नई दिल्ली: दिल्ली सरकार के डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन की ओर से 25 जनवरी 2021 को दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहनों की खरीद को लेकर वित्तीय चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए बैठक का आयोजन किया गया. इसमें वित्तीय संस्थानों, वाहन निर्माताओं, वितरण सेवा प्रदाताओं और फ्लीड एग्रीगेटर्स के साथ चर्चा की गई.
दिल्ली में इलेक्ट्रिक वाहन प्रसार के लिए वित्तीय संस्थानों को प्रोत्साहित करने के लिए दिल्ली सरकार की ओर से उठाए जाने वाले कदमों की पहचान करने के लिए बैठक बुलायी गई. आरएमआई इंडिया और डब्ल्यूआरआई इंडिया की ओर से सहयोग से चर्चा का आयोजन किया गया.
साझा किए सुझाव
इस अवसर पर दिल्ली डायलॉग एंड डेवलपमेंट कमीशन के उपाध्यक्ष जस्मीन शाह ने कहा कि हम इलेक्ट्रिक वाहनों की दृष्टि से दिल्ली को भारत की राजधानी बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इलेक्ट्रिक वाहनों को बड़े पैमाने पर अपनाने में वित्तीय विकल्पों की कमी संबंधी महत्वपूर्ण बाधा है. इस चर्चा ने अग्रणी वित्तीय संस्थानों को सभी हितधारकों के साथ बेहद जरूरी संवाद के लिए आवश्यक मंच प्रदान किया है.
बैठक में प्रमुख बैंक और वित्तीय संस्थानों में यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक, एयू बैंक, पंजाब नेशनल बैंक, मणिपुरम फाइनेंस शामिल हुए. इसके अलावा डिलिवरी सर्विस प्रोवाइडर्स में डेल्हिवरी फ्लीट एग्रीगेटर्स और ओईएम में हीरो इको, महिंद्रा इलेक्ट्रिक शामिल हुए. बैठक में प्रतिभागियों ने इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्त से जुड़ी बाधाओं और इसके संभावित समाधान भी सुझाए.
जस्मीन शाह ने कहा-
दिल्ली को प्रदूषण मुक्त शहर बनाने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. इसके लिए ईवी फोरम में विभिन्न हितधारकों के साथ बातचीत के दौरान महत्वपूर्ण प्रतिक्रिया मिली है कि इलेक्ट्रिक वाहनों के लोन की ब्याज दर काफी ज्यादा है. इसकी वजह ईवी तकनीक, पुराने वाहन का मूल्य और बैटरी की ताकत को लेकर संदेह रहना है.
वहीं डब्ल्यूआरआई इंडिया के कार्यकारी निदेशक अमित भट्ट ने कहा कि बैंकों के सामने इलेक्ट्रिक वाहनों के वित्तीय पोषण की चुनौती का कारण नई तकनीक और कम पुन: विक्रय मूल्य है.
आरएमआई इंडिया की प्रिंसिपल अक्षिमा घाटे ने कहा-
दिल्ली की ईवी नीति को वैश्विक स्तर पर सबसे मजबूत उप-राष्ट्रीय ईवी नीतियों में माना जा रहा है. दिल्ली सरकार का निरंतर संवाद को बढ़ावा देने का निर्णय इलेक्ट्रिक वाहनों के शुरुआती खरीदारों के सामने आने वाली बाधाओं को दूर कर लक्ष्य को प्राप्त करना सुनिश्चित करेगा.
दिल्ली सरकार ने 7 अगस्त 2020 को अपनी महत्वाकांक्षी इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति को अधिसूचित किया. अरविंद केजरीवाल सरकार ने 2024 तक दिल्ली में खरीदे जाने वाले नए वाहन की बिक्री में 25 प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों की हिस्सेदारी का लक्ष्य रखा है.