नई दिल्लीः सफाई कर्मचारियों की कोर कमेटी की टीम ने अपनी लंबित मांगों को लेकर पूर्वी दिल्ली नगर निगम मुख्यालय के बाहर जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों की ज्यादा संख्या को देखते हुए पूर्वी दिल्ली नगर निगम के आसपास बेरिकेटिंग कर भारी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी.
इसके बावजूद सैकड़ों की संख्या में सफाई कर्मचारी मुख्यालय पर पहुंचे और जमकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने निगम अधिकारियों के खिलाफ नारेबाजी करते हुए बेरिकेट्स तोड़ने की भी कोशिश की.
यूनियन नेता संजय गहलोत ने कहा-
20 साल से ज़्यादा समय से सफाई कर्मचारी कॉन्ट्रेक्ट पर काम करने को मजबूर हैं. सफाई कर्मचारियों को फुटबॉल समझ लिया गया है. निगम और दिल्ली सरकार उन्हें एक दूसरे के पास भेज देती है.
संजय गहलोत ने कहा कि निगम प्रशासन और दिल्ली सरकार के ढुलमुल रवैए के मद्देनजर आगामी 20 नवंबर को उपराज्यपाल निवास और 26 नवंबर को दिल्ली सरकार के मुख्यमंत्री निवास पर घेराव किया जाएगा. फिर भी मांगे नहीं मानी गईं तो मजबूर होकर तीनों निगमों के हजारों कर्मचारी अपनी इच्छा से काम बंद कर हड़ताल पर जाने को मजबूर होंगे.
कर्मचारी नेता वीर सिंह धीगान ने कहा-
सफाई कर्मचारियों का एरियर वर्षों से बकाया है. रिटायर्ड कर्मचारियों का भुगतान नहीं हो रहा. सफाई कर्मचारियों को मेडिकल सुविधा नहीं मिल रही है. वर्षों से सफाई कर्मचारी को परमानेंट नहीं किया जा रहा. लेकिन करोड़ो की योजना लाकर सफाई व्यवस्था के निजीकरण की तैयारी की जा रही है.
बता दें कि सफाई कर्मचारियों की कोर कमेटी की टीम 22 अक्टूबर से सफाई कर्मचारियों की मांग को लेकर सिविक सेंटर के बाहर धरने पर बैठी है.