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डॉक्टर्स की हड़ताल: मरीजों का हाल-बेहाल, आपातकालीन सेवाएं भी बाधित - अस्पताल

एनएमसी बिल के विरोध में डॉक्टरों के हड़ताल से मरीज काफी परेशान हैं. गुरुवार को बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर अस्पताल में इलाज के लिए मरीज दर-बदर भटकते दिखे.

NMC बिल का विरोध कर रहे हैं डॉक्टर्स और मरीज हो रहे हैं परेशान, ETV BHARAT
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Published : Aug 2, 2019, 1:25 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के तमाम बड़े अस्पतालों में गुरुवार को एनएमसी बिल के विरोध में डॉक्टरों ने हड़ताल की. इसी कड़ी में रोहिणी के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों को दर-बदर भटकना पड़ा. मरीज दूर-दूर से इलाज के लिए अस्पताल में आए तो उन्हें पता चला कि आज अस्पताल में हड़ताल है. क्योंकि अस्पताल के अंदर तमाम तरह के उपचार संबंधी विभाग बंद थे. जिसका असर बीमार मरीजों के चेहरे पर दिखाई दिया.

NMC बिल का विरोध कर रहे हैं डॉक्टर्स और मरीज हो रहे हैं परेशान

आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से बाधित
बता दें कि रोहिणी के बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में ओपीडी, फार्मेसी और आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से बाधित थी. वहीं ओपीडी के बाहर कई ऐसे मरीज आए जिनका इलाज पहले से अस्पताल में चल रहा था.

25 किमी दूर से आए थे मरीज
बीमार मरीजों का कहना था कि अब एक हफ्ते बाद उन्हें दोबारा अस्पताल में आना होगा. वे 25 से 30 किमी दूर से इलाज के लिए अस्पताल आए थे ताकि उनका इलाज हो सके. इनमें ज्यादातर मरीज नजफगढ़, बादली, रोहिणी और सिरसपुर इलाके के हैं.

'एनएमसी बिल का खामियाजा सबको उठाना होगा'
यहां गौर करने वाली बात ये है कि डॉक्टर एनएमसी बिल पास होने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह पूरी तरह से डॉक्टर और मरीज विरोधी है. इसकी वजह से नाकाबिल डॉक्टरों को भी मरीजों का इलाज करने की छूट मिल जाएगी और मरीजों के इलाज में लापरवाही होगी. उसका खामियाजा सीनियर डॉक्टर को उठाना पड़ेगा.

इसलिए हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना कि जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती अस्पताल में हड़ताल चलती रहेगी. हालांकि, इस मामले पर अस्पताल के सीनियर डॉक्टर्स का साथ जूनियर डॉक्टर्स भी दे रहे हैं.

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के तमाम बड़े अस्पतालों में गुरुवार को एनएमसी बिल के विरोध में डॉक्टरों ने हड़ताल की. इसी कड़ी में रोहिणी के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों को दर-बदर भटकना पड़ा. मरीज दूर-दूर से इलाज के लिए अस्पताल में आए तो उन्हें पता चला कि आज अस्पताल में हड़ताल है. क्योंकि अस्पताल के अंदर तमाम तरह के उपचार संबंधी विभाग बंद थे. जिसका असर बीमार मरीजों के चेहरे पर दिखाई दिया.

NMC बिल का विरोध कर रहे हैं डॉक्टर्स और मरीज हो रहे हैं परेशान

आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से बाधित
बता दें कि रोहिणी के बाबासाहेब अंबेडकर अस्पताल में ओपीडी, फार्मेसी और आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से बाधित थी. वहीं ओपीडी के बाहर कई ऐसे मरीज आए जिनका इलाज पहले से अस्पताल में चल रहा था.

25 किमी दूर से आए थे मरीज
बीमार मरीजों का कहना था कि अब एक हफ्ते बाद उन्हें दोबारा अस्पताल में आना होगा. वे 25 से 30 किमी दूर से इलाज के लिए अस्पताल आए थे ताकि उनका इलाज हो सके. इनमें ज्यादातर मरीज नजफगढ़, बादली, रोहिणी और सिरसपुर इलाके के हैं.

