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15 फुट गहरे गड्ढे में घायल हालत में मिली थी तीन साल की बच्ची, होगी डिस्चार्ज

सबसे अहम बात यह है कि तीन साल की बच्ची की देखरेख के लिए पूरा नर्सिंग स्टाफ हर वक्त बेहतर उपचार के साथ-साथ उसका ख्याल भी रखता है. छोटी बच्ची के देखरेख के लिए उसके माता-पिता का होना जरूरी था. लेकिन घटना के बाद से अभी तक बच्ची के माता-पिता का पता नहीं लगाया जा सका है.

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Published : Oct 16, 2019, 8:38 AM IST

Updated : Oct 16, 2019, 12:15 PM IST

15 फुट गड्ढे में घायल हालत में मिली थी तीन साल की बच्ची

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कुछ दिन पहले तीन साल की बच्ची 15 फुट गहरे गड्ढे में गिर गई थी. जिसके कारण उसके शरीर में कई फ्रैक्चर हो गए थे. तब बच्ची को दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए लाया गया था जिसके बाद डॉक्टरों के प्रयास से बच्ची की हालत में सुधार है और अब उसे डिस्चार्ज किया जा रहा है.

15 फुट गड्ढे में घायल हालत में मिली थी तीन साल की बच्ची

नर्सिंग स्टाफ ने बच्ची की देखभाल की
सबसे अहम बात यह है कि तीन साल की बच्ची की देखरेख के लिए पूरा नर्सिंग स्टाफ हर वक्त बेहतर उपचार के साथ-साथ उसका ख्याल भी रखता है. छोटी बच्ची की देखरेख के लिए उसके माता-पिता का होना जरूरी था, लेकिन घटना के बाद से अभी तक बच्ची के माता-पिता का पता नहीं लगाया जा सका है. ऐसे में बच्ची की देखरेख और उपचार का जिम्मा भी एम्स का स्टाफ कर रहा है. नर्सिंग स्टाफ ने बच्ची का नाम चिक्की रखा है.

सामाजिक संगठन रखेगा अब ख्याल
एम्स के न्यूरोसर्जन दीपक गया ने बताया कि बच्ची की हालत में काफी सुधार है. लेकिन अभी तक बच्ची के माता-पिता का पता न लगने के बाद अब सफदरजंग अस्पताल का एक सामाजिक संगठन बच्ची का ख्याल रखेगा. वहीं बच्ची के ट्रीटमेंट के लिए आगे भी उसे दोबारा अखिल भारतीय विज्ञान संस्थान में लाया जाएगा. ऐसे में बच्ची के माता-पिता के नहीं मिलने तक वह दिल्ली में ही रहेगी.

फिलहाल चिक्की की हालत में काफी सुधार है और उसे बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. बुलंदशहर पुलिस इस मामले को लेकर बच्ची के माता-पिता की तलाश में जुटी है.

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में कुछ दिन पहले तीन साल की बच्ची 15 फुट गहरे गड्ढे में गिर गई थी. जिसके कारण उसके शरीर में कई फ्रैक्चर हो गए थे. तब बच्ची को दिल्ली के एम्स में इलाज के लिए लाया गया था जिसके बाद डॉक्टरों के प्रयास से बच्ची की हालत में सुधार है और अब उसे डिस्चार्ज किया जा रहा है.

15 फुट गड्ढे में घायल हालत में मिली थी तीन साल की बच्ची

नर्सिंग स्टाफ ने बच्ची की देखभाल की
सबसे अहम बात यह है कि तीन साल की बच्ची की देखरेख के लिए पूरा नर्सिंग स्टाफ हर वक्त बेहतर उपचार के साथ-साथ उसका ख्याल भी रखता है. छोटी बच्ची की देखरेख के लिए उसके माता-पिता का होना जरूरी था, लेकिन घटना के बाद से अभी तक बच्ची के माता-पिता का पता नहीं लगाया जा सका है. ऐसे में बच्ची की देखरेख और उपचार का जिम्मा भी एम्स का स्टाफ कर रहा है. नर्सिंग स्टाफ ने बच्ची का नाम चिक्की रखा है.

सामाजिक संगठन रखेगा अब ख्याल
एम्स के न्यूरोसर्जन दीपक गया ने बताया कि बच्ची की हालत में काफी सुधार है. लेकिन अभी तक बच्ची के माता-पिता का पता न लगने के बाद अब सफदरजंग अस्पताल का एक सामाजिक संगठन बच्ची का ख्याल रखेगा. वहीं बच्ची के ट्रीटमेंट के लिए आगे भी उसे दोबारा अखिल भारतीय विज्ञान संस्थान में लाया जाएगा. ऐसे में बच्ची के माता-पिता के नहीं मिलने तक वह दिल्ली में ही रहेगी.

फिलहाल चिक्की की हालत में काफी सुधार है और उसे बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. बुलंदशहर पुलिस इस मामले को लेकर बच्ची के माता-पिता की तलाश में जुटी है.

Intro:15 फिट गड्ढे में घायल हालत में मिली थी तीन साल की बच्ची, डॉक्टरों के अथक प्रयास एम्स से होगी डिस्चार्ज

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर में तीन साल की बच्ची 15 फीट गहरे गड्ढे में मिली पुलिस प्रशासन की मदद से उसे कड़ी मशक्कत के बाद निकाल तो लिया गया. लेकिन उसके शरीर में कई फैक्चर थे.ऐसे में बच्ची को दिल्ली के अखिल भारतीय संस्थान में लाया गया.जहां डॉक्टरों के अथक प्रयास के बाद अब बच्ची की हालत में सुधार है और अब उसे डिस्चार्ज किया जा रहा है.


Body:नर्सिंग स्टाफ ने बच्ची का किया देखभाल
सबसे अहम बात यह है कि तीन साल की बच्ची की देखरेख के लिए पूरा नर्सिंग स्टाफ हर वक्त बेहतर उपचार के साथ-साथ उसका ख्याल भी रखता है. छोटी बच्ची के देखरेख के लिए उस माता-पिता का होना जरूरी था लेकिन घटना के बाद से अभी तक बच्ची के माता-पिता का पता नहीं लगाया जा सका है. ऐसे में बच्ची की देखरेख और उपचार का जिम्मा भी एम्स का स्टाफ कर रहा है.नर्सिंग स्टाफ ने बच्ची का नाम चिक्की दिया है.

सामाजिक संगठन रखेगा अब ख्याल
एम्स के न्यूरोसर्जन दीपक गया ने बताया कि बच्ची की हालत में काफी सुधार है.लेकिन अभी तक बच्ची के माता-पिता का पता न लगने के बाद अब सफदरजंग अस्पताल का एक सामाजिक संगठन बच्ची का ख्याल रखेगा. वही बच्ची के ट्रीटमेंट के लिए आगे भी उसे दोबारा अखिल भारतीय विज्ञान संस्थान में लाया जाएगा. ऐसे में बच्चे के माता-पिता न मिलने तक वह दिल्ली में ही रहेगी.


Conclusion:फिलहाल चिक्की की हालत में काफी सुधार है और उसे बुधवार को डिस्चार्ज कर दिया जाएगा. बुलंदशहर पुलिस इस मामले को लेकर बच्ची के माता-पिता की तलाश में जुटी है. जिससे कि सुपुर्द किया जा सके
Last Updated : Oct 16, 2019, 12:15 PM IST
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