नई दिल्ली : दिल्ली में एक बार फिर पारा बढ़ने के साथ-साथ दिल्लीवासियों को पानी की परेशानी का भी सामना करना पड़ सकता है. यमुना का जलस्तर घट रहा है और अमोनिया की मात्रा लगातार बढ़ रही है. जिसकी वजह से वजीराबाद और चंद्रावल में 10 से 50 प्रतिशत तक पानी की क्षमता कम हुई है. यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़कर 5 पीपीएम तक पहुंच गई है. कई वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में शैवाल बढ़ गया. जिस कारण आने वाले समय में लोगों को पानी की समस्या का सामना करना पड़ेगा.
हाल के दिनों में बारिश की वजह से दिल्ली के तापमान में गिरावट जरूर दर्ज की गई, लेकिन पानी की डिमांड कम नहीं हुई है. राजधानी वाले पानी की समस्या से जूझ रहे हैं. जिसको लेकर दिल्लीवासी और दिल्ली जल बोर्ड भी पहले से ही चिंतित है. जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि एक तरफ यमुना नदी में अमोनिया का स्तर काफी बढ़ रहा है, तो प्लांट में भी शैवाल की समस्या बढ़ रही है. जिस वजह से प्लांट क्षमता से अधिक काम कर रहे हैं, उसके बावजूद भी पानी की पूर्ति नहीं हो पा रही है.
दिल्ली में आने वाले दिनों में 1000 से 1200 एमजीडी तक पानी की मांग पहुंचेगी. जल बोर्ड के अधिकारियों ने बताया कि यमुना में मंगलवार को अमोनिया का स्तर बढ़कर 5 पीपीएम तक पहुंच गया, जिसकी वजह से वजीराबाद और चंद्रावल प्लांट की क्षमता 10 से 50% तक कम हो गई. 28 मार्च की शाम को दिल्ली के कई इलाकों में कम प्रेसर के साथ पानी की सप्लाई जारी की गई.
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अधिकारियों ने बताया कि जब तक यमुना के जलस्तर में अमोनिया की मात्रा कम नहीं होगी, तब तक दिल्ली के कई इलाकों में पानी की समस्या इसी तरह बनी रहेगी. खासकर सिविल लाइन, बाड़ा हिंदू राव अस्पताल के आसपास के इलाके, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़गंज, एनडीएमसी इलाका, ओल्ड व न्यू राजेंद्र नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, बुराड़ी, संत नगर केशव नगर सहित कई कालोनियां, वजीराबाद व झड़ौदा आदि इलाके प्रभावित होंगे.