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DTC बसों में सफर के दौरान नीचे उतारे जाने को लेकर यात्री नाराज, किया हंगामा - यात्रियों को चलती बस से उतारा गया

दिल्ली अनलॉक हो चुकी है उसके बावजूद भी डीटीसी बसों में सफर करने को लेकर सवारी परेशान हैं. रोज सुबह बस स्टैंड पर बसों के इंतजार में लंबी-लंबी लाइन लगती है, लेकिन घंटों तक सवारिया बसों का इंतजार करती है.

DTC buses created a ruckus
DTC buses created a ruckus
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Published : Sep 22, 2021, 8:18 PM IST

Updated : Sep 23, 2021, 1:30 PM IST

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना महामारी के समय से डीटीसी बसों में सफर करने को लेकर सवारियों की संख्या निर्धारित की गई, ताकि कोरोना महामारी के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके. अब करीब डेढ़ साल बाद पूरी तरह से दिल्ली अनलॉक हो चुकी है उसके बावजूद भी डीटीसी बसों में सफर करने को लेकर सवारी परेशान हैं. रोज सुबह बस स्टैंड पर बसों के इंतजार में लंबी-लंबी लाइन लगती है, लेकिन घंटों तक सवारिया बसों का इंतजार करती है.

तब जाकर कहीं एक आदि डीटीसी की बस आती है और वह भी क्षमता से अधिक भर जाती है, जिसमें सिटिंग से फालतू सवारियों को नीचे उतारा जाता है. इस दौरान कई बार सवारियों का बस ड्राइवर कंडक्टर के साथ-साथ खुद सवारियों से भी झगड़ा होता है.

DTC बसों में सफर के दौरान नीचे उतारे जाने को लेकर यात्री नाराज

आज बुराड़ी इलाके में नत्थूपुरा मोड़ पर बस के इंतजार में खड़ी सवारियों ने हंगामा कर दिया, जिसके बाद डीटीसी विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और सवारियों को समझाने की कोशिश की. अधिकारियों ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से बसों में सवारियों के सफर को क्षमता से कम किया गया था, ताकि कोरोना महामारी के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके.

अब दिल्ली अनलॉक होने के बाद काम-काजी लोग भी अपने दफ्तर में काम पर जाने के लिए सुबह-सुबह बसों के इंतजार में घंटों तक लाइन में लगते हैं और तब भी उन्हें बस नहीं मिलती. लगातार हो रही अनियमितताओं के कारण आज लोगों के सब्र का बांध टूट गया और बसों में क्षमता से अधिक सवारियां चढ़ी तो उन्हें नीचे उतारने को लेकर हंगामा हुआ. डीटीसी बसों में सफर करने वाली सवारियों का कहना है कि लोग सुबह सुबह आकर लाइन में लगते हैं, तब जाकर उन्हें बस मिलती है और उसमें भी 40 से ज्यादा सवारियां नहीं बिठाई जाती.

सिटिंग से ज्यादा सवारियों को नीचे उतार दिया जाता है, फिर दोबारा से लोग लाइनों में लगते हैं, बस आती है तो धक्का-मुक्की कर दूसरे लोग बसों में झड़ जाते हैं लेकिन बुजुर्ग सवारिया बस स्टैंड पर ही खड़ी रह जाती हैं.

ये भी पढ़ें - DTC बस कथित घोटाले में बीजेपी की CBI जांच मांग वाली अर्जी उपराज्याल ने मंजूर की

सवारियों का कहना है कि कोरोना काल के दौरान से इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हर बार इसी तरह की दिक्कत होती है, लंबी लंबी लाइन में लगकर लोग डीटीसी बसों का इंतजार करते हैं. लोगों का आरोप है कि पीछे से बसों में सवारियां बैठ कर आती है, जिससे कुछ ही लोग बस स्टैंड से बसों में चढ़ते हैं, बाकी लोग रह जाते हैं.

लोगों ने डीटीसी विभाग के अधिकारियों को बताया कि बसों की कमी है जिसकी वजह से लोगों को परेशानी होती है, यदि रूट पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी तो समस्या का समाधान हो सकता है. वहीं डीटीसी बस के ड्राइवर ने बताया कि सरकारी आदेश है, ज्यादा सवारियां बस में नहीं बिठाई जा सकती. 40 से ज्यादा सवारियां होने पर उन्हें नीचे उतारा जाता है, सवारियां भी परेशान होती है जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही है.

किंग्सवे कैंप स्थित बंदा बहादुर मार्ग डीटीसी बस डिपो से आए अधिकारी भी नाराज सवारियों को समझाने में नाकाम रहे, लेकिन लोगों की मांग है कि इलाके में बसों का परिचालन बढ़ाया जाना चाहिए. जिससे बसों की कमी की वजह से उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान हो सकता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अधिकारियों के नींद कब टूटती है और कब रूट पर बसों का परिचालन बढ़ेगा.

