नई दिल्ली/गाजियाबाद: देशभर में 3 जुलाई को गुरु पूर्णिमा के रूप में मनाया जा रहा है. हिंदू संस्कृति में गुरु का दर्जा ईश्वर के समान माना गया है, इसलिए आषाढ़ माह की पूर्णिमा का विशेष महत्व है. ऐसे में इस दिन सभी अपने गुरुजनों का आशीर्वाद लेकर अपने दिन की शुरुआत करते हैं. इसी की परिभाषा लोगो को बताते हुए दिल्ली रोहिणी सेक्टर 12 में दिव्य भक्ति सत्संग के माध्यम से सुधांशु महाराज लोगों तक इसका संदेश पहुंचाने का काम किया.
आपको बता दें कि बीते 30 जून से रोहिणी सेक्टर 12 में दिव्य भक्ति सत्संग का आयोजन किया जा रहा है. इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी इस भक्ति रस में नजर आए. वहीं सुधांशु महाराज ने अपने आशीर्वचन से सभी का ध्यान अपने भगवान की ओर आकर्षित किया. सुधांशु महाराज ने कहा कि जब हम अपने भगवान की पूजा करते हैं, तो जरूरी है कि हम खुद को समर्पित भाव से अपने आराध्य का ध्यान लगाए.
इसे भी पढ़ें: Guru Purnima 2023 : गुरु पूर्णिमा व व्यास पूर्णिमा की ही नहीं भगवान बुद्ध का भी है कनेक्शन, सबका एक ही संदेश
उन्होंने कहा कि अक्सर पूजा के समय यदि कोई मेहमान आ जाता है तो हम मेहमान नवाजी में जुट जाते हैं और पूजा अर्चना को भूल जाते है. जबकि अगर दूसरे अन्य समुदाय की बात करें तो वो अपने मेहमान को भी अपनी पूजा में शामिल कर लेते हैं. अपने प्रवचन के दौरान उन्होंने हर बात अपने आराध्य की ओर समर्पित भावना को जोर देते हुए कहा.
गौरतलब है कि रोहिणी सेक्टर 12 में चल रहे इस दिव्य सत्संग का आज आखिरी दिन था. गुरु पूर्णिमा के अवसर पर दिव्य सत्संग का यह मौका और भी खास हो गया. इसी का नतीजा रहा कि यह पूरा सत्संग अपने गुरु और अपने आराध्य के प्रति समर्पण भाव पर केंद्रित रहा.
इसे भी पढ़ें: Guru Purnima 2023 : गुरु पूर्णिमा के दिन हैं ये 3 शुभ योग, इस समय दीक्षा लेने से खुलेगी सफलता की राह