नई दिल्ली: नांगलोई मेट्रो स्टेशन के नीचे काफी संख्या में ऑटो और ई-रिक्शा वाले खड़े रहते हैं. ऐसे में यात्रियों को मेट्रो स्टेशन तक पहुंचना और बाहर निकला मुश्किलों से भरा हुआ होता है. साथ ही सड़क पर ट्रैफिक की समस्या भी बढ़ती जा रही है.
300 मीटर तक रेहड़ी-पटरी का कब्जा
नांगलोई मेट्रो स्टेशन पर एंट्री और एग्जिट के लिए दो गेट हैं. इन दोनों गेटों तक पहुंचने के लिए यात्रियों को काफी मशक्कत करनी पड़ती है. स्टेशन के नीचे रेहड़ी-पटरी वालों ने कब्जा जमाया हुआ है. शाम होते ही यहां दुकानें सज जाती हैं. वहीं दिनभर यहां काफी संख्या में ई-रिक्शा का जमावड़ा लगा रहता है. ड्राइवर मेट्रो स्टेशन से निकलने वाले यात्रियों पर लपक पड़ते हैं. इतना ही नहीं, सवारी बैठाने के लिए ई-रिक्शा ड्राइवर आपस में भिड़ जाते हैं. कई बार तो लोगों को जबरन ई-रिक्शा में बिठाने पर मजबूर कर देते हैं.
अनलॉक के चरणों से बढ़ा ट्रैफिक
गौरतलब है कि लॉकडाउन के समय से दिल्ली की सड़कों से ट्रैफिक कम हो गया था. लेकिन जब से अनलॉक के चरणों की शुरुआत हुई है, तब से धीरे-धीरे ट्रैफिक फिर से दिल्ली की सड़कों पर अपनी पकड़ बनाता जा रहा है और इसका खामियाजा यहां से गुजरने वाले वाहन चालक भुगत रहे हैं.
ट्रैफिक लगने का एक कारण यह भी है कि ई-रिक्शा और ऑटो चालक दिनभर सवारियों के इंतजार में यही खड़े रहते हैं लेकिन उन्हें सवारियां नहीं मिलती, जिसके कारण मेट्रो स्टेशन पर अतिक्रमण बढ़ते-बढ़ते ट्रैफिक की समस्या में तब्दील हो जाता है.