नई दिल्ली: राजधानी में कोरोना महामारी के समय से डीटीसी बसों में सफर करने को लेकर सवारियों की संख्या निर्धारित की गई, ताकि कोरोना महामारी के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके. अब करीब डेढ़ साल बाद पूरी तरह से दिल्ली अनलॉक हो चुकी है उसके बावजूद भी डीटीसी बसों में सफर करने को लेकर सवारी परेशान हैं. रोज सुबह बस स्टैंड पर बसों के इंतजार में लंबी-लंबी लाइन लगती है, लेकिन घंटों तक सवारिया बसों का इंतजार करती है.

तब जाकर कहीं एक आदि डीटीसी की बस आती है और वह भी क्षमता से अधिक भर जाती है, जिसमें सिटिंग से फालतू सवारियों को नीचे उतारा जाता है. इस दौरान कई बार सवारियों का बस ड्राइवर कंडक्टर के साथ-साथ खुद सवारियों से भी झगड़ा होता है.

DTC बसों में सफर के दौरान नीचे उतारे जाने को लेकर यात्री नाराज

आज बुराड़ी इलाके में नत्थूपुरा मोड़ पर बस के इंतजार में खड़ी सवारियों ने हंगामा कर दिया, जिसके बाद डीटीसी विभाग के अधिकारी भी मौके पर पहुंचे और सवारियों को समझाने की कोशिश की. अधिकारियों ने बताया कि कोरोना महामारी की वजह से बसों में सवारियों के सफर को क्षमता से कम किया गया था, ताकि कोरोना महामारी के संक्रमण से लोगों को बचाया जा सके.

अब दिल्ली अनलॉक होने के बाद काम-काजी लोग भी अपने दफ्तर में काम पर जाने के लिए सुबह-सुबह बसों के इंतजार में घंटों तक लाइन में लगते हैं और तब भी उन्हें बस नहीं मिलती. लगातार हो रही अनियमितताओं के कारण आज लोगों के सब्र का बांध टूट गया और बसों में क्षमता से अधिक सवारियां चढ़ी तो उन्हें नीचे उतारने को लेकर हंगामा हुआ. डीटीसी बसों में सफर करने वाली सवारियों का कहना है कि लोग सुबह सुबह आकर लाइन में लगते हैं, तब जाकर उन्हें बस मिलती है और उसमें भी 40 से ज्यादा सवारियां नहीं बिठाई जाती.

सिटिंग से ज्यादा सवारियों को नीचे उतार दिया जाता है, फिर दोबारा से लोग लाइनों में लगते हैं, बस आती है तो धक्का-मुक्की कर दूसरे लोग बसों में झड़ जाते हैं लेकिन बुजुर्ग सवारिया बस स्टैंड पर ही खड़ी रह जाती हैं.

ये भी पढ़ें - DTC बस कथित घोटाले में बीजेपी की CBI जांच मांग वाली अर्जी उपराज्याल ने मंजूर की

सवारियों का कहना है कि कोरोना काल के दौरान से इस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. हर बार इसी तरह की दिक्कत होती है, लंबी लंबी लाइन में लगकर लोग डीटीसी बसों का इंतजार करते हैं. लोगों का आरोप है कि पीछे से बसों में सवारियां बैठ कर आती है, जिससे कुछ ही लोग बस स्टैंड से बसों में चढ़ते हैं, बाकी लोग रह जाते हैं.

लोगों ने डीटीसी विभाग के अधिकारियों को बताया कि बसों की कमी है जिसकी वजह से लोगों को परेशानी होती है, यदि रूट पर बसों की संख्या बढ़ाई जाएगी तो समस्या का समाधान हो सकता है. वहीं डीटीसी बस के ड्राइवर ने बताया कि सरकारी आदेश है, ज्यादा सवारियां बस में नहीं बिठाई जा सकती. 40 से ज्यादा सवारियां होने पर उन्हें नीचे उतारा जाता है, सवारियां भी परेशान होती है जिसकी वजह से इस तरह की घटनाएं लगातार सामने आ रही है.

किंग्सवे कैंप स्थित बंदा बहादुर मार्ग डीटीसी बस डिपो से आए अधिकारी भी नाराज सवारियों को समझाने में नाकाम रहे, लेकिन लोगों की मांग है कि इलाके में बसों का परिचालन बढ़ाया जाना चाहिए. जिससे बसों की कमी की वजह से उत्पन्न हुई समस्याओं का समाधान हो सकता है. अब देखने वाली बात यह होगी कि लगातार मिल रही शिकायतों के बाद अधिकारियों के नींद कब टूटती है और कब रूट पर बसों का परिचालन बढ़ेगा.

Last Updated : Sep 23, 2021, 1:30 PM IST
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