नई दिल्ली: आज देश का बजट वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश किया. इसमें किसानों के हित की बातें की गई, कृषि क्षेत्र में डिजिटल विकास पर जोर देने और स्टार्टअप के लिए नई कृषि नीति बनाने की बात कही गई. साथ ही किसानों को डिजिटल ट्रेनिंग देने और खेती के लिए विशेष फंड देने पर भी जोर दिया गया है. वहीं, किसानों को बागवानी योजनाओं के लिए 2200 सौ करोड़ रुपए और मोटे अनाज को एक बार फिर से उगाने के लिए सरकार जोर दे रही है. सरकार किसानों के लिए डिजिटल तकनीक से कृषि को बढ़ावा देने और एग्रीकल्चर एक्सीलेटर फंड का गठन करने की बात कर रही है.
वहीं, दिल्ली में खेती करने वाले किसान इन सब बातों को हवा-हवाई बता रहे हैं. किसानों का कहना है कि बचपन से इस तरह के बजट देखते आ रहे हैं. उन्होंने कहा राजधानी में ज्यादातर छोटे किसान हैं, ये किसान एक से लेकर 5 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं या फिर मजदूर किसान हैं. सरकार बड़े किसानों के हितों को ध्यान में रखकर बजट बनाती है. इनका कहना है कि छोटे किसान इस तरह की खेती नहीं कर सकते और ना ही इस तरह की डिजिटल ट्रेनिंग का उन्हें कोई लाभ मिलेगा. जहां सरकार किसानों के लिए हमेशा बड़ी-बड़ी बातें करती है और हर बार किसानों की सरकार के बजट को लेकर उम्मीदें होती हैं.
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गौरतलब है कि सरकार इस बार किसानों के लिए कुछ राहत का पैकेज दी है, लेकिन हर बार की तरह इस बार भी छोटे किसानों के लिए बजट में कुछ खास नहीं है. किसानों का कहना है कि सरकार दिल्ली के किसानों को किसान नहीं मानती, इसलिए उन्हें सरकार की योजनाओं का कोई लाभ नहीं मिलता है. बता दें, केंद्र सरकार देश के सभी किसानों को ध्यान में रखकर बजट तैयार करती है, लेकिन दिल्ली में दोनों ही सरकारों की राजनीति के कारण किसानों को इस तरह के बजट का खास फायदा नहीं मिल रहा है.
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