नई दिल्ली: नॉर्थ-वेस्ट दिल्ली के मंगलोपुरी इलाके में एक 5 मंजिला बिल्डिंग को विशेषज्ञों की देखरेख में गिरा दिया गया है. जिससे बिल्डिंग में रहने वाले लोगों को भारी नुकसान हुआ है. मकान में रहने वाले लोगों से उनका घर छिन गया है.
स्थानीय लोगों का आरोप है कि मंगोलपुरी थाना क्षेत्र में एमसीडी और बिल्डर की सांठगांठ से नियमों को ताक पर रखकर ये इमारत बनाई गई थी. लोगों ने बिल्डर और निगम के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की है.
5 मंजिला बिल्डिंग झुकी
दरअसल दिल्ली के मंगोलपुरी स्थित G ब्लॉक में बनी एक बिल्डिंग कुछ ही महीनों में ये बिल्डिंग झुककर टेढ़ी हो गई. स्थानीय लोगों का कहना है कि बिल्डर और नॉर्थ एमसीडी ने सारे नियम कायदों को ताक पर रख जैसे तैसे 5 मंजिला इमारत बना तो दी, लेकिन कुछ ही महीनों में ये बिल्डिंग झुककर टेढ़ी हो गई. जिसके बाद आसपास के लोगों की ओर से निगम में शिकायत की.
निगम ने बिल्डिंग को किया जमींदोज
निगम ने कार्रवाई करते हुए बाद में बिल्डिंग को डेंजर घोषित कर विशेषज्ञों की देखरेख में गिरा दिया. इस बिल्डिंग में रहने वाले लोगों के मुताबिक इस बिल्डिंग को कुछ महीनों पहले ही बिल्डर ने बनाया और लोगों को बेच दिया. बिल्डिंग के टूट जाने के बाद कई गरीब लोगों के आशियाने उजड़ गए. लोग बिल्डिंग से अपना सामान तक बाहर नहीं निकाल पाए.
स्थानीय लोग बिल्डर और निगम के खिलाफ कार्रवाई की मांग के साथ मुआवजे की मांग को लेकर मुख्यमंत्री और उपराज्यपाल को पत्र लिख कर भेजेंगे. गौरतलब है कि सोमवार शाम महाराष्ट्र में भी बिल्डिंग गिरने के बाद कई लोग मलबे में दब गए और कई लोगों की मौत भी हुई.
बहरहाल इस अवैध बिल्डिंग को भले ही निगम ने किसी बड़ा हादसा होने से पहले जमींदोज कर दिया हो, लेकिन कई ऐसे सवाल हैं जो नगर निगम की कार्यशैली पर उंगली उठा रहे हैं. आखिर कैसे इतना बड़ा अवैध निर्माण हो गया. जब ये बिल्डिंग नियमों की अनदेखी कर बनाई जा रही थी, तो इसके निर्माण की इजाजत कैसी मिल गई. निगम ने पहले इस बिल्डिंग के निर्माण पर सवाल क्यों नहीं उठाया. इस मामले को लेकर जांच होनी चाहिए, साथ ही दोषियों को कड़ी सजा मिलनी चाहिए.