकता है. दरअसल इन्होंने मानवता की रक्षा के लिए अपनी बलिदानी दी है.
नेशनल हॉली-डे घोषित करने की मांग
एम्स के रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व कार्डियो-रेडियो विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अमरिंदर सिंह ने इस साल कोरोना वॉरियर्स के सम्मान में भारत सरकार से 1 जुलाई को नेशनल हॉलिडे के रूप में घोषित करने की मांग की है. उनका मानना है कि हेल्थ केयर वर्कर्स जिस तरीके से कोरोना वायरस का सामना कर अपनी जान को जोखिम में डालकर कर मरीजों का इलाज कर रहै है. उनके सम्मान में कम से कम एक राष्टीय छुट्टी तो बनती ही है.
कोरोना वॉरियर्स को दी बधाई
डॉ. अमरिंदर कोरोना वॉरियर्स के बीच सबसे निचले पायदान पर खड़े सफाईकर्मियों की सेवा को भी अहम मानते हैं. उन्हें भी डॉक्टर्स डे की बधाई देते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टर्स डे सिर्फ डॉक्टर्स के लिए ही नहीं है, बल्कि मेडिकल सेवा से जुड़े हर एक व्यक्ति को सम्मानित करने का दिन है. चाहे नर्सिंग स्टाफ हो, पैरामेडिकल स्टाफ हो, सफाईकर्मी हो या एम्बुलेंसकर्मी सभी का एक मरीज की जान बचाने में अहम भागीदारी होती है. इन सभी को डॉक्टर्स डे की बधाई.
क्यों मनाया जाता डॉक्टर्स डे
देश के महान चिकित्सक और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधानचंद्र रॉय को सम्मान देने के लिए 1 जुलाई को डॉक्टर्स डे मनाया जाता है. उनका जन्मदिवस और पुण्यतिथि दोनों इसी तारीख को पड़ती है. केंद्र सरकार ने 1991 में इस दिन को मनाने की शुरुआत की थी.