'एनएमसी बिल का खामियाजा सबको उठाना होगा'
यहां गौर करने वाली बात ये है कि डॉक्टर एनएमसी बिल पास होने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि यह पूरी तरह से डॉक्टर और मरीज विरोधी है. इसकी वजह से नाकाबिल डॉक्टरों को भी मरीजों का इलाज करने की छूट मिल जाएगी और मरीजों के इलाज में लापरवाही होगी. उसका खामियाजा सीनियर डॉक्टर को उठाना पड़ेगा.

इसलिए हड़ताल कर रहे डॉक्टरों का कहना कि जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती अस्पताल में हड़ताल चलती रहेगी. हालांकि, इस मामले पर अस्पताल के सीनियर डॉक्टर्स का साथ जूनियर डॉक्टर्स भी दे रहे हैं.

Intro:Northwest delhi,

Location - rohini, BSA hospital..

बाईट - अस्पताल में इलाज के लिए आये मरीज ।

स्टोरी... दिल्ली तमाम बड़े अस्पतालों में आज सरकार में एनएमसी बिल के विरोध में डाक्टर हड़ताल में चके गए । दिल्ली के अस्पतालों में आज पूरी तरह से हड़ताल देखने को मिली । इसी कड़ी में रोहिणी के बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर अस्पताल में इलाज के लिए मरीजों को दरबदर भटकना पड़ा । मरीज दूर-दूर से इलाज के लिए अस्पताल में आए टी उन्हें पता चला कि आज अस्पताल में हड़ताल है । अस्पताल के अंदर तमाम तरह के उपचार संबंधी विभाग बंद थे । जिसका असर बीमार मरीजों के चहरे पर दिखाई दियाBody:रोहिणी के बाबासाहेब आंबेडकर अस्पताल में ओपीडी, फार्मेसी और आपातकालीन सेवाएं पूरी तरह से बाधित थी । ओपीडी के बाहर कई ऐसे मरीज आए जिनका इलाज पहले से अस्पताल में चल रहा था । जिनको काफी तरह की परत संबंधी परेशानियां थी । किसी की किडनी में इन्फेक्शन तो किसी का डायलिसिस होना था । डॉक्टर की हड़ताल के कारण मरीज दरबदर भटकते रहे । लेकिन अस्पताल में परेशान मरीजों को कोई बताना वाला नही था कि हड़ताल कब तक चलेगी । बीमार मरीजों का कहना है कि अब एक हफ्ते बाद उन्हें दोबारा अस्पताल में आना होगा जिसके लिए उन्हें अगले सप्ताह फिर से 25 से 30 किलोमीटर दूर इलाज के लिए आना होगा ताकि उन्हें उनका इलाज हो सके । कोई नजफगढ, बादली, रोहिणी तो कोई सिरसपुर से आ रहा था ।

अस्पतालों के डॉक्टर सरकार के एनएमसी बिल पास होने के विरोध में हड़ताल पर चले गए हैं । उनका कहना है कि यह पूरी तरह से डॉक्टर और मरीज विरोधी है इसकी वजह से नाकाबिल डॉक्टरों को मरीजों का इलाज करने की छूट मिल जाएगी और मरीजों के इलाज में लापरवाही होगी उसका खामियाजा सीनियर डॉक्टर से पड़ेगा । जिसकी वजह से अस्पताल में मरीजों के इलाज में हो रही लापरवाही की वजह से तीमारदार और डॉक्टर के बीच मारपीट तक हो जाती है इस तरह की घटनाएं बढ़ जाएंगी । जब तक सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती अस्पताल में हड़ताल चलती रहेगी । जूनियर डॉक्टर्स के साथ अस्पताल के सीनियर डॉक्टर्स भी उनका साथ दे रहे है
Conclusion:दिल्ली में चाहे अस्पताल नगर निगम, दिल्ली सरकार या केंद्र सरकार का ही क्यों न हो सभी अस्पतालों में आप पूरी तरह से स्वास्थ्य सेवाएं बाधित थी, जिसकी जिम्मेदार सरकार है ।
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