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बेटी की शादी पर विधवा महिला को नहीं मिली आर्थिक सहायता, नहीं हो पाता ऑनलाइन आवेदन

दिल्ली में विधवा महिलाओं की बेटी की शादी पर 30 हजार रुपये की सहायता महिला एवं बाल विकास विभाग की तरफ से दी जाती है. लेकिन इस सहायता राशी का लाभ महिलाओं को कम ही मिल पा रहा है. सत्यापन प्रक्रिया की वजह से भी लाभार्थियों को भटकना पड़ रहा हैं.

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Published : Jun 20, 2020, 6:22 AM IST

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आर्थिक सहायता

नई दिल्ली: राजधानी में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा विधवा महिलाओं की बेटी की शादी पर 30 हजार रुपये की सहायता दी जाती है. लेकिन इसके लिए अभी तक आवेदन के ऑनलाइन और स्वयं सत्यापन की सुविधा नहीं होने की वजह से महिलाओं को इसका फायदा कम ही मिल पा रहा है.

विधवा महिला की बेटी की शादी पर मिलने वाली आर्थिक सहायता के ऑन लाइन आवेदन की उठी मांग
समय सीमा बनी भ्रष्टाचार की वजह

दिल्ली में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विधवा महिलाओं की बेटी की शादी पर जो 30 हजार रुपए की सहायता दी जाती है, उसके लिए शादी से एक महीने पहले से लेकर शादी के एक महीने बाद तक आवेदन किया जा सकता है. आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा बताते हैं कि इस समय सीमा में अक्सर आवेदकों की कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हो पाती, जिसका फायदा उठा कर भ्रष्टाचार का खेल शुरू हो जाता है.


सत्यापन के लिए भटकना पड़ता है

हरपाल राणा बताते हैं कि इसी विभाग के द्वारा विधवा महिलाओं को दिए जाने वाले पेशन के आवेदन के ली ऑनलाइन प्लेटफोर्म उपलब्ध करा दिया गया, लेकिन उन्हीं विधवा महिलाओं की बेटी शादी के लिए आवेदन ऑनलाइन नहीं हो पाता है. वहीं आवेदन को गजटेड अधिकारी या विधायक से सत्यापित कराने की बाध्यता की वजह से इन महिलाओं को ऑफिसों के चक्कर काटने पड़ते हैं. हरपाल राणा बताते हैं कि इसे लेकर वे पिछले तीन महीने से पीजीएमएस पर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी उसका जवाब देना भी जरुरी नहीं समझ रहे हैं.

नई दिल्ली: राजधानी में महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा विधवा महिलाओं की बेटी की शादी पर 30 हजार रुपये की सहायता दी जाती है. लेकिन इसके लिए अभी तक आवेदन के ऑनलाइन और स्वयं सत्यापन की सुविधा नहीं होने की वजह से महिलाओं को इसका फायदा कम ही मिल पा रहा है.

विधवा महिला की बेटी की शादी पर मिलने वाली आर्थिक सहायता के ऑन लाइन आवेदन की उठी मांग
समय सीमा बनी भ्रष्टाचार की वजह

दिल्ली में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा विधवा महिलाओं की बेटी की शादी पर जो 30 हजार रुपए की सहायता दी जाती है, उसके लिए शादी से एक महीने पहले से लेकर शादी के एक महीने बाद तक आवेदन किया जा सकता है. आरटीआई एक्टिविस्ट हरपाल राणा बताते हैं कि इस समय सीमा में अक्सर आवेदकों की कागजी कार्रवाई पूरी नहीं हो पाती, जिसका फायदा उठा कर भ्रष्टाचार का खेल शुरू हो जाता है.


सत्यापन के लिए भटकना पड़ता है

हरपाल राणा बताते हैं कि इसी विभाग के द्वारा विधवा महिलाओं को दिए जाने वाले पेशन के आवेदन के ली ऑनलाइन प्लेटफोर्म उपलब्ध करा दिया गया, लेकिन उन्हीं विधवा महिलाओं की बेटी शादी के लिए आवेदन ऑनलाइन नहीं हो पाता है. वहीं आवेदन को गजटेड अधिकारी या विधायक से सत्यापित कराने की बाध्यता की वजह से इन महिलाओं को ऑफिसों के चक्कर काटने पड़ते हैं. हरपाल राणा बताते हैं कि इसे लेकर वे पिछले तीन महीने से पीजीएमएस पर शिकायत कर रहे हैं, लेकिन अधिकारी उसका जवाब देना भी जरुरी नहीं समझ रहे हैं.

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