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लॉकडाउन से गांधी नगर मार्केट चौपट, मजदूरों के न होने से फैक्ट्रियां बंद

देश में लॉकडाउन 4 में कई रियायतों के बाद भी कारोबार में तंगी छाई हुई है. कुछ ऐसा ही हाल दिल्ली की गांधी नगर मार्केट का है. यहां पर 90 फीसदी फैक्ट्रियां अभी भी बंद पड़ी हैं. दरअसल छूट मिलने के बाद ज्यादातर मजदूर अपने गृह राज्य चले गए हैं.

gandhi nagar market factories closed due to lockdown 4
गांधी नगर मार्केट में बंद फैक्ट्रियां
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Published : May 31, 2020, 11:50 AM IST

नई दिल्ली: लॉकडाउन के चौथे चरण में बेशक दिल्ली सरकार ने कुछ राहत देते हुए दुकानें खोलने का दिशा-निर्देश जारी किया हैं, लेकिन इसके बावजूद भी व्यापार मंदी की चपेट में है.

लॉकडाउन 4 में गांधी नगर मार्केट में बंद फैक्ट्रियां

कुछ ऐसा ही हाल एशिया की सबसे बड़ी होलसेल मार्केट गांधी नगर मार्केट का है. इस मार्केट पर लॉकडाउन की बड़ी मार पड़ी है. ग्राहकों से हर समय भरी रहने वाली मार्केट में अब ग्राहक ही गायब हैं तो वहीं मजदूरों के आभाव में मार्केट की 90 प्रतिशत फैक्ट्रियां भी बंद पड़ी हैं.



मजदूर और कारीगर गए घर

गांधी नगर मार्केट के लोग बताते हैं कि यहां जितनी बड़ी संख्या में दुकाने हैं, उतनी ही बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां भी हैं. जहां कपड़ों की सिलाई-कढ़ाई होती थी. लेकिन लॉकडाउन में ढील मिलने पर अधिकांश कारीगर अपने-अपने घरों को चले गए.

गांधी नगर मार्केट एसोसिएशन के सचिव अनिल जैन बताते हैं कि मजदूरों के आभाव में मार्केट की 90 फीसदी से ज्यादा फैक्ट्रियां पूरी तरह से बंद पड़ी हैं. जिनकी अगले 2-3 महीने में खुलने की कोई संभावना नहीं नजर आ रही हैं.


कारीगरों की होती हैं जरूरत

एसोसिएशन ऑफ होलसेल रेडिमेड गारमेंट्स डीलर्स के प्रधान केके बल्ली ने बताया कि कपड़े का काम ऐसा है कि इसमें एक साथ कई तरह के कारीगर जैसे कटिंग, सिलाई, इंटर लोकिंग, चेन बटन आदि की जरुरत पड़ती है.

इसमें से एक के भी नहीं रहने पर बाकियों का काम प्रभावित होता है. ये भी एक बड़ी वजह है कि जो थोड़े बहुत मजदूर बचे हैं, उनके होने के बावजूद भी फैक्ट्रियां नहीं खुल पा रही हैं.

नई दिल्ली: लॉकडाउन के चौथे चरण में बेशक दिल्ली सरकार ने कुछ राहत देते हुए दुकानें खोलने का दिशा-निर्देश जारी किया हैं, लेकिन इसके बावजूद भी व्यापार मंदी की चपेट में है.

लॉकडाउन 4 में गांधी नगर मार्केट में बंद फैक्ट्रियां

कुछ ऐसा ही हाल एशिया की सबसे बड़ी होलसेल मार्केट गांधी नगर मार्केट का है. इस मार्केट पर लॉकडाउन की बड़ी मार पड़ी है. ग्राहकों से हर समय भरी रहने वाली मार्केट में अब ग्राहक ही गायब हैं तो वहीं मजदूरों के आभाव में मार्केट की 90 प्रतिशत फैक्ट्रियां भी बंद पड़ी हैं.



मजदूर और कारीगर गए घर

गांधी नगर मार्केट के लोग बताते हैं कि यहां जितनी बड़ी संख्या में दुकाने हैं, उतनी ही बड़ी संख्या में फैक्ट्रियां भी हैं. जहां कपड़ों की सिलाई-कढ़ाई होती थी. लेकिन लॉकडाउन में ढील मिलने पर अधिकांश कारीगर अपने-अपने घरों को चले गए.

गांधी नगर मार्केट एसोसिएशन के सचिव अनिल जैन बताते हैं कि मजदूरों के आभाव में मार्केट की 90 फीसदी से ज्यादा फैक्ट्रियां पूरी तरह से बंद पड़ी हैं. जिनकी अगले 2-3 महीने में खुलने की कोई संभावना नहीं नजर आ रही हैं.


कारीगरों की होती हैं जरूरत

एसोसिएशन ऑफ होलसेल रेडिमेड गारमेंट्स डीलर्स के प्रधान केके बल्ली ने बताया कि कपड़े का काम ऐसा है कि इसमें एक साथ कई तरह के कारीगर जैसे कटिंग, सिलाई, इंटर लोकिंग, चेन बटन आदि की जरुरत पड़ती है.

इसमें से एक के भी नहीं रहने पर बाकियों का काम प्रभावित होता है. ये भी एक बड़ी वजह है कि जो थोड़े बहुत मजदूर बचे हैं, उनके होने के बावजूद भी फैक्ट्रियां नहीं खुल पा रही हैं.

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