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डाइबिटीज के मरीजों के लिए गुड न्यूज, अब लेजर थरेपी से मिलेगा दर्द से निजात - थैरेपी

अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के जेरियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों ने एक रिसर्च की है जिसमें कि अब दवाई के साथ अगर आप लेजर थेरेपी लेते हैं तो आपको काफी हद तक पैरों के दर्द से आराम मिल जाएगा.

डाइबिटीज मरीजों के लिए गुड न्यूज,
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Published : Aug 24, 2019, 11:40 PM IST

नई दिल्ली: डाइबिटीज मरीजों के लिए गुड न्यूज है, अब दवाई नहीं थेरेपी दर्द से राहत दिलाएगी. ये पढ़कर हर डायबिटीज के मरीजों ने जरूर राहत की सांस ली होगी. भारत में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. जो एक गंभीर चिंता का विषय है. वहीं इस बीमारी से पार पाने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के जेरियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों ने एक रिसर्च की है जिसमें कि अब दवाई के साथ अगर आप लेजर थैरेपी लेते हैं तो आपको काफी हद तक पैरों के दर्द से आराम मिल जाएगा.

एम्स के डॉक्टरों को एक रिसर्च में मिली सफलता

एम्स के डॉक्टर प्रसून चटर्जी ने हाल ही में एक रिसर्च की है, जिसमें उन्होंने यह दावा किया है कि यह थेरेपी दवाई से ज्यादा कारगर है.

डाइबटीज के मरीजों को पैरों में होता है तेज दर्द
डायबिटीज के मरीजों को पैरों की नसों (न्यूरोपैथी) में काफी दर्द की शिकायत रहती है. इस तकलीफ को दूर करने के लिए जहां अभी तक डॉक्टर और मरीज सिर्फ दवाई का सहारा लेते थे, लेकिन इससे भी मरीजों को दवाई खाने के बाद भी आराम नहीं मिलता था. लेकिन अब पैरों में लेजर थेरेपी से ये साबित हुआ है कि वो दवाई से ज्यादा असरदार है.

40 मरीजों पर की गई रिसर्च
एम्स के जेरियोट्रिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर प्रसून चटर्जी ने बताया कि हमने एम्स में 40 मरीजों पर रिसर्च की है.जिसमें 20 मरीजो को केवल दवाई दी गई, और 20 मरीजों को दवाई के साथ-साथ लेजर थेरेपी भी दी गई. ऐसे में ये पाया गया कि जो मरीज केवल दवाई ले रहे थे, उनमें दर्द की शिकायत कम दूर हुई. वहीं 20 मरीज जिन्हें दवाई के साथ-साथ थेरेपी दी गई उन्हें पैरो की नसों में होने वाले दर्द से काफी आराम मिला है. ऐसे में उनका कहना है कि एक कर जहां इस उपचार से मरीजों को दवाई कम खानी होगी तो वहीं इस थैरेपी से मरीजों को दर्द से भी राहत मिलेगी.

पैरों के दर्द से क्या नुकसान होता है?
डॉ. प्रसून चटर्जी ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों में खासकर यह देखा गया है कि उनके पैरों की नस काफी कमजोरी होती है. जिसके चलते उन्हें चलने में भी काफी दिक्कत होती है और वो दर्द से काफी परेशान होते हैं.ऐसे में कई बार हालात सर्जरी तक पहुंच जाते हैं.यहां तक कि नसों के खराब होने तक की आशंका रहती है. इसलिए अभी तक हम सिर्फ दवाइयों से ही मरीजों का उपचार करते थे, लेकिन ये रिसर्च ये साबित करती है कि दवाई से ज्यादा कारगर थेरेपी भी है.

फिलहाल एम्स के जेरियोट्रिक विभाग के डॉक्टरों का ये कहना है कि अगर आपको डायबिटीज है और आप पैर के दर्द से काफी परेशान है, तो आप दवाई के साथ-साथ लेजर थेरेपी भी कराते हैं तो आपको जल्द आराम मिल सकता है.

नई दिल्ली: डाइबिटीज मरीजों के लिए गुड न्यूज है, अब दवाई नहीं थेरेपी दर्द से राहत दिलाएगी. ये पढ़कर हर डायबिटीज के मरीजों ने जरूर राहत की सांस ली होगी. भारत में डायबिटीज के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं. जो एक गंभीर चिंता का विषय है. वहीं इस बीमारी से पार पाने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के जेरियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों ने एक रिसर्च की है जिसमें कि अब दवाई के साथ अगर आप लेजर थैरेपी लेते हैं तो आपको काफी हद तक पैरों के दर्द से आराम मिल जाएगा.

एम्स के डॉक्टरों को एक रिसर्च में मिली सफलता

एम्स के डॉक्टर प्रसून चटर्जी ने हाल ही में एक रिसर्च की है, जिसमें उन्होंने यह दावा किया है कि यह थेरेपी दवाई से ज्यादा कारगर है.

डाइबटीज के मरीजों को पैरों में होता है तेज दर्द
डायबिटीज के मरीजों को पैरों की नसों (न्यूरोपैथी) में काफी दर्द की शिकायत रहती है. इस तकलीफ को दूर करने के लिए जहां अभी तक डॉक्टर और मरीज सिर्फ दवाई का सहारा लेते थे, लेकिन इससे भी मरीजों को दवाई खाने के बाद भी आराम नहीं मिलता था. लेकिन अब पैरों में लेजर थेरेपी से ये साबित हुआ है कि वो दवाई से ज्यादा असरदार है.

40 मरीजों पर की गई रिसर्च
एम्स के जेरियोट्रिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर प्रसून चटर्जी ने बताया कि हमने एम्स में 40 मरीजों पर रिसर्च की है.जिसमें 20 मरीजो को केवल दवाई दी गई, और 20 मरीजों को दवाई के साथ-साथ लेजर थेरेपी भी दी गई. ऐसे में ये पाया गया कि जो मरीज केवल दवाई ले रहे थे, उनमें दर्द की शिकायत कम दूर हुई. वहीं 20 मरीज जिन्हें दवाई के साथ-साथ थेरेपी दी गई उन्हें पैरो की नसों में होने वाले दर्द से काफी आराम मिला है. ऐसे में उनका कहना है कि एक कर जहां इस उपचार से मरीजों को दवाई कम खानी होगी तो वहीं इस थैरेपी से मरीजों को दर्द से भी राहत मिलेगी.

पैरों के दर्द से क्या नुकसान होता है?
डॉ. प्रसून चटर्जी ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों में खासकर यह देखा गया है कि उनके पैरों की नस काफी कमजोरी होती है. जिसके चलते उन्हें चलने में भी काफी दिक्कत होती है और वो दर्द से काफी परेशान होते हैं.ऐसे में कई बार हालात सर्जरी तक पहुंच जाते हैं.यहां तक कि नसों के खराब होने तक की आशंका रहती है. इसलिए अभी तक हम सिर्फ दवाइयों से ही मरीजों का उपचार करते थे, लेकिन ये रिसर्च ये साबित करती है कि दवाई से ज्यादा कारगर थेरेपी भी है.

फिलहाल एम्स के जेरियोट्रिक विभाग के डॉक्टरों का ये कहना है कि अगर आपको डायबिटीज है और आप पैर के दर्द से काफी परेशान है, तो आप दवाई के साथ-साथ लेजर थेरेपी भी कराते हैं तो आपको जल्द आराम मिल सकता है.

Intro:डाइबटीज मरीजों के लिए गुड़ न्यूज, अब दवाई नहीं यह थेरेपी करेगी दर्द दूर

नई दिल्ली: भारत में डायबिटीज के दिनोंदिन बढ़ते मरीज जहां चिंता का विषय बने हुए है. तो वहीं इस बीमारी से पार पाने के लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के जेरियाट्रिक विभाग के डॉक्टरों ने एक रिसर्च की है.जिसमें कि अब दवाई के साथ अगर आप लेजर थैरेपी लेते हैं. तो आपको दर्द से जल्द आराम मिलेगा. एम्स के डॉक्टर प्रसून चटर्जी ने हाल ही में एक रिसर्च की है, जिसमें उन्होंने यह दावा किया है कि यह थैरेपी दवाई से ज्यादा कारगर है.


Body:डाइबटीज के मरीजो के पैरों में होता है काफी दर्द
आज हर घर में किसी न किसी एक व्यक्ति को डायबिटीज जरूर हुए और ऐसे में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान के डॉक्टर इससे पार पाने के लिए प्रयास कर रहे हैं.आपको बता दें कि डायबिटीज के जो मरीज होते हैं, उनमें पैरों की नसों (न्यूरोपैथी) में काफी दर्द की शिकायत रहती है.इस तकलीफ को दूर करने के लिए जहां अभी तक डॉक्टर और मरीज सिर्फ दवाई का सहारा लेते थे और ऐसे में मरीजों को दवाई खाने के बाद भी आराम नहीं मिलता था. लेकिन अब पैरों में लेजर थैरेपी से यह साबित हुआ है कि वह दवाई से ज्यादा असरदार है.

40 मरीजों पर की गई रिसर्च
एम्स के जेरियोट्रिक विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉक्टर प्रसून चटर्जी ने बताया कि हमने एम्स में 40 मरीजों पर रिसर्च की है.जिसमें 20 मरीजो को केवल दवाई दी गई, और 20 मरीजों को दवाई के साथ-साथ लेजर थैरेपी भी दी गई.ऐसे में यह पाया गया कि जो मरीज केवल दवाई ले रहे थे, उनमें दर्द की शिकायत कम दूर हुई.वहीं 20 मरीज जिन्हें दवाई के साथ-साथ थैरेपी दी गई उन्हें पैरो की नसों में होने वाले दर्द से काफी आराम मिला है.ऐसे में उनका कहना है कि एक कर जहां इस उपचार से मरीजों को दवाई कम खाना होगा, तो वहीं इस थैरेपी से मरीजो को भी दर्द स राहत मिलेगी.

पैरो के दर्द (न्यूरोपैथी) से क्या होता है नुकसान
डॉ. प्रसून चटर्जी ने बताया कि डायबिटीज के मरीजों में खासकर यह देखा गया है कि उनके पैरों की नस काफी कमजोरी होती है. जिसके चलते उन्हें चलने में भी काफी दिक्कत होती है और वह दर्द से काफी परेशान होते हैं.ऐसे में कई बार हालात सर्जरी तक पहुंच जाते हैं.यहां तक कि नसों के खराब होने तक की आशंका रहती है. इसलिए अभी तक हम सिर्फ दवाइयों से ही मरीजों का उपचार करते थे, लेकिन यह रिसर्च यह साबित करती है कि दवाई से ज्यादा कारगर थेरेपी भी है.


Conclusion:फिलहाल एम्स के जेरियोट्रिक विभाग के डॉक्टर का यही कहना है कि अगर आपको डायबिटीज है और अगर आप पैर के दर्द से काफी परेशान है, तो आप दवाई के साथ-साथ अगर लेजर थेरेपी भी कराते हैं तो आपको जल्दी आराम मिल सकता है.